चुम्बक क्या है(Magnet in hindi)चुम्बक के गुण, चुम्बक की परिभाषा, चुम्बक से जुडी बेसिक जानकारी (Magnet meaning in hindi)

You are currently viewing चुम्बक क्या है(Magnet in hindi)चुम्बक के गुण, चुम्बक की परिभाषा, चुम्बक से जुडी बेसिक जानकारी (Magnet meaning in hindi)

हेलो दोस्तों आप सभी ने कभी ना कभी चुंबक (Magnet in hindi)का इस्तेमाल जरूर किया होगा। चुंबक में लोहे और इस्पात जैसी धातुओं को अपनी ओर खींचने की क्षमता होती है। यह देखने में किसी जादू जैसा लगता है। आज के इस आर्टिकल में हम समझेंगे। चुंबक क्या है और यह लोहे जैसी धातुओ को अपनी और कैसे आकर्षित करता है।

चुंबक क्या है?और इसकी खोज कैसे हुई-What is magnet in hindi

लगभग 600 ई० पू० एशिया माइनर के ‘मैगनीशिया’ नामक स्थान में कुछ ऐसे पत्थर पाये गये, जिनमें लोहे के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण मौजूद थे।

ये पत्थर लोहे के एक आक्साइड ‘मैगनेटाइट'(Fe3O4) के थे। चूँकि ये पत्थर मैगनीशिया नामक स्थान पर पाये गये, इसलिए इन्हें ‘magnet’ कहा जाने लगा।

Magnet को ही हिन्दी में ‘चुम्बक’ कहते हैं। इसके द्वारा लोहे के टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने के गुण को चुम्बकत्व (magnetism) कहते हैं।

Magnet को यदि स्वतंत्रतापूर्वक लटका दिया जाये तो सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर संकेतित होते हैं। प्रकृति में स्वतंत्र रूप से पाये जाने वाले चुम्बकों को प्राकृतिक चुम्बक (Natural magnet in hindi)कहते हैं ।

Join

प्राकृतिक चुम्बकों(Magnet in hindi) की आर्कषण शक्ति बहुत कम होती है तथा उनकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती।आजकल Magnet कृत्रिम विधियों से बनाये जाते हैं तथा ये Magnet मुख्यतः लोहे, इस्पात आदि धातुओं के बने होते हैं। इनकी आर्कषण शक्ति अधिक होती है। इन्हें कृत्रिम चुम्बक (artificial magnet) कहते हैं।

Read More  दैनिक जीवन में विद्युत-चुंबकीय अन्योन्य क्रिया के अधीन कार्यकारी बलों के कुछ उदाहरण (Some Examples of Common Forces in daily life underlying Electromagnetic Interaction)

चुम्बक के गुण (Properties of magnet in hindi)-

चुम्बक में मुख्यतः निम्न गुण पाये जाते हैं-

(1) आकर्षण (Attraction)—

चुम्बक में लोहे, इस्पात आदि धातुओं के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता होती है। यदि किसी चुम्बक को लोहे के महीन बुरादे के पास लाया जाय तो बुरादा चुम्बक(Magnet in hindi) में चिपक जाता है।

चिपके हुए बुरादे की मात्रा, चुम्बक के दोनों सिरों पर सबसे अधिक व मध्य में सबसे कम होती है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि चुम्बक की आर्कषण शक्ति उसके दोनों किनारों पर सबसे अधिक या मध्य में सबसे कम होती हैं। चुम्बक के किनारे के दोनों सिरों को चुम्बक के ध्रुव (Poles) कहते हैं।

(2) दिशात्मक गुण (directional proporty)-

यदि किसी चुम्बक को धागे से बाँध कर स्वतंत्रता पूर्वक लटका दिया जाय तो उसके दोनों सिरे सदैव उत्तर -दक्षिण दिशा की ओर संकेतिक होते हैं । जो सिरा उत्तर की ओर होता है उसे चुम्बक(Magnet in hindi) का‘उत्तरी ध्रुव(north pole) एवं जो सिरा दक्षिण की ओर होता है उसे दक्षिण ध्रुव (south pole) कहते हैं।

चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को N से व दक्षिणी ध्रुव को S से प्रदर्शित करते हैं।

(3) ध्रुवों में आकर्षण प्रतिकर्षण-

यदि एक चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को दूसरे चुम्बक के उत्तरी ध्रुव के पास लाया जाय तो दोनों ध्रुवों में परस्पर प्रतिकर्षण होता है तथा यदि चुम्बक के उत्तरी ध्रुव को दूसरे चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के पास लाया जाय तो उनमें परस्पर आकर्षण होता है।

इससे निष्कर्ष निकलता है कि चुम्बक(Magnet in hindi) के समान ध्रुवों के बीच प्रतिकर्षण व विपरित ध्रुवों के बीच आकर्षण होता है। एक अकेले (isolated) ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं होता। किसी चुम्बक को बीच से तोड़ देने पर इसके ध्रुव अलग अलग नहीं होते, बल्कि टूटे हुये भाग पुनः एक पूर्ण चुम्बक बन जाते हैं तथा प्रत्येक भाग में उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव उत्पन्न हो जाते हैं।

Read More  मशीन किसे कहते है, मशीन की परिभाषा क्या है(Machine in hindi)

एक अकेला आवेश तो स्वतंत्र अवस्था में अस्तित्व में रह सकता है, लेकिन एक अकेला चुम्बकीय ध्रुव अकेला अवस्था में नहीं रह सकता । चुम्बक के उत्तरी ध्रुव व दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली रेखा चुम्बकीय अक्ष (magnetic axis) कहलाती है।

चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic field in hindi)

किसी चुम्बक चारों ओर का वह क्षेत्र, जिसमें दूसरा चुम्बक आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल का अनुभव करता है, उस चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, चुम्बकीय सुई(magnetic needle) से निर्धारित की जाती है । चुम्बकीय क्षेत्र का मात्रक ‘गौस’ (Gauss) होता है।

चुम्बकीय पदार्थों के प्रकार-Magnetic substance in hindi

प्रकृति में विभिन्न प्रकार के चुम्बकीय पदार्थ पाये जाते हैं। कुछ चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की ओर चुम्बकित होते हैं जबकि कुछ क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बकित होते हैं। उपर्युक्त आधार पर पदार्थों को निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है।

(1) प्रतिचुम्बकीय पदार्थ(Diamagnetic substance in hindi)-

प्रतिचुम्बकीय वे पदार्थ हैं जो किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बकित(Magnet in hindi) होते हैं तथा किसी चुम्बक के समीप लाये जाने पर प्रतिकर्षित होते हैं।

प्रतिचुम्बकत्व का गुण उन पदार्थों में पाया जाता है जिनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या सम (even) होती है। प्रति चुम्बकीय पदार्थ के परमाणु का नेट चुम्बकीय आघूर्ण शून्य होता। उदाहरण-जल, ताँबा, जस्ता, सोना, चाँदी, हीरा, पारा, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, नमक आदि ।

(2) अनुचुम्बकीय पदार्थ (Paramagnetic substance in hindi)-

अनुचुम्बकीय पदार्थ किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की दिशा में आंशिक रूप से चुम्बकित होते हैं तथा किसी चुम्बक के समीप लाये जाने पर आकर्षित होते हैं। उदाहरण-ऑक्सीजन,प्लेटिनम, सोडियम, ऐल्युमिनियम,मैंगनीज आदि ।

Read More  Calcium क्या है, खोज, गुण, उपयोग, समस्थानिक (What is Calcium, Discovery, Properties, Uses, Isotopes in Hindi)

अनुचुम्बकीय पदार्थ का प्रत्येक परमाणु एक चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है, जिसमें स्थायी चुम्बकीय आघूर्ण होता है। इसे परमाणवीय चुम्बक (atomic magnet) कहते हैं।

अनुचुम्बकत्व का गुण उन पदार्थों में पाया जाता है जिनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या विषम (odd) होती है।

(3) लौह चुम्बकीय पदार्थ (Ferromagnetic substance in hindi)

लौह चुम्बकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं जो किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की दिशा में प्रबल रूप से चुम्बकित होते हैं तथा किसी चुम्बक के समीप लाये जाने पर तेजी से आकर्षित होते हैं। उदाहरण, लोहा, निकिल, कोबाल्ट। लौह चुम्बकीय पदार्थों(Magnet in hindi) के भीतर परमाणुओं के अत्यन्त सघन कुछ पाये जाते हैं, जिन्हें ‘डोमेन’ कहते हैं।

डोमेन किसे कहते है-What is Domains in hindi

लौह चुम्बकीय पदार्थों के भीतर परमाणुओं के असंख्य, अतिसूक्ष्म संरचनाओं को डोमेन कहा जाता है। एक डोमेन में 10^18 से लेकर 10^21 तक परमाणु होते हैं।लौह-चुम्बकीय पदार्थों का चुम्बकीय गुण इन्हीं डोमेनों के परस्पर प्रतिस्थापन व घूर्णन के फलस्वरूप होता है।

क्यूरी ताप किसे कहते है-What is Curie-temperature in hindi

क्यूरी ताप वह ताप है जिसके ऊपर पदार्थ अनुचुम्बकीय व जिसके नीचे पदार्थ लौह-चुम्बकीय होता है। लोहे का क्यूरी ताप 780°C होता है ।

यह article “चुम्बक क्या है(Magnet in hindi) चुम्बक के गुण, चुम्बक की परिभाषा, चुम्बक से जुडी बेसिक जानकारी (Magnet meaning in hindi)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।

This Post Has 2 Comments

  1. best CBD oil for anxiety

    Thanks for one’s marvelous posting! I truly enjoyed reading it, you might be
    a great author. I will make sure to bookmark your blog and will eventually come back very
    soon. I want to encourage you to ultimately continue your great work, have a nice weekend!

  2. buy CBD

    Way cool! Some very valid points! I appreciate you writing this
    write-up plus the rest of the website is really good.

Comments are closed.