basil in hindi-क्या आपको पता है। तुलसी और बेसिल दो अलग-अलग पौधे है। इन दोनों में जमीन आसमान का फर्क होता है। दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम दोनों पौधा के बारे में (basil leaves in hindi)जानकारी देगे। और यह समझेंगे कि आपके लिए कौन सा पौधा सही होगा। आप कौन सा पौधा घर पर लगा सकते हैं।(meaning of basil in hindi)
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तुलसी क्या है (Basil kya hai)
तुलसी एक पौधा है जो पुदीना परिवार से संबंधित है। यह भूमध्यसागरीय क्षेत्र का मूल निवासी है, लेकिन अब यह पूरी दुनिया में उगाया जाता है। तुलसी के पत्तों को अक्सर पिज्जा या पास्ता जैसे इतालवी व्यंजनों पर पारंपरिक गार्निश के रूप में उपयोग किया जाता है। तुलसी के पत्तों का उपयोग थाई और वियतनामी व्यंजनों में भी किया जाता है, विशेष रूप से थाई हरी करी और वियतनामी फ़ू जैसे करी व्यंजनों में।
तुलसी आमतौर पर हरी होती है और इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है। इसका उपयोग उन व्यंजनों में किया जा सकता है जो ताजा जड़ी बूटियों के लिए कहते हैं, जैसे पेस्टो सॉस, या करी और सूप में एक घटक के रूप में।यूरोप में, तुलसी को मूल रूप से बगीचों में एक सजावटी पौधे के रूप में उगाया जाता था, इससे पहले कि इसे खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाता था।
Holy basil यानि तुलसी क्या है, भारत में इसकी पूजा क्यों की जाती है(A brief information about Holy basil and why is it worshipped in India)
पवित्र तुलसी(Holy basil means) एक सुगंधित जड़ी बूटी है जिसका उपयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है। इसे तुलसी के नाम से भी जाना जाता है और इसका लैटिन नाम बेसिलिसा है। यह भारत, थाईलैंड, श्रीलंका और अफ्रीका में बहुतायत से उगता है। यह एक बारहमासी पौधा है जिसे बीज से या पौधे के तने को काटकर उगाया जा सकता है।
इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, जैसे बुखार का इलाज, दर्द और सूजन से राहत, पाचन में सुधार और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना। यह रक्तचाप को भी कम करता है और दिल को दिल के दौरे से बचाता है। पत्तियों का उपयोग(Holy basil Leaves in hindi)मांस व्यंजन के लिए मसाला के रूप में या सलाद ड्रेसिंग के रूप में खाना पकाने में किया जाता है। करी और सूप को स्वादिष्ट बनाने के लिए फूलों को कच्चा या सुखाकर भी खाया जाता है।
भारत में यह सर्दी, खांसी, फ्लू आदि के घरेलू उपचार में उपयोग की जाने वाली सबसे लोकप्रिय जड़ी-बूटियों में से एक है, जिसमें रगड़ना भी शामिल है।
तुलसी और बेसिल के पौधे मे अंतर-Diffrent between Holy basil and italian basil in hindi
दोस्तों तुलसी और बेसिल(basil in hindi)के पौधे में अंतर जाने के लिए आपको इनकी पत्तियों की बनावट के आधार पर समझना होगा। तुलसी की पत्तियां थोड़ी छोटी और कम हरे रंग की होती है। जबकी बेसिल के पौधे की पत्तियां इन पत्तियों के मुकाबले थोड़ी सी बड़ी और ज्यादा गाढ़े हरे रंग के होते हैं।
बहुत ज्यादा तापमान (45°c) पर बेसिल की पत्तियां मुर्झाने लगती है। जबकि तुलसी की पत्तियों इसे सहन कर सकती हैं। तुलसी के पत्तों का स्वाद बहुत ज्यादा sharp और तेज होता है। जबकी बेसिल के पत्तों(basil leaves in hindi) का स्वाद थोड़ा मीठापन होता है। दोस्तों इन दोनों के नाम को लेकर लोगों के बीच काफी confusion बना रहता है। तुलसी को Holy basil और बेसिल को Italian Basil या sweet basil के नाम से जानते हैं। शायद यही कारण है कि लोग तुलसी को ही बेसिल समझ लेते है।
Nutrient | 2.6 ग्राम बेसिल मे Nutrients | प्रतिदिन Nutrients कि जरूरत |
Calcium (mg) | 4.6 | 1,000–1,300 |
Vitamin A (mcg, RAE) | 6.9 | 700–900 |
Beta carotene (mcg) | 81.7 | No data |
Beta cryptoxanthin (mcg) | 1.2 | No data |
Lutein and zeaxanthin (mcg) | 147.0 | No data |
Vitamin K (mcg) | 10.8 | 75–120 |
बेसिल पौधे के फायदे-Basil Leaves Benefits in Hindi
बेसिल के पौधे में बहुत सारे nutrients पाए जाते है। जैसे विटामिन A, K, careoton, copper, iron, calcium, magnesium, potassium और बहुत सारे antioxidant।
बेसिल मे पाए जाने वाले antioxidant हमारे DNA और cell को protect करती है। जिससे बूढा होने की दर धीमा हो जाता है। और हम जवान दिखते हैं। नए वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है। बेसिल मे कुछ ऐसे chemical पाए जाते है।जो हमें कैंसर से protect करते है। और हमारा cholesterol level कम रखता है।
बेसिल (basil in hindi)के पौधे के पत्तियों में anti-stress oxidant केमिकल भी पाए जाते हैं। जिसके लगातार सेवन से हमारा दिमाग stress free हो जाता है। साथ ही इसके पत्तों में antiseptic गुण भी पाए जाते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि शरीर पर कहीं चोट लगने पर इसके पत्तों को पीसकर लगाया जा सकता है।
अगर आपके मुंह में छाले पड़ गए हो। तब बेसिल के पत्तों को चबाने से 3 या 4 दिन के अंदर छाले ठीक हो जाते हैं। अगर आप को भुखार हुआ है। बेसिल के पत्ते(basil leaves in hindi) और तुलसी के पत्तों का गाढ़ा एक बेहतरीन उपाय हैं।
बेसन के पौधों का रोजाना इस्तेमाल करने से हमारा hormonal unbalance ठीक हो जाता है। साथ ही हमारी immunity बढ़ जाती है। बेसिल के बीजों को भारत मे सब्जा के नाम से जाना जाता है। यह तुलसी के बीजों से थोड़ा बड़े होते हैं। इसके बीज के सेवन से हमारे शरीर का heat कम होने लगता है। और दिमाग शांत रहता है।(meaning of basil in hindi)
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तुलसी का पौधा-Holy basil in hindi
तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन (Vitamin) और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर इस औषधीय पौधे को प्रत्यक्ष देवी कहा गया है क्योंकि इससे ज्यादा उपयोगी औषधि मनुष्य जाति के लिए दूसरी कोई नहीं है।
तुलसी के धार्मिक-महत्व के कारण हर-घर आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी (Basil in Hindi) की कई प्रजातियां मिलती हैं। जिनमें श्वेत व कृष्ण प्रमुख हैं। इन्हें राम तुलसी और कृष्ण तुलसी (meaning of basil in hindi)भी कहा जाता है।
तुलसी का पौधा (Tulsi Plant) सामान्तया 30 से 60 सेमी तक ऊँचा होता है और इसके फूल छोटे-छोटे सफेद और बैगनी रंग के होते हैं। इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई से अक्टूबर तक होता है।
Sweet Basil क्या है, मीठी तुलसी क्या है(About Sweet Basil in hindi)
यह एक अनोखी स्वाद वाली मीठी, ताजी और सुगंधित जड़ी-बूटी है। इसका उपयोग सलाद, सूप, स्टॉज और पास्ता जैसे कई व्यंजनों में किया जाता है।
पवित्र तुलसी से होने वाले कुछ Side effects निम्लिखित है(Side effects of Holy basil in hindi)
हम पवित्र तुलसी के किसी भी दुष्प्रभाव से अवगत नहीं हैं। लेकिन हम जानते हैं कि यह एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है। इसके कई साइड इफेक्ट होते हैं। इनमें से कुछ दुष्प्रभाव अच्छे हो सकते हैं और कुछ बुरे भी।
विशेष सावधानियाँ
पवित्र तुलसी कुछ स्थितियों में जोखिम पैदा कर सकती है।
गर्भावस्था: अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं तो तुलसी से परहेज करें। प्रारंभिक पशु अध्ययनों से पता चलता है कि यह गर्भाशय के संकुचन और प्रजनन क्षमता को खराब कर सकता है। गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान पवित्र तुलसी की सुरक्षा स्थापित नहीं है।
रक्त का थक्का बनना: पवित्र तुलसी रक्त के थक्के को धीमा कर सकती है। सर्जरी से पहले या बाद में इसे दो सप्ताह तक न लें।
- मतभेद(यदि आप एंटीकोआगुलंट्स (रक्त को पतला करने वाले) ले रहे हैं, तो पवित्र तुलसी की सिफारिश नहीं की जाती है)
- कौमामिन (वारफारिन)
- हेपरिन
- एस्पिरिन (एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड)
- प्लाविक्स (क्लोपिडोग्रेल)
- फ्रैगमिन (डाल्टेपेरिन)
- लोवेनॉक्स (एनोक्सापारिन)
- टिक्लिड (टिक्लोपिडीन)
तुलसी के पौधे के फायदे-Holy Basil Leaves Benefits in Hindi
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बेसिल लीव(basil leaves in hindi) मानसिक तनाव को कम कर सकती है। इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण पाया जाता है। तुलसी इम्यून सिस्टम को बेहतर कर सकती है, जिससे काफी हद तक तनाव से राहत मिल सकती है। साथ ही तुलसी शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है। कोर्टिसोल एक प्रकार का स्ट्रेस हार्मोन होता है। अगर इसका स्तर कम होता है, तो तनाव व थकान में कमी आती है।
बेसिल(basil in hindi) लीव ऊर्जा बढ़ाने में भी मदद करती हैं और आपके काम पर फोकस को बेहतर करती है। अगर इन दो मामलों में आप बेहतर होते हैं, तो न सिर्फ तनाव कम होगा, बल्कि काम पर भी अच्छी तरह से ध्यान दे पाएंगे। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी मानसिक तनाव को दूर कर सकती है।
साथ ही यह विभिन्न प्रकार के केमिकल के दुष्प्रभाव से भी शरीर के अंगों को सुरक्षित रखती है । वहीं, भारत में हुए रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो आपको तनाव से बचा सकते हैं । तुलसी के पत्ते (basil leaves in hindi)खाने के फायदे की लिस्ट में आप इसे शामिल कर सकते हैं।
बेहतर इम्यूनिटी के लिए तुलसी के फायदे
ऐसा माना जाता है कि रोज तुलसी( holy basil in hindi) के ताजे पत्ते खाने से इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर हो सकती है। इतना ही नहीं, यह श्वासनली से जुड़ी बीमारी अस्थमा तक में फायदेमंद साबित हो सकती है। साथ ही कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाली समस्याओं ब्रोंकाइटिस व फेफड़ों में संक्रमण से भी बचाव हो सकता है। इन तमाम बीमारियों में तुलसी कफ को पतला करके उसे शरीर से बाहर निकालती है। साथ ही फेफड़ों की कार्यक्षमता (meaning of basil in hindi)में भी सुधार होता है, जिससे आपको आराम मिलता है ।
बेसिल(basil in hindi) लीव के प्रयोग से सर्दी-जुकाम व बुखार को भी ठीक किया जा सकता है । बुखार होने पर आप सिर्फ तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी से धोकर चबा लें। साथ ही पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी को पीने से भी आपको आराम मिल सकता है। तुलसी की पत्तियां कटने व जलने से बने घावों को भी ठीक कर सकती हैं। साथ ही किसी भी तरह के संक्रमण से भी बचाती हैं। आप इम्यूनिटी सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
वजन घटाने में तुलसी के फायदे
तनाव में होने पर कुछ लोगों की भूख बढ़ जाती है और वो जरूरत से ज्यादा खाते हैं। इससे वजन बढ़ने लगता है। जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा कि तुलसी के सेवन से तनाव पैदा करने वाले कोर्टिसोल का स्तर कम होता है। इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि वजन घटाने के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है।
हाल ही में हुई एक स्टडी ने भी इस संबंध में तुलसी के प्रभाव की पुष्टि की है। स्टडी के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त मरीज को प्रतिदिन 250 ग्राम तुलसी के पत्तों का रस दिया गया। इससे मरीज के लिपिड स्तर व बीएमआई में काफी सुधार देखा गया। इस आधार पर कहा जा सकता है कि वजन घटाने में तुलसी मददगार है । इस प्रकार से तुलसी के पत्ते खाने(meaning of basil in hindi) के फायदे में वजन घटाना भी शामिल है।
मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी के फायदे
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि होली बेसिल(Holy basil in hindi) मुंह को साफ करके के काम भी आ सकती है। यह मुंह से आने वाली बदबू, पायरिया, मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है। ऐसा तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण है । एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं। इन गुणों के कारण ही तुलसी को मुंह से संबंधित बीमारियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। साथ ही इसके प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है । मुंह के स्वास्थ्य के लिए तुलसी का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है।
आंखों के लिए तुलसी के फायदे
इन दिनों हर कोई आंखों से जुड़ी बीमारी से ग्रस्त है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो आज से ही तुलसी(basil in hindi) का प्रयोग शुरू कर दें। तुलसी कंजक्टिवाइटिस जैसे संक्रमण के साथ-साथ अन्य रोगों से भी आंखों की रक्षा कर सकती है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आंखों को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। ऐसा माना जाता है कि तुलसी की पत्तियां(basil leaves in hindi) मोतियाबिंद से भी आपको बचा सकती हैं। तुलसी में विटामिन-ए होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इस लिहाज से भी आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं ।
नोट : बेशक तुलसी गुणकारी है, लेकिन आंखें बेहद कोमल होती हैं, इसलिए आंखों में कुछ भी डालने से पहले अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से राय जरूर लें।
सिरदर्द में तुलसी के फायदे
अगर आपको सिरदर्द है, तो तुरंत राहत पाने के लिए बेसिल लीव पर भरोसा कर सकते हैं। भारत में सदियों से सिरदर्द के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा रहा है। फिर चाहे आप इसे रस की तरह (meaning of basil in hindi)प्रयोग करें या फिर पाउडर की तरह। इसके अलावा, आप तुलसी की चाय बनाकर भी पी सकते हैं। चाय में तुलसी के अलावा आप अन्य जड़ी-बूटियां व शहद भी मिला सकते हैं ।
ह्रदय के लिए तुलसी के गुण
तुलसी के प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। डायबिटीज, थायराइड व उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीजों का कोलेस्ट्रॉल सामान्य होना जरूरी है, वरना इससे ह्रदय पर बुरा असर पड़ता है। तुलसी की पत्तियां(basil leaves in hindi) खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं । ऐसे में आप तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। तुलसी में विटामिन-सी व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो ह्रदय को फ्री रेडिकल्स से बचाकर रखते हैं।
इसके अलावा, तुलसी में फ्लेवनॉएड नामक तत्व होता है, जो ह्रदय की धमनियों में खून के थक्के बनने नहीं देता। इससे हार्ट अटैक व अन्य ह्रदय रोग की आशंका कम हो जाती है। एक ऑस्ट्रेलियन अध्ययन के अनुसार भी तुलसी(basil in hindi) ह्रदय रोग से बचाने में सहायक साबित हो सकती है । तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में स्वस्थ ह्रदय भी शामिल है।
गले में खराश के लिए तुलसी के गुण
मौसम में बदलाव होने, कुछ भी ठंडा खाने, धूम्रपान करने या फिर एलर्जी के कारण गले में खराश होने लगती है। धूम्रपान को छोड़ दिया जाए, तो अन्य कारणों पर हमारा बस नहीं चल सकता। इसलिए, गले में खराश होने पर आप होली बेसिल की पत्तियों(basil leaves in hindi) को औषधि के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
कुछ वैज्ञानिक शोध में भी पाया गया है कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं । श्वास व गले से संबंधित कोई भी समस्या होने पर तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए, आप पानी(meaning of basil in hindi) में तुलसी की पत्तियों को पानी में डालकर उबाल लें और फिर उसे पिएं। साथ ही आप इस पानी से गरारे भी कर सकते हैं।
कैंसर के लिए तुलसी के लाभ
शरीर से जुड़ी सामान्य बीमारियों के साथ-साथ तुलसी कैंसर में भी लाभदायक साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि तुलसी के रस में रेडियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो शरीर में पनपने वाले ट्यूमर सेल्स को खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी(basil in hindi) में यूजेनॉल भी पाया जाता है, जिसमें एंटीकैंसर गुण होते हैं। साथ ही तुलसी में रोसमारिनिक एसिड, एपिगेनिन, ल्यूटोलिन, माय्रटेनल जैसे जरूरी फाइटोकेमिकल्स होते हैं। ये भी विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं ।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार, तुलसी के सप्लीमेंट्स भी कैंसर एंजाइम को पनपने से रोक सकते हैं। इतना ही नहीं, तुलसी का रस पैंक्रियाज कैंसर सेल्स में ट्यूमरजेनिसिटी और मेटास्टेसिस के असर को कम कर सकता है । साथ ही यह स्तन कैंसर के प्रभाव को भी धीरे-धीरे कम कर देता है ।
डायबिटीज के लिए तुलसी के फायदे
डायबिटीज के रोगियों के लिए भी तुलसी फायदेमंद है। तुलसी के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का प्रवाह सामान्य हो जाता है। साथ ही वैज्ञानिकों का मानना है कि तुलसी में एंटी-डायबिटीक गुण होते हैं। इसलिए, तुलसी भोजन से पहले और भोजन के बाद ब्लड (meaning of basil in hindi)ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकती है ।
एक अन्य अध्ययन के अनुसार तुलसी में फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेन व सैपोनिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स होते हैं, जो हाइपोग्लाइसेमिक के तौर पर काम करते हैं। इससे शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है । तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में डायबिटीज का उपचार भी शामिल है।
खांसी व सर्दी के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
वैसे तो बाजार में खांसी के लिए ऐसे सिरप मिलते हैं, जिनमें तुलसी होती है, लेकिन इनके मुकाबले तुलसी के घरेलू उपचार ज्यादा फायदेमंद हैं। जैसा कि आप जान ही चुके हैं कि तुलसी में (meaning of basil in hindi)एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो श्वासनली से जुड़ी समस्याओं में कारगर साबित हो सकते हैं। इसलिए, खांसी के लिए आप तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं।
इसके लिए आप तुलसी (basil in hindi)की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी को पिएं। इससे आपको आराम मिल सकता है। वहीं, अगर आपको सर्दी लग रही है, तो आप तुलसी की पत्तियां चबा सकते हैं। इसके अलावा, तुलसी के पत्तों की चाय भी पी सकते हैं। इससे आपको सर्दी लगने में राहत मिल सकती है । आप खांसी या फिर सर्दी होने पर तुलसी का उपयोग कर सकते हैं।
किडनी स्टोन के लिए तुलसी के फायदे
इन तमाम खूबियों के अलावा, तुलसी में एक गुण और भी है। यह शरीर को अच्छी तरह से डिटॉक्सीफाई कर सकती है। साथ ही इसमें हल्का मूत्रवर्धक गुण भी होता है, जिस कारण से यह किडनी में पथरी होने पर अपना असर दिखा सकती है। यह एक तरफ शरीर में यूरिक एसिड को कम करती है, तो दूसरी तरफ मूत्रवर्धक गुण के चलते किडनी से पथरी को निकालने में मदद करती है। साथ ही किडनी की कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है ।
पेट के लिए तुलसी के फायदे
पेट सही नहीं, तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। इसलिए, पेट का ठीक रहना जरूरी (meaning of basil in hindi)है। इस मामले में तुलसी रामबाण इलाज है। यह पेट में दर्द, पेट का फूलना, एसिडिटी व कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिला सकती है। साथ ही अगर आप नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते हैं, तो अल्सर जैसी समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है ।
अगर आपके पेट में तेज दर्द हो रहा है, तो आप 10ml तुलसी के रस में 20ml नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। इससे आपको तुरंत आराम मिल सकता है। वहीं, अगर एसिडिटी की समस्या है, तो तुलसी के बीजों को पानी में उबालकर पीने से राहत मिल सकती है।
लिवर के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
एक वैज्ञानिक रिसर्च के दौरान तुलसी में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए गए थे। हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण के चलते लिवर को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। इसलिए, खराब लिवर से पीड़ित चूहे को तुलसी (basil in hindi)का सेवन कराया गया था। इसके बाद चूहे में सकारात्मक बदलाव नजर आए थे। रिसर्च के दौरान पाया गया कि तुलसी के प्रयोग से चूहे के लिवर में आई सूजन कम हो गई है । इतना ही नहीं, तुलसी के सेवन से शरीर को डिटॉक्सीफाई करने की लिवर की क्षमता में सुधार हो सकता है।
सूजन को कम करने में तुलसी के लाभ
जैसा कि हमने इस लेख के शुरुआत में बताया था कि तुलसी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसलिए यह शरीर व जोड़ों में आई सूजन को कम करने में कारगर साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार तुलसी में कई गुणकारी तत्व होते हैं, जो सूजन को कम कर सकते हैं। इनमें से मुख्य तत्व अर्सोलिक एसिड है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है । यह कोर्टिसोल के कारण पैदा होने वाले हानिकारक एंजाइम को खत्म करने का काम करता है। तुलसी एनाल्जेसिक (दर्द निवारक दवा) के रूप में भी काम करती है।
रक्त वाहिकाओं के लिए तुलसी के बेनिफिट्स
यह तो आप समझ ही चुके हैं कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यही कारण है कि तुलसी के इस्तेमाल से रक्त वाहिकाएं ठीक प्रकार से काम कर पाती हैं। रक्त वाहिकाओं (meaning of basil in hindi)में किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं होती है और न ही उन्हें किसी भी तरह की क्षति होती है। इस संबंध में वैज्ञानिक और शोध कार्य कर रहे हैं। तुलसी के पत्ते खाने के फायदे में रक्त वाहिकाओं की बेहतर कार्यप्रणाली भी शामिल है।
कील-मुंहासों के लिए तुलसी के लाभ
तुलसी(basil in hindi) लिवर को डिटॉक्सीफाई करने के साथ-साथ रक्त को भी साफ करने का काम करती है। इसके पत्तों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल गुण खून में जमा विषैले जीवाणुओं को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। यही कारण है कि तुलसी(basil leaves in hindi) कील-मुंहासों को बाहर के साथ-साथ अंदर से भी ठीक करती है। थाइलैंड में हुए एक अध्ययन में भी इस बात को माना गया है कि तुलसी की मदद से कील-मुंहासों का उपचार किया जा सकता है। आप कील-मुंहासों के लिए तुलसी को खाने के साथ-साथ तुलसी की चाय भी बनाकर पी सकते हैं।
त्वचा में संक्रमण के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी के पत्तों में एंटीबायोटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो संक्रमण के कारण होने वाले त्वचा रोग को ठीक कर सकते हैं। तुलसी की पत्तियां(meaning of basil in hindi) त्वचा रोग का कारण बनने वाले बी. एन्थ्रेसिस और ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया को पनपने नहीं देती हैं। इसके अलावा, तुलसी में एंटीफंगल व एंटीमाइक्रोबियल गुण भी होते हैं, जो त्वचा संक्रमण से बचाते हैं।
एक्जिमा और विटिलिगो के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
एक्जिमा ऐसी बीमारी है, जिसमें त्वचा पर तेज जलन व खुजली होती है। कई बार इससे त्वचा पर गंभीर घाव भी हो जाते हैं। वहीं, विटिलिगो में त्वचा अपनी प्राकृतिक रंगत खोने लगती है। इसमें पूरे शरीर पर जगह-जगह बड़े-बड़े पैच नजर आते हैं। आम भाषा में इसे फुलवैरी या फिर सफेद दाग कहते हैं। इन दोनों अवस्थाओं में तुलसी फायदेमंद साबित हो सकती है।
अगर आप प्रतिदिन तुलसी (basil in hindi)की कुछ पत्तियों का सेवन करते हैं, तो उससे एक्जिमा व विटिलिगो से कुछ राहत मिल सकती है। एक शोध में भी कहा गया है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो एक्जिमा को कुछ हद तक ठीक कर सकते हैं ।
झड़ते बालों के लिए तुलसी के पत्ते के फायदे
तुलसी की पत्तियां हेयर फॉलिकल्स को फिर से सक्रिय कर बालों को झड़ने से बचाती हैं। साथ ही बालों को जड़ों से मजबूत बनाती हैं। इसके अलावा, स्कैल्प को ठंडा करती हैं और सर्कुलेशन को बेहतर करती हैं। अगर आप झड़ते बालों से परेशान हैं, तो तुलसी पर भरोसा कर सकते हैं ।
डैंड्रफ के लिए तुलसी के गुण
डैंड्रफ की समस्या सबसे ज्यादा सर्दियों में देखने को मिलती है। अगर आप भी डैंड्रफ से जूझ रहे हैं, तो एक बार तुलसी का प्रयोग करके देखें। तुलसी के इस्तेमाल से न सिर्फ स्कैल्प में रक्त का संचार (meaning of basil in hindi)बेहतर होता है, बल्कि डैंड्रफ व सिर में होने वाली खुजली से भी राहत मिलती है । साथ ही स्कैल्प पर आया रूखापन भी दूर होता है। डैंड्रफ का कारण बनने वाले पांच प्रकार के फंगल को तुलसी की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा, तुलसी लगाने से बालों में प्राकृतिक चमक आती है और बाल रूख व उलझे हुए नहीं रहते।
असमय सफेद बालों के लिए तुलसी के गुण
इन दिनों युवाओं के बाल समय से पहले ही सफेद होने लगे हैं। इस मामले में तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है। तुलसी बालों को असमय सफेद होने से बचाती है।
यौन रोगों के इलाज
पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी(basil in hindi) के बीज का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यौन-दुर्बलता और नपुंसकता में भी इसके बीज का नियमित इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।
तुलसी का उपयोग-Holy Basil Benefits in Hindi
आप तुलसी को निम्न प्रकार से अपनी रोज की डाइट में शामिल कर सकते हैं :
•आप रोज सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियां (basil leaves in hindi)चबा सकते हैं। उससे पहले इसे पानी से जरूर धो लें।
•आप तुलसी के पत्तों के साथ अदरक व शहद का इस्तेमाल करके हर्बल चाय बना सकते हैं। यह चाय न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि स्वाद में भी अच्छी होती है।
•आप अपनी पसंदीदा डिश में तुलसी के पत्तों को काटकर डाल सकते हैं। इससे डिश का स्वाद भी बढ़ेगा और जरूरी पोषक तत्व भी मिलेंगे।
•अगर आप खाना बनाते समय अंत में तुलसी के पत्तों को मिक्स कर देंगे, तो इससे खाने में अनोखा स्वाद आएगा और साथ ही खाने से मनमोहक खुशबू भी आएगी।
•आप जूस या मॉकटेल में भी तुलसी के पत्तों को डाल सकते हैं। इससे आपको नया फ्लेवर मिलेगा।
•आप सलाद में भी तुलसी के ताजे पत्तों (basil leaves in hindi)को काटकर मिक्स कर सकते हैं।
तुलसी उच्चारण हिंदी में(Basil pronunciation in hindi)
- बैज़ल
“तुलसी” शब्द का अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग उच्चारण किया जाता है। शब्द का उच्चारण अलग-अलग लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और यही कारण है कि तुलसी उच्चारण पर यह लेख लिखा गया था।
तुलसी भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार तुलसी कौन है,तुलसी पिछले जन्म में कौन थी?(Tulsi kaun hai)
तुलसी भारतीय पौराणिक कथाओं में एक हिंदू देवी का नाम है। वह भगवान शिव और पार्वती की बेटी थीं, और उन्हें गौरी के नाम से भी जाना जाता था। तुलसी का जन्म कलियुग के दौरान शिव और पार्वती के घर हुआ था, और उन्हें गौरी-माता के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है ‘प्रेम की देवी’।
माना जाता है कि वह रावण की पत्नी थी, लेकिन कुछ संस्करणों में कहा गया है कि उसने उसकी मृत्यु के बाद उससे शादी की थी। अन्य संस्करणों में, उसने रावण से बिल्कुल भी शादी नहीं की। उन्हें लंबे बहते बालों और खूबसूरत चेहरे वाली एक खूबसूरत महिला के रूप में वर्णित किया गया है।
हमे घर पर कौन सी तुलसी लगानी चाहिए?
तुलसी की कई किस्में होती हैं। कुछ किस्में खाना पकाने के लिए बहुत अच्छी होती हैं और कुछ अन्य इतनी अच्छी नहीं होती हैं। घर में कौन सी किस्म लगानी चाहिए? वैसे तो श्यामा तुलसी के पौधे को घर में उगाना और उनकी पूजा करना अधिक लाभदायक माना जाता है, लेकिन वास्तु शास्त्र राम और श्यामा तुलसी को भी इसे बहुत शुभ माना जाता है।
तुलसी का Scientific name क्या है
Ocimum tenuiflorum
तुलसी के बीज के फायदे क्या है (benefits of basil seeds in hindi)
तुलसी के बीजों का भारतीय व्यंजनों में उपयोग का एक लंबा इतिहास रहा है, और कई लोग अभी भी उन्हें भारतीय आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हैं। उनका उपयोग स्वाद और स्वाद की तीव्रता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
तुलसी के बीज प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक बड़ा स्रोत हैं। इनमें उच्च स्तर के एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर भी होते हैं। ये बीज कैरोटीनॉयड से भरपूर होते हैं, जिन्हें कैंसर के कम जोखिम से जोड़ा गया है।
तुलसी अर्क के फायदे क्या है (Benefits of Tulsi Extract in hindi)
तुलसी का अर्क सदियों से इस्तेमाल की जाने वाली एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका उपयोग कई अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए किया गया है और इसका उपयोग आहार पूरक के रूप में भी किया जा रहा है।
तुलसी के अर्क के लाभ विभिन्न तरीकों से देखे जा सकते हैं। सबसे पहले, यह शरीर में अपशिष्ट उत्पादों के पाचन और उन्मूलन में सुधार करता है, जो बेहतर विषहरण प्रक्रिया में मदद करता है। दूसरे, यह रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है, जो बदले में बेहतर ऊर्जा स्तर और वजन घटाने की ओर जाता है। अंत में, तुलसी का अर्क मस्तिष्क के कार्यों को विनियमित करने और स्मृति में सुधार करने में मदद करता है।
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