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गुप्त ऊष्मा (Latent Heat in hindi) क्या होता है गुप्त ऊष्मा की परिभाषा, गुप्त ऊष्मा के प्रकारों के बारे जानकारी

दोस्तों गुप्त ऊष्मा (Latent Heat in hindi)सुनने में काफी रहस्यपूर्ण टाइप का लग रहा है। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है। गुप्त यानी कि गायब, अब यह गायब उष्मा क्या होती है। आज के इस आर्टिकल में इसे हम बेहतर तरीके से समझेंगे।

गुप्त ऊष्मा की परिभाषा(Latent Heat in hindi)-

“किसी पदार्थ के 1 ग्राम की मात्रा को स्थिर ताप पर अवस्था-परिवर्तन में जितनी ऊष्मा व्यय होती है, उसे उस पदार्थ की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।”

•इसे L से व्यक्त किया जाता है।
•इसका मात्रक कैलोरी/ग्राम, जूल/ग्राम, /किग्राहोता है।

यदि किसी पदार्थ का द्रव्यमान m तथा गुप्त ऊष्मा L हो, तो उस पदार्थ द्वारा एक निश्चित ताप पर, अवस्था परिवर्तन में ली गई अथवा दी गई ऊष्मा Q=mL होती है।

गुप्त ऊष्मा के प्रकार (Types of Latent Heat)-

गुप्त ऊष्मा दो प्रकार की होती है-

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(i) जल वाष्पन की गुप्त ऊष्मा– 1 ग्राम जल को 100°C पर वाष्प में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा जल के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहलाती है।

•इसका मान 540 कैलोरी/ग्राम 540 किलो कैलोरी/किग्रा
= 2.268 x 103 जूल/किग्रा होता है।

(ii) बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा- 0°C पर 1 ग्राम बर्फ को जल में बदलने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा कहलाती है।

•इसका मान 80 कैलोरी/ग्राम 80 किलो कैलोरी/किग्रा
= 3.36 x 103 जूल/किग्रा होता है।

गुप्त ऊष्मा की व्याख्या-What is latent heat in hindi

यदि बर्फ के एक टुकड़े को जिसका 0°C से नीचे -5°C तापमान है अब इसे धीरे-धीरे गर्म किया जाय तो पहले इसका ताप 0°C तक बढ़ता है। जब बर्फ 0°C पर आ जाती है तो पिघलना प्रारम्भ करती है लेकिन पिघलते समय लगातार ऊष्मा देते रहने पर भी बर्फ का ताप 0°C ही बना रहता है,

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जब तक कि सारी की सारी बर्फ पिघल कर जल में परिवर्तित नहीं हो जाती। उसके बाद जल को ऊष्मा देने पर उसका ताप बढ़ने लगता है। इससे पता चलता है की जब बर्फ ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तित होती है तो उसका ताप नियत रहता है।

प्रयोगों द्वारा यह ज्ञात होता है कि 1 किग्रा. बर्फ को 0°C से पिघलकर 0°C के जल में परिवर्तित होने के लिये 80 किलोकैलोरी या 336000 जूल ऊष्मा की आवश्कता होती है। यह ऊष्मा ही बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा कहलाती है।

इसी प्रकार जब 0°C के जल को लगातार ऊष्मा दिया जाय तो इसका ताप 100°C तक बढ़ता है। 100°C पर जल भाप में परिवर्तित होने लगता है। इस अवस्था में जल को ऊष्मा (Latent Heat in hindi)देने पर भी उसका ताप नहीं बढ़ता।

1 किलोग्राम जल को 100°C से 100°C की भाप में बदलने के.लिये 540 किलोकैलोरी या 2268000 जूल ऊष्मा की आवश्यकता होती है। अतः स्पष्ट है कि जब पदार्थ की अवस्था.में परिवर्तन होता है, तो उसका ताप स्थिर रहता है।

अवस्था परिवर्तन के समय स्थिर ताप पर पदार्थ के एकाँक द्रव्यमान को दी गई आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को गुप्त ऊष्मा कहते हैं। “

ठण्डे पेय पदार्थों की बोतलों को ठंडा रखने के लिये उन्हें 0°C के पानी में रखकर बर्फ से ढक देते हैं। ऐसा करने से पेय पदार्थ ज्यादा ठण्डे बने रहते हैं क्योंकि जब एक ग्राम बर्फ 0°C.के जल में परिवर्तित होती है तो 336 जूल ऊष्मा अवशोषित (absorb) करती है।

इसी प्रकार 100°C के जल की अपेक्षा 100°C की भाप से जलने पर अधिक जलन होती हैं क्योंकि जब.1 ग्राम भाप 100°C के जल में परिवर्तित होती है तो 2260 जूल
या 540 कैलोरी अधिक ऊष्मा देती है।

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यह article “गुप्त ऊष्मा (Latent Heat in hindi) क्या होता है गुप्त ऊष्मा की परिभाषा, गुप्त ऊष्मा के प्रकारों के बारे जानकारी” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।

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