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Internet का full form क्या है nternet क्या है, कैसे काम करता है, उपयोग, परिभाषा(Internet kya hai)

Internet full form-दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे internet kya hai, internet का फुल फॉर्म क्या है। full form of Internet क्या है। internet कैसे काम करता है। internet meaning in Hindi क्या है। इंटरनेट के कौन कौन से घटक है। web browser क्या होता है। internet का उपयोग क्या है।

Internet का full form——>Interconnected Network ,International Network

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Internet क्या है(What is Internet full form)

इंटरनेट का पूरा नाम इंटरनेशनल नेटवर्क(International Network) है। यह आपस में एक-दूसरे से जुड़े कम्प्यूटर नेटवर्क की एक ग्लोबल संरचना है। यह TCP/IP (Transmission Control Protocol/Internet Protocol) प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए डेटा को पैकेट स्विचिंग के द्वारा आदान प्रदान करता है।

यह नेटवर्कों का नेटवर्क है, जो लाखों पब्लिक और प्राइवेट शैक्षणिक, औद्योगिक तथा सरकारी नेटवर्कों को सारे विश्व में विस्तार करता है। ये आपस में ताँबे के तारों, फाइबर ऑप्टिकल केबल, वायरलेस कनेक्शन तथा दूसरे तकनीकों से जुड़े हैं। विश्व के लगभग सारे नेटवर्क इंटरनेट से जुड़े हैं। इंटरनेट कम्प्यूटर पर आधारित अन्तर्राष्ट्रीय सूचनाओं का तंत्र है। इसे ‘सूचना राजपथ’ (Infromation superhighway) भी कहते हैं।

इंटरनेट विभिन्न सूचना संसाधनों और सेवाओं जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक मेल, ऑनलाईन चैट,ऑनलाइन बैंकिंग, फाइल ट्रांसफर और शेयरिंग, ऑनलाइन गेमिंग, इंटरलिंक्ड हाइपरटेक्सट दस्तावेज एवं वर्ल्ड वाइड वेब इत्यादि को वहन (carry) करती है। किसी कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए हमें इंटरनेट सर्विस प्रोभाइडर की सेवा लेनी होती है ततपश्चात् टेलीफोन लाइन के माध्यम से कम्प्यूटर को इंटरनेट सर्विस प्रोभाइडर के सर्वर से जोड़ा जाता है।

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भारत मे Internet की शुरुआत

भारत में इंटरनेट सेवा का आरंभ 15 अगस्त 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड द्वारा आरंभ किया गया था। भारत में लोकप्रिय इंटरनेट सेवा प्रदाता VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड), BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड), MTNL (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड),
मंत्रा ऑनलाइन तथा सत्यम ऑनलाइन इत्यादि हैं। इन कम्पनियों का भारत के अनेकों शहरों में DNS (Domain Name System) सर्वर है।

DNS सर्वर एक कम्प्यूटर है, जो दूसरे कम्प्यूटर के डोमेन (Domain) नाम को IP (Internet Protocol) एड्रेस में अनुवाद करता है। वर्तमान समय में BSNL द्वारा दो माध्यमों में इंटरनेट की सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
1)PSTN-Public Switched Telephone Network.
2)ISDN-Integrated Services Digital Network.

इंटरनेट के आवश्यक घटक(Equipments required for Internet)

दोस्तों internet का उपयोग करने के लिए हमारे पास निम्न उपकरण होने चाहिए।

1)Personal computer
2)मॉडेम
3)संचार माध्यम
4)इंटरनेट सॉफ्टवेयर या वेब ब्रॉउज़र
5)internet service provider

मॉडम क्या है(What is Modem )

जब इंटरनेट को टेलीफोन लाइन के माध्यम से कनेक्ट करते हैं तो मॉडम की आवश्यकता होती है। यह कम्प्यूटर में चल रहे इंटरनेट ब्राउजर और इंटरनेट सर्विस प्रोभाइडर के बीच आवश्यक लिंक है।

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टेलीफोन लाइन पर एनालॉग सिग्नल भेजा जा सकता है, जबकि कम्प्यूटर डिजिटल सिग्नल देता है। अतः इन दोनों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए मॉडम की आवश्यकता होती है, जो डिजिटल सिग्नल को एनालॉग में तथा एनालॉग को डिजिटल सिग्नल में रूपान्तरित करता है। यह मॉडुलेटर-डिमॉडुलेटर का संक्षिप्त रूप है। मॉडम के दोनों ओर कम्प्यूटर और टेलीफोन लाइन जुड़ा होना आवश्यक है। मॉडम के स्पीड को BPS (Bits Per Second) में मापते हैं। उपलब्ध स्पीड 9600 BPS, 28800 BPS, 33600 BPS हैं।

इंटरनेट से जुड़ने की स्पीड (Connecting Speed) टेलीफोन सर्विस पर निर्भर करती है। आजकल टेलीफोन सेवा जो ISDN उपयोग करता है, 128 KBPS या इससे उच्च गति पर मॉडम को इंटरनेट से जोड़ने में सक्षम होता है। अतः मॉडम ऐसी डिभाइस है जो डेटा को पल्स में परिवर्तित करता है तथा उन्हें टेलीफोन लाइन पर संप्रेषित करता है।

इंटरनेट सॉफ्टवेयर या वेब ब्राउजर

वेब एक विशाल पुस्तक की तरह है तथा वेब ब्राउजर एक सॉफ्टवेयर है जो कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ता है। कुछ प्रमुख वेब ब्राउजर निम्नलिखित हैं-

  1. नेटस्केप नेविगेटर (Netscape Navigator)
  2. माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सपलोरर (Microsoft Internet Explorer)
  3. मौजिला फायरफॉक्स (Mosilla Firefox)
  4. NCSA मॉजैक (NCSA Mosaic)
  5. Google Chrome

इन सॉफ्टवेयर का उपयोग कर हमलोग इंटरनेट से जुड़ने में सक्षम होते हैं, तथा वेब से ‘अपनी पसंद की जानकारियों को प्राप्त कर सकते हैं। वेब ब्राउजर का उपयोग कर हमलोग किसी विशेष पेज या लोकेशन पर उसके पता (Address) टाइप कर जा सकते हैं, इस पता को URL (Uniform Resource Locator) कहते हैं। URL में प्रयुक्त हो रहे टूल्स (Tools)और इंटरनेट पता (Internet address) जहाँ जानकारी मिल सकती है, दोनों रहता है। जैसे- URL : https://hindiscitech.com में टूल्स http है तथा इंटरनेट पता www.wordpress-581564-2349843.cloudwaysapps.com है।

बेब ब्राउजर के प्रयोग से वेबसाइट ब्राउज करना(Browsing the Websites using Web Browser)

सर्वप्रथम वेब ब्राउजर खोलते हैं। यदि हमलोग इंटरनेट एक्सपलोरर प्रयोग करते हैं तोstart > Program > Internet Explorer सेलेक्ट करते हैं। जब वेब ब्राउजर खुल जाता है, तब हम स्वतः होमपेज से शुरू करते हैं। अधिकांश वेव साइट में मेन पेज, होम पेज होता है जो शेष वेव साइट पेजों के डोरवे (door way) का काम करता है। होम पेज भी हम अपनी इच्छानुसार चुन सकते हैं या खाली (Blank) रख सकते हैं।

अब हमलोग जिस वेव साइट का निरीक्षण (visit) करना होता है उसका URLटाइप कर उसे खोल सकते हैं। फलस्वरूप हमें उस साइट पर उपलब्ध सारी सेवायें उपलब्ध हो जाती है। इस पेज से पीछे पेज पर जाने के लिए BACK बटन तथा आगे पेज पर जाने के लिए FORWARD बटन क्लिक करते हैं। परन्तु बटन जिन पेजों को हम खोल चुके हैं उनके बीच ही काम करता है।

टूलबार के HOME बटन पर क्लिक कर हम किसी भी वक्त होम पेज पर जा सकते हैं, या दूसरा URL टाइप कर दूसरे वेब पेज को खोल सकते हैं। वेवसाइट वेवपेजों, चित्र, ध्वनी एवं एनिमेशन आदि का समूह है तथा किसी भी वेवसाइट का नाम www से आरंभ होता है। जिस साइट का हम प्रायः प्रयोग करते हैं उसके URL को बूकमार्क कर लेते हैं।

इंटरनेट के उपयोग(Uses of Internet)

इंटरनेट के निम्नलिखित उपयोग हैं।

सूचनाओं की खोज (Search for Information) :

इंटरनेट पर बहुत सारे साइटस होते हैं जिनमें लिटरेचर, सिनेमा, शेयर्स, संगीत का भंडार और भी बहुत सारी जानकारियों का भंडार इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होता है। लेकिन अगर हम इनको ढूँढ़ पाने में सक्षम नहीं होते हैं तो इंटरनेट पर सर्च टूल भी है, जिनपर इन्हें टाइप कर इनका URL पता कर सकते हैं

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तथा ब्राउज कर सकते हैं। कुछ सर्च इंजन निम्नलिखित हैं—गूगल [http://www.google.com], याहू [http://www.yahoo.com], इत्यादि । साइबर 411 (Cyber 411) एक विशाल सर्च इंजन है, जो 16 सर्च इंजन के परिणाम को मिलाकर देता है और यह बहुत तीव्र गति से कार्य करता है। खोज एक भारतीय सर्च इंजन है।

इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic Mail) :

यह व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला इंटरनेट सेवा है जिसे संक्षिप्त में ई-मेल (e-mail) कहते हैं। ई-मेल पते के दो भाग होते हैं यूजर नाम तथा डोमेन नाम । यूजर नेम में कहीं भी space नहीं हो सकता है। इसके द्वारा संदेश को शीघ्र भेजा या प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए प्रत्येक उपयोगकर्ता का ई-मेल एड्रेस तथा पासवर्ड होता है जो ई मेल एकाउन्ट बनाकर प्राप्त किया जाता है। पासवर्ड से उपयोगकर्ता अपने ई मेल की गोपनीयता बरकरार रख सकता है।

ई-मेल का Subject संदेश के विषय-वस्तु के बारे में बताता है। ई मेल एकाउन्ट में एक स्टोरेज एरिया होता है जिसे मेल-बॉक्स कहते हैं। प्रेषित मेल प्राप्तकर्ता के मेल बॉक्स में चला जाता है, जिसे खोलकर प्राप्तकर्ता संदेश प्राप्त करता है। ई-मेल के साथ ग्राफ, ध्वनि, फाइल या फोटो जोड़कर भेजा जा सकता है जिसे Attachments कहते हैं।

यह डाक टिकट की आवश्यकता को घटाता है तथा संदेश को भेजने तथा प्राप्त करने में लगे समय की बचत करता है। ड्राफ्ट फोल्डर संदेशों की कॉपियाँ रखता है जिसे हम आरंभ करते हैं या भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। ई मेल का जन्मदाता आर. टोमलिंसन है। पहला फ्री ई मेल सेवा के जन्मदाता सबीर भाटिया हैं जिन्होंने जून 1996 में हॉटमेल सेवा शुरू की। भारत में प्रमुख ई-मेल प्रदान करने वाले साइट www.rediffmail.com, www., yahoomail.com, www.hotmail.com, www.india.com, www.gmail.com हैं ।

दूसरे व्यक्ति से वार्तालाप करना (Chat with other people) :

यदि हम अनजान व्यक्ति से बात करना तथा नये दोस्त बनाना पसंद करते हैं तो इंटरनेट सबसे अच्छा माध्यम है। चैट प्रोग्राम के द्वारा बिना किसी व्यक्ति की भौगोलिक स्थिति जाने हुए हम बातचीत कर सकते हैं। चैट के अन्तर्गत यूजर किसी विषय पर लिखित रूप से चर्चा करते हैं। इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटरों का उपयोग कर दो या अधिक व्यक्तियों द्वारा वार्तालाप करना चैटिंग (Chatting) कहलाता है।

टेलनेट (Telnet) :

टेलनेट प्रोग्राम का प्रयोग कर हम दूसरे कम्प्यूटर को जोड़कर ऐसे कार्य कर सकते हैं, जैसे हम उसके की बोर्ड के पास बैठे हैं। हम अपने कम्प्यूटर द्वारा दूर स्थित कम्प्यूटर पर कार्य कर सकते हैं तथा उसके संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। इसे रिमोट लॉगइन (Remote login) भी कहा जाता है।

यूजनेट (Usenet) :

यह लोगों का समूह है जो सभी जगह मान्यता प्राप्त एक या अधिक लेबल News group के द्वारा विषय (Article) की अदला बदली (Exchange) करते हैं। यूजनेट अपने उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध ग्रुप के सेट के बारे में निर्णय लेता है। यह सेट हर साइट के लिए भिन्न-भिन्न होता है।

वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) :

वर्ल्ड वाइड वेब (www) और इंटरनेट दोनों दो चीजें हैं परन्तु दोनों एक दूसरे पर निर्भर हैं। वर्ल्ड वाइड वेब जानकारी युक्त पेजों का विशाल संग्रह है जो एक दूसरे से जुड़ा है। जिसे वेब पेज कहते हैं। वेब पेज HTML भाषा में लिखा.होता है जो कम्प्यूटर में प्रयुक्त एक भाषा है।

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HTML हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज का संक्षिप्त रूप है। हर पेज टेक्स्ट, चित्र, ध्वनि क्लिप, विडियो क्लिप,.एनिमेशन और विभिन्न चीजों का संयोग है। वेब पेज को जो रोचक बनाता है वह है हाइपरलिंक, जिसे अक्सर लिंक कहा जाता.है। हाइपरलिंक पर माउस प्वाइंटर से प्वाइंट करने पर प्वाइंटर का आकार हाथ जैसा हो जाता है।

हर लिंक किसी दूसरे पेज को इंगित करता है और जब हम इस पर क्लिक करते हैं, हमारा ब्राउजर लिंक से जुड़े पेज को उपलब्ध कराता है। अतः वर्ल्ड वाइड वेब एक विशाल सूचनाओं का डेटाबेस है तथा हर सूचना एक दूसरी सूचना से जुड़ा है। वेव पेज को रीलोड करने के लिए रीलोड बटन का प्रयोग करते हैं। वर्ल्ड वाइड वेब का विकास टिम बर्नर्सलीने 1989 में किया था।

फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (FTP) :

यह इंटरनेट पर जुड़े दो कम्प्यूटर के बीच फाइल स्थानान्तरण करने की सुविधा है। वेब ब्राउजर का उपयोग कर हम फाइल को डाउनलोड तो कर सकते हैं, पर अपलोड नहीं कर सकते हैं। FTP अनुप्रयोग हमें वेब साइट पर फाइल अपलोड करने में सहायता करता

8.ई-कॉमर्स (E-Commerce):

ई कॉमर्स बिना कागज के व्यापार जानकारी का इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के द्वारा आदान-प्रदान है। ई-कॉमर्स के अन्तर्गत वस्तुओं या सेवाओं को खरीद या बिक्री इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम जैसे- इंटरनेट के द्वारा होता है। यह इंटरनेट पर व्यापार है।

विडियो कान्फरेंसिंग (Video Conferencing) :

यह इंटरनेट के द्वारा विभिन्न स्थलों पर ऑडियो और विडियो डेटा संचारित करने के लिए तथा दो या दो से अधिक प्रतिभागियों के बीच एक सम्मेलन का आयोजन करने में सक्षम बनाता है। अर्थात् दो या दो से अधिक व्यक्ति इंटरनेट के द्वारा ऐसे वार्तालाप कर सकते हैं जैसे वे आमने सामने हों। इसमें कम्प्यूटर के साथ-साथ विडियो कैमरा, माइक्रोफोन तथा स्पीकर की आवश्यकता होती है। यह एक विडियो.टेलीफोन की तरह काम करता है । Voice Conversation इंटरनेट टेलीफोनी के माध्यम से भी संभव है।

ऑनलाइन खरीदारी (Online Shopping) :

ऑनलाइन खरीदारी की प्रक्रिया में उपभोक्ता उत्पादों या सेवाओं की खरीद इंटरनेट के माध्यम से करते हैं, तथा इंटरनेट के माध्यम से उपभोक्ता की माँगों को पूरा किया जाता है |

मनोरंजन (Entertainment) :

इंटरनेट का उपयोग मनोरंजन के लिए भी किया जाता है। जैसे- ऑनलाइन गेम, सिनेमा, कहानियाँ, खेल, संगीत आदि का इंटरनेट पर असीम भंडार है।

ई-लर्निंग (e-learning):

बिना क्लासरूम में गये कम्प्यूटर के विषय में अध्ययन को e-learning कहते है।

हमने क्या सीखा

दोस्तों इस आर्टिकल मे हमने जाना internet kya hai, internet का फुल फॉर्म क्या है। full form of Internet क्या है। internet कैसे काम करता है। internet meaning in Hindi क्या है। internet से जुड़े हमें जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई। उसे हमने आपके सामने प्रस्तुत किया है। अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई डाउट है। तो आप बेफिक्र होकर हमें कमेंट या ईमेल कर सकते हैं।

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