दोस्तों आपने कभी सोचा है कोई भी चीज ऊपर फेंकने पर वापस नीचे ही क्यों आती है। वैसे यह सवाल सबसे पहले हमारे न्यूटन साहब को आया था। और उन्होंने इसके जवाब मे गुरुत्वाकर्षण (Gravitation in hindi) की खोज की । सोचने में काफी छोटा सा सवाल लगता है लेकिन इसके पीछे का विज्ञान काफी जटिल है। दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम गुरुत्वाकर्षण के बारे में विस्तार पूर्वक समझेंगे।
गुरुत्वाकर्षण की खोज कैसे हुई-Discovery of gravitation in hindi
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम से संबंधित एक सेब की कहानी बहुत प्रसिद्ध है। न्यूटन एक सेब के पेड़ के नीचे लेटे हुए थे। और कुछ सोच रहे थे। उसी पल एक सेब टूटकर उनके ऊपर गिरा। और वही से उन्होंने सोचना शुरू किया किया आखिर यह सेब टूटकर ऊपर क्यों नहीं गया। और इसी सवाल के जवाब में उन्होंने गुरुत्वाकर्षण की खोज की।
गुरुत्वाकर्षण बल क्या होता है-What is Gravitational force in hindi
गुरुत्वाकर्षण बल की खोज 1686 मे न्यूटन ने की थी। और अपने mathematical calculation के आधार पर एक नियम दिया। जिसे आज हम न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम के नाम से जानते हैं।
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम- “दो कणो के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल कणो के द्रव्यमानो के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है”
माना दो कणो के द्रवमान m1 और m2 है और एक दूसरे से r दुरी पर स्थित है। यदि उनके बिच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल F है।
•F=G(m1*m2)/r^2, यहाँ G एक नियतांक है जिसे न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं।
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियतांक( Newton gravitational constant)-
प्रयोग द्वारा G का मान 6.67×10^-11Nm^2/kg^2 ज्ञात किया गया है। इसका अर्थ यह हुआ यदि 1 मीटर की दूरी पर रखें एक एक किलोग्राम के दो वस्तुओ के बीच 6.67×10^-11 न्यूटन का बल लगता है।
द्रव्यमान(mass)– किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को उसका द्रव्यमान कहते हैं। इसका S.I मात्रक किलोग्राम होता है।
भार(weight)– किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे पृथ्वी उसे अपनी केंद्र की ओर खींचती है।
•भार(w)= द्रव्यमान(m)×गुरुत्वीय त्वरण(g)
गुरुत्व क्या है(Gravity in hindi)
जिस बल से पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है वह बल गुरुत्व बल कहलाता है
गुरुत्वीय त्वरण(acceleration due to gravity)
गुरुत्व बल के कारण किसी स्वतंत्रता पूर्वकगिरती हुई वस्तु में उत्पन्न त्वरण गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है। इसे g से प्रदर्शित करते है।
•g=GM/r^2 , g का मान, पृथ्वी के द्रव्यमान M, तथा त्रिज्या R पर निर्भर करता है।
• ऊपर से नीचे गिरती हुई वस्तु के लिए g का मान धनात्मक तथा नीचे से ऊपर जाते हुए वस्तुओं के लिए g का मान ऋणात्मक होता है।
गुरुत्वीय क्षेत्र(Gravitational field)
वह क्षेत्र जहां तक पृथ्वी के आकर्षण बल का प्रभाव होता है। गुरुत्वीय क्षेत्र(Gravitational field) कहलाता है।
कैपलर के नियम (Kepler’s Laws of gravitation)-
कैपलर ने खगोलीय प्रेक्षणों के आधार पर ग्रहों की गति के संबंध में तीन नियम प्रतिपादित किये-
(1) प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर दीर्घ वृत्ताकार कक्षा में परिक्रमण करता है तथा सूर्य कक्षा के फोकस पर होता है ।
(2) किसी भी ग्रह को सूर्य से मिलाने वाली रेखा समान समयान्तराल में समान क्षेत्रफल पार करती है। जब ग्रह सूर्य के समीप होता है तो उसकी चाल अधिकतम और जब दूर होता है तो उसकी चाल न्यूनतम होती है।
(3) किसी ग्रह के परिक्रमण काल का वर्ग T2, सूर्य से उसकी औसत दूरी के घन 3 के अनुक्रमानुपाती होता है।
यह article “गुरुत्वाकर्षण बल क्या है, गुरुत्वाकर्षण की खोज कैसे हुई(Gravitation in hindi) ” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।