जब से हम पैदा हुए हैं हमारा दिमाग लगातार काम कर रहा है। हमारा शरीर सोते समय आराम कर भी लेता है। लेकिन हमारा मस्तिष्क तब भी काम करता है। वह उस समय भी कुछ ना कुछ सोचता रहता है। इसी कारण हम सपने देखते हैं। hello दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि मरने से पहले हमारा दिमाग क्या सोचता है।
किसी को इसके बारे में सटीक जानकारी नहीं है। हाल ही में वैज्ञानिकों की एक टीम ने दिमाग के न्यूरॉन्स पर एक अध्ययन किया। यह अध्ययन बर्लिन कि चैरिटी इंवर्सिटी और ओहायो कि सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया।
इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कुछ लोगों के न्यूरॉन्स कि बारीकी से निगरानी की यह ऐसे लोग थे। जो किसी दुर्घटना में घायल या फिर किसी बीमारी के शिकार थे। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि पशुओं और मनुष्य का दिमाग मौत के वक्त एक ही तरह से काम करता है।
इन वैज्ञानिकों के अध्ययन से पहले हम brain death के बारे में जितना कुछ जानते हैं। वह सभी पशुओं के अध्ययन से जानते थे। हमारी जानकारी के अनुसार मौत के वक्त शरीर में खून का प्रवाह रुक जाता है। जिस कारण दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसके बाद हमारे शरीर में होने वाले chemical activity बंद हो जाती है। जिस कारण हमारे दिमाग को electrical signal पहुंचना बंद हो जाता है।
इसके बाद दिमाग के सभी मौलिक आयन दिमाग की कोशिकाओं को छोड़कर अलग हो जाते हैं। जिससे adenosine triphosphate की आपूर्ति कम पड़ जाती है। यह विशेष प्रकार का केमिकल पदार्थ है। जो ऊर्जा को एकत्र करता है। और एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है।
इसके बाद tissue recovery प्रक्रिया बंद हो जाती है। वैज्ञानिकों कि टीम इसी प्रक्रिया को अच्छे से समझना विद्युत चाहती थी। इसलिए वैज्ञानिकों की टीम ने कुछ लोगों के दिमाग के न्यूरॉन्स के गतिविधियों की निगरानी कि।
इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया की 10 मे से 8 लोगों के दिमाग की कोशिकाएं मौत को टालने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने पाया कि दिल की धड़कन रुकने के बाद भी दिमाग की कोशिकाएं और न्यूरॉन्स काम कर रही थी।
हमारे दिमागी न्यूरॉन्स विद्युत आयन अपने अंदर भर लेते हैं फिर अपने चारों तरफ विद्युत असंतुलन बनाते हैं। और फिर छोटे-छोटे electrical shocked पैदा करते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार यह विद्युत का असंतुलन बनाए रखना मौत को टालने का एक प्रयास है। इसके लिए दिमाग की कोशिकाएं हमारे खून से ऑक्सीजन और जरूरी रासायनिक तत्व ग्रहण करती हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार जब हमारा शरीर मर जाता है और खून का प्रवाह बंद हो जाता है। तब ऑक्सीजन ना मिलने के कारण neurones बचे हुए संसाधनों को इकट्ठा करने की कोशिश करती हैं। इसके बाद हमारे दिमाग में depolarization of diffusion होता है। जिसे आम भाषा में हम सेलिब्रेम सुनामी कहते हैं।
इस प्रक्रिया में Electrochemical के असंतुलन के कारण दिमाग की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। इसके बाद थोड़ी मात्रा में thermal energy मुक्त होती है फिर इंसान की मौत हो जाती है।
इस अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों का कहना है की मौत एक परम सत्य है लेकिन भविष्य इसे पलटा जा सकता है मतलब भविष्य में हम मौत को मात दे सकते हैं। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह जाना कि दिमाग को depolarization द्वारा ऊर्जा देकर जिंदा रखा जा सकता है। हालांकि इसे अमल में लाने के लिए अभी काफी शोध की जरूरत है।
यह article “क्या आपने कभी सोचा है। मौत के समय हमारे दिमाग में क्या चल रहा होता है” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा