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अश्वगंधा क्या है, फायदे,नुकसान संपूर्ण जानकारी (Ashwagandha kya hai)

दोस्तो अश्वगंधा(Ashwagandha) एक बहुत ही पावरफुल जड़ी बूटी की श्रेणी में आता है जिसका टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जो कि कई सारी बीमारियों से बचाने के साथ साथ शरीर को अंदर से ताकत प्रदान करने का काम करता है लेकिन इसका सही फायदा शरीर को मिलने के लिए इसे खाने का सही समय और सही तरीके का भी पता होना बहुत जरूरी होता है।

इसलिए आज के इस Article में हम बात करेंगे कि अश्वगंधा(Ashwagandha) का कब कैसे और कितना इस्तेमाल करना चाहिए इसके फायदे और नुकसान क्या हो सकते हैं कैसे लोगो को इसका इस्तेमाल करना चाहिए और किसे नहीं करना चाहिए इसे इस्तेमाल करते वक्त किन किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और क्या अश्वगंधा का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से कोई नुकसान भी हो सकता है।

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अश्वगंधा क्या है(What is Ashvgandha)

अश्वगंधा(Ashwagandha) एक जड़ी बूटी है जो शरीर के हॉर्मोन को बैलेंस करने का काम करता है। एंजाइटी डिप्रेशन और तनाव को कम करने के साथ साथ अच्छी नींद पाने ब्रेन पावर को बूस्ट करने आपके मूड को तरोताजा रखने और ब्लड शुगर को कम करने का काम करता है। ये शरीर में टेस्टोस्टेरोन जैसे हॉर्मोन की मात्रा को बढ़ाता है जिससे कि शरीर में मसल मास की मात्रा को बढ़ने और बढ़ी हुई चर्बी को कम करने में काफी हद तक मदद मिलती है।

इतना ही नहीं ये औरतों और मर्दों में सेक्शुअल हेल्थ को इम्प्रूव करने इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में भी काफी हद तक मदद करता है।

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अश्वगंधा में ऐसा क्या है जो कि शरीर को इतने सारे फायदे पहुंचाता है(Benefits of ashwagandha)

दरअसल अश्वगंधा एक पौधे के रूप में होता है जिसकी जड़ को सुखाकर पाउडर और कैप्सूल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो अश्वगंधा(Ashwagandha) में कई तरीके के मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं लेकिन इसकी सबसे खास बात ये है कि ये एक एस्ट्रोजेन की श्रेणी में आता है।

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अश्वगंधा टेंशन और तनाव की वजह से शरीर में असंतुलन को फिर से संतुलित करने का काम करता है। ये बात सभी किसी को पता है कि स्ट्रेस और तनाव का होना लगभग सभी बीमारियों की जड़ होती है। चाहे स्किन से जुड़ी कोई प्रॉब्लम हो या कमजोर बाल। मानसिक और शारीरिक कमजोरी सेक्शुअल प्रॉब्लम रातों को जल्दी नींद ना आना और कई तरीके की बीमारियों को और भी ज्यादा बढ़ा कर बद से बत्तर बनाने में टेंशन और तनाव का एक बहुत ही बड़ा हाथ होता है और उसी तनाव को Ashwagandha बहुत ही बेहतर तरीके से कंट्रोल करने का काम करता है

जिससे कि ऊर्जा व दिमाग शांत होता है और शरीर अपने आप में बैलेंस होने लगता है। यही वजह है कि अश्वगंधा(Ashwagandha) को शरीर के लिए इतना फायदेमंद माना जाता है।

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अश्वगंधा का कैसे इस्तेमाल करना चाहिए(Uses of ashwagandha)

अब बात करते हैं कि अश्वगंधा का पाउडर फॉर्म में या फिर कैप्सूल में इस्तेमाल करना चाहिए तो अश्वगंधा(Ashwagandha) दोनों ही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन पाउडर फॉर्म में इस्तेमाल करना सादा बेहतर ऑप्शन हो सकता है क्योंकि अश्वगंधा(Ashwagandha)बहुत ही आसानी से पाउडर में बदल दिया जाता है जबकि कैप्सूल फॉर्म में बनाने के लिए अश्वगंधा को कई सारे प्रोसेस से गुजरना पड़ता है इसलिए कैप्सूल के मुकाबले पाउडर सदन नैशनल फोन में मौजूद होता है।

हालांकि अगर कंपनी वाले की नीयत में खोट हो तो वो पाउडर और कैप्सूल दोनों में ही मिलावट कर सकते हैं इसलिए इसे खरीदते वक्त सिर्फ सस्ते के पीछे ना जाकर इसके अच्छी क्वालिटी का भी खास ख्याल लगना चाहिए।

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अश्वगंधा को किन चीजों के साथ इस्तेमाल करना चाहिए।(About Uses of ashwagandha)

अगर आपको मिल्क यानि देसी गाय का दूध मिलता है तो अश्वगंधा(Ashwagandha) को हल्के गर्म दूध के साथ इस्तेमाल करना सबसे बेहतर ऑप्शन हो सकता है। देसी गाय का दूध न मिलने पर इसे भैंस के दूध के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है और अगर वो दूध बिना मिले तो इसे सिर्फ हल्के गर्म पानी के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसके स्वाद को बेहतर बनाने के लिए इसमें थोड़ा सा धागे वाली मिश्री या नहीं तो प्योर शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। ख्याल रखें कि अगर शहद आपको प्योर ना मिले तो इसे बिना शहद के इस्तेमाल करना ही ज्यादा बेहतर ऑप्शन हो सकता है। अश्वगंधा(Ashwagandha) का कब इस्तेमाल करना चाहिए। अश्वगंधा(Ashwagandha) को रात का खाना खाने के दो घंटे बाद और सोने से कम से कम एक घंटे पहले इस्तेमाल करना सबसे बेहतर ऑप्शन हो सकता है लेकिन अगर आपके लिए अश्वगंधा को इस तरीके से इस्तेमाल करना मुमकिन न हो तो इसे आप रात के खाने के एक से डेढ़ घंटा पहले भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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उसी तरह अगर आप इसे सुबह के वक्त इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसे नाश्ते की एक डेढ़ घंटा पहले या फिर नाश्ते के दो घंटे बाद में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा अगर आप हेवी वर्कआउट करने के बाद प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करते हैं तो अश्वगंधा(Ashwagandha) को उस प्रोटीन शेक में डालकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है

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अश्वगंधा का कितना इस्तमाल करना चाहिए(Everything about Uses of ashwagandha)

आमतौर पर अश्वगंधा(Ashwagandha) का आपको पूरे दिन में सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल करना चाहिए। हल्की एक्सरसाइज या फिर बहुत ज्यादा मेहनत करने वाले लोग इसका दिनभर में दो बार भी इस्तेमाल कर सकते हैं और साथ ही अश्वगंधा(Ashwagandha) तासीर में गर्म होने की वजह से इसकी शुरुआत हमेशा ही थोड़ी मात्रा से करनी चाहिए।

अगर आप पहली बार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो एक बार में हाफ टीस्पून यानि के आधा छोटा चम्मच अश्वगंधा(Ashwagandha) पाउडर ही काफी हो जाता है और बाद में एक छोटा चम्मच तक इसकी मात्रा बढ़ाई जा सकती है। अगर आप औरत हैं और एक्सरसाइज करते हैं तो वन बाई फोर टीस्पून यानि के एक चौथाई छोटा चम्मच अश्वगंधा(Ashwagandha) का इस्तेमाल किया जा सकता है और बाद में इसकी मात्रा हाफ टीस्पून तक बढ़ाई जा सकती है।

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किन लोगो को अश्वगंधा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

पहले तो जिन लोगों के पेट में अल्सर की प्रॉब्लम या फिर पेट में बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होती है उन लोगों को अश्वगंधा(Ashwagandha) का तब तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जब तक कि पेट का अल्सर पूरी तरीके से ठीक न हो जाए।

अश्वगंधा(Ashwagandha) कुछ दवाइयों के साथ भी इंटरैक्ट करता है इसलिए खासकर वो लोग जो पहले से ही किसी बीमारी की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें अश्वगंधा(Ashwagandha) का इस्तेमाल करने से पहले किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम है उन्हें भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि अश्वगंधा ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है जो कि हाई ब्लड प्रेशर वाले के लिए तो फायदेमंद होता है।

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लेकिन लो ब्लड प्रेशर में इसका इस्तेमाल करने से यह समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है। इसके अलावा गर्भवती महिलाएं और जिन औरतों के दूध पीने वाले छोटे बच्चे होते हैं उन्हें भी अश्वगंधा(Ashwagandha) का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए नहीं तो ये फायदे के बजाय नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा औरतों में हॉर्मोन से जुड़ी ऐसी बीमारियां जिसमें शरीर में टेस्टोस्टेरोन जैसे हॉर्मोन की मात्रा बढ़ गई हो उसमें भी अश्वगंधा का इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए नहीं तो इससे प्रॉब्लम और भी ज्यादा बढ़ सकती है।

अर्थराइटिस थायरॉइड और सोरायसिस जैसी आटो इम्यून डिजीज की कैटिगरी में आने वाली बीमारियों में अश्वगंधा(Ashwagandha) कभी कभी उल्टा भी काम करने लगता है। हालांकि हमेशा ऐसा नहीं होता लेकिन फिर भी अगर आपको कोई ऑटोइम्यून डिजीज की प्रॉब्लम है तो अश्वगंधा का इस्तेमाल करने से पहले आपको किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए।

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क्या अश्वगंधा का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से कोई नुकसान भी हो सकता है।

अश्वगंधा(Ashwagandha) का कभी भी ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ये एक बहुत ही पावरफुल जड़ी बूटी होने की वजह से इसका ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से उल्टी दस्त और कई दूसरी समस्याएं भी शुरू हो सकती हैं।

अश्वगंधा का इस्तेमाल करते वक्त कौन कौन सी बातों का ख्याल रखना चाहिए।

सबसे पहले तो इस बात को समझना जरूरी है कि अश्वगंधा stress को सिर्फ कम करता है उसे खत्म नहीं करता। इसलिए अश्वगंधा(Ashwagandha) का इस्तेमाल करने के साथ साथ आपको अपनी उन आदतों पर भी कंट्रोल करना चाहिए जोकि स्ट्रेस को बढ़ाने का कारण बनता है। अश्वगंधा तासीर में गर्म और खुश होता है। इसलिए अगर आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो अपने पूरे दिन खाए जाने वाले खाने में ज्यादा रस वाले फल और सलाद को जरूर शामिल करना चाहिए और साथ ही एक सही मात्रा में पानी पीने का भी खास ख्याल रखना चाहिए।

हमने क्या सीखा

दोस्तों इस आर्टिकल मे हमने जाना अश्वगंधा(Ashwagandha) in Hindi क्या है। अश्वगंधा(Ashwagandha) क्या है। अश्वगंधा(Ashwagandha) से जुड़े हमें जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई। उसे हमने आपके सामने प्रस्तुत किया है। अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई डाउट है। तो आप बेफिक्र होकर हमें कमेंट या ईमेल कर सकते हैं।

यह article “अश्वगंधा क्या है, फायदे,नुकसान संपूर्ण जानकारी( Ashvgandha kya hai)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।

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