दोस्त अगर आपको भी Overthinking कि problems तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस आर्टिकल में देखेंगे ओवरथिंकिंग क्या होता है। ओवरथिंकिंग से बाहर कैसे आये। क्या ओवरथिंकिंग करना सही है। ओवरथिंकिंग कैसे हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।
Overthinking का मतलब
दोस्तों हमारा सोच ही हमारे आज और आने वाले कल को decide करती है। लेकिन हमारी यही सोच अगर हद से ज्यादा चिंता और हद से ज्यादा सोचने की आदत में बदल जाए। तब यह हमें physically और mentally काफी नुकसान पहुंचाने लगती है। इसे generalized anxiety disorder भी कहा जाता है।
दोस्तों काफी अध्ययनों से पता चला है कि over thing करने वाले लोग हमेशा past, future और life के बारे में सोचते रहते हैं। लेकिन दोस्तों ज्यादातर उनके विचार नकारात्मक ही होते हैं। वह हमेशा डरे रहते हैं कि भविष्य में उनके साथ कुछ गलत होगा। इसी डर के कारण का कोई काम नहीं कर पाते है।
दोस्तों दिमाग के हमेशा चलते रहने के कारण उन्हें सोने में दिक्कत, शरीर में दर्द, चिड़चिड़ापन और थकान रहती हैं। जिसके कारण ऐसे लोगों को पढ़ाई और काम में फोकस करने की क्षमता में कमी आने लगती है। जिसके कारण यही overthinking, Anxiety disorder एक मानसिक बीमारी का रूप ले लेती है। दोस्त अगर आप इन चीजों से बचना चाहते हैं तो हम आपको नीचे कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनको आपको बड़े ही बारीकी से फॉलो करना होगा।
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1) जिन चीजों पर आप पर काबू नहीं है। उनके बारे में चिंता करना छोड़ दें।
दोस्तों हम सभी चाहते हैं कि चीजें वैसे ही हो जैसा हम चाहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि हम हर एक चीज और situation को कंट्रोल नहीं कर सकते है। सिर्फ अपने आप को कंट्रोल कर सकते हैं। यह दुनिया हमारे हिसाब से नहीं चलती है।
दोस्त जब भी आपको लगे चीजें आपके हिसाब से या फिर आपके कंट्रोल से बाहर हैं। तो उसे भगवान के ऊपर छोड़ देना चाहिए। अपने आप से और अपने मन में यह बोलो कि भगवान जो करते हैं वह अच्छा ही करते हैं। बस अपने कर्म पर ध्यान रखना। दोस्त जिन चीजों पर आपका कंट्रोल है आपको उन्हीं के ऊपर अपना फोकस करना होगा। इससे आप वर्तमान में जीना सीख जाएंगे।
2)दोस्तों आपको 5%, 15% और 80 परसेंट का नियम फॉलो करना होगा
दोस्त यह नियम काफी कामयाब है इस नियम का उपयोग करके आप overthinking से बहुत जल्द बाहर आ सकते हो। कैसे? आपको 5% past के बारे में सोचना होगा। 15% future के बारे में सोचना होगा। चुकी यह दोनों हमारे कंट्रोल से हमेशा बाहर होते हैं। इसलिए इनके बारे में आप जितना कम सोचेंगे। उतना आप Overthinking से बाहर निकलते जाएंगे। आपको 80% आज में जीना है। आपको जो कुछ करना है आज ही करना है। दोस्तों आप इन चीजों को अपने मन मे माप तो नहीं सकते लेकिन कोशिश करिएगा कि आप इन चीजों को जितना हो सके apply कर पाओ।
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3) अपने मन में चलने वाले चिंताओं देखे और उसे समझने का प्रयास करें
दोस्त का सबसे अच्छा तरीका है आप कहीं शांत जगह पर बैठ जाओ। उसके बाद अपने मन में चल रही है उन बातों को ध्यान से देखो। जिनको लेकर आप बहुत परेशान हो। इन सभी बातों को एक डायरी में नोट करते जाओ। अब इनमें से आपका जिन पर कोई कंट्रोल नहीं है। जिसे आप चाह कर भी नहीं बदल सकते हो। उसे अपनी डायरी से काट दो। इसके बाद आपके पास बस वही चिंता बचेंगे जिन पर आपका कंट्रोल है और जिसे आप बदल सकते हो। अब इन चिंताओं को एक पेपर के अलग साइड पर लिखो कि आप इन्हें कैसे चेंज या फिर बदल सकते हो।
दोस्त ऐसा करने से आप समझ जाओगे कि आपको किन चीजों के बारे में सोचना है और किन चीजों के बारे में नहीं सोचना है।
4) अपने दिमाग और भावनाओं को काबू में रखो
दोस्त यह दोनों बड़े ही शक्तिशाली चीजे है। आपको इन पर अपना कंट्रोल बनाना होगा। आपको खुद डिसाइड करना होगा कि किन भावनाओं में आपको बहना है और किसमें नहीं बहना है। पूरे दिन में हमारे मन में हजारों भावनाएं उत्पन्न होते हैं। और यही भावनाएं हमारे दिमाग को उल्टे सीधे तरीके बताती हैं। जिससे हमारे दिमाग और ज्यादा परेशान हो जाता हैं। और उन चीजों के बारे में सोचने लगता है। जो इसके काबू में नहीं होती।
इसलिए सबसे पहले आपको अपने जीवन का कंट्रोल अपने हाथ में लेना होगा। आपको ऐसी भावनाओं में बिल्कुल नहीं बहना होगा जो हमारे कंट्रोल से बाहर हैं। इस चीज को कंट्रोल करने के लिए आपको हर रोज मेडिटेशन करना होगा। समय के साथ आप देखोगे इन चीजों पर आपका कंट्रोल बढ़ता जाएगा। इसलिए आप हर रोज मेडिटेशन करें। शुरुआत में आपको बहुत मुश्किल हो सकता है लेकिन वक्त के साथ आप इन पर कंट्रोल पा लेंगे।
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5) अपने सिवा किसी से ज्यादा उम्मीद ना रखो
दोस्तों ज्यादातर अध्ययन में यह देखा गया है लोग हमेशा इसलिए उदास हो जाते हैं क्योंकि सामने वाला व्यक्ति उनके उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता। इसमें सामने वाले की कोई गलती नहीं है। दोस्त आपको अपने सिवा किसी से कोई उम्मीद नहीं रखना चाहिए। यह उम्मीदें ही होते हैं जो हमें Overthinking की ओर खींच ले जाती है।
कई लोगों को मैंने देखा है जिनके साथ past मे कुछ गलत हुआ था जिसको लेकर वह आज भी दुखी होते रहते हैं। और हमेशा अपने आपको या फिर सामने वाले को कोसते रहते हैं। उसने ऐसा क्यों किया,मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ। दोस्त इसलिए हम कह रहे हैं आपको कभी किसी से ज्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। अगर आपके साथ past मे कुछ गलत हो गया है। और आप उस सदमे से बाहर नहीं आ पा रहे है। इससे बाहर आने के लिए आपको अपने आप को और उस व्यक्ति को पहले माफ करना होगा। और हर रोज आपको मेडिटेशन करना चाहिए। समय के साथ आप देखेंगे सभी चीजें ठीक हो जाती हैं।
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हमने क्या सीखा
दोस्तों इस आर्टिकल मे हमने जाना Overthinking क्या है। Overthinking से जुड़े हमें जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई। उसे हमने आपके सामने प्रस्तुत किया है। अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई डाउट है। तो आप बेफिक्र होकर हमें कमेंट या ईमेल कर सकते हैं।
यह article “Overthinking से कैसे बाहर आये (Overthinking Se Kaise Bahar Aaye)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।