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जोजेफ हेनरी की जीवनी हिंदी -Biography of Joseph Henry in hindi

  • जन्म-17 दिसम्बर, 1797
  • जन्म स्थान-न्यूयॉर्क
  • निधन-1878 ई.

जोजेफ हेनरी(Joseph Henry) ने विद्युत चुम्बक के निर्माण में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने टेलिग्राफ सिस्टम का मॉडल भी तैयार किया। विद्युत में एक महत्त्वपूर्ण गणना जिसका उपयोग चुम्बकीय क्षेत्र के परिमाण -ज्ञान में तथा इस क्षेत्र को उत्पन्न करने के लिए आवश्यक विद्युत को जानने में होता है। उसकी इकाई का नाम ‘हेनरी’ है।

जोजेफ हेनरी का जन्म -Biography of Joseph Henry

जोजेफ हेनरी(about Joseph Henry) का जन्म न्यूयॉर्क में ऍल्वनी के निकट एक छोटे-से फार्म पर 17 दिसम्बर, 1797 में हुआ था। परिवार बहुत ही गरीबी से गुजर रहा था, जिसका परिणाम यह हुआ कि बालक की शिक्षा उपेक्षित हो गई। लगभग सारा दिन ही वह खेतों पर ही अपने बड़ों की मदद में लगा रहता।

लेकिन खुद ही अभ्यास करते-करते वह जो भी पुस्तक हाथ में लगती पढ़ने लगता। 14 वर्ष की उम्र में उसे एल्बनी भेज दिया गया ताकि एक स्टोर में क्लर्की करके अपनी रोटी आप कमाए।

यहां उसने दो साल तक रंगमंच पर अभिनय भी किया और यहीं उसका ध्यान विज्ञान की ओर को किसी तरह विद्युत में परिवर्तित किया जाए। अपने प्रयासों से विद्युत-चुम्बकीय आकर्षित हुआ।

जोजेफ हेनरी(Joseph Henry)ने ऐल्बनी एकेडमी में दाखिले के लिए दरख्वास्त दे दी क्योंकि सौभाग्य से यहां पढ़ाई के लिए सन्ध्याकालीन सत्र की व्यवस्था थी। और सात महीनों में ही वे गांव के स्कूल में टीचरी करने लायक हो गए । रोटी और गुजारे के लिए स्कूल में अध्यापक और सांझ के वक्त एकेडमी में उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

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उन्हीं दिनों एकेडमी के रसायन विभाग में एक प्रयोगशाला सहायक की नई जगह निकली।
हेनरी ने अथक प्रयासों से यह नौकरी हासिल कर ली। यहां अब हेनरी के पास मौका ही मौका था—खुद परीक्षण करते रहने का और विद्यार्थियों को लेक्चर देने के लिए भी प्रदर्शन जुटाते रहने का। उधर स्वाध्याय में भी अवरोध नहीं आने पाया ।

गणित और विज्ञान हेनरी (Joseph Henry in hindi )के प्रिय विषय थे। ऍल्बनी एकेडमी में हेनरी ने सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को समाप्त कर लिया। अब ईरी नहर पर एक नौकरी मिलने पर उन्हें सचमुच बड़ा दुख हुआ कि उसे प्रयोगशालाओं से विदा होना पड़ रहा है। उनकी नई नियुक्ति एक सर्वेइंग इंजीनियर की थी।

नहर की सफलता को भी समय प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ी। न्यूयॉर्क सिटी और न्यूयॉर्क राज्य को इससे बड़ा ही आर्थिक लाभ हुआ। हेनरी ने, 1826 में जबकि अभी वे 29 वर्ष के नौजवान ही थे ऍल्बनी एकेडमी में विज्ञान और गणित का प्रोफेसर-पद प्राप्त हुआ।

अध्यापन-कार्य उनका सारा दिन ही ले जाता, और उसमें उन्हें मेहनत भी कुछ कम नहीं करनी पड़ती। प्रयोगशालाओं में सहायक के तौर पर और छोटी उम्र में अभिनय के अनुभव का उपयोग वे विद्यार्थियों को पढ़ाने में भरपूर करते। अपने अनुसंधान के लिए हेनरी को गर्मियों की छुट्टियों में ही वक्त मिल पाता।

जोजेफ हेनरी के अविष्कार -what did joseph henry invent

इंग्लैंड में विलियम स्टर्जन ने इलेक्ट्रो-मैग्नेट का आविष्कार कर लिया था। स्टर्जन की विद्युत-चुम्बकित छड़ में 5g लोहे को आकर्षण द्वारा थामे रखने की ताकत थी।

जोजेफ हेनरी(Joseph Henry invention)ने भी यही परीक्षण अपने यहां कर देखा और उसमें कुछ बेहतरी भी वह ले आया। हेनरी के चुम्बक में 1,200 g भार उठाने का सामर्थ्य था।

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विद्युत चुम्बक के निर्माण से अब हेनरी को प्रेरणा मिली कि चुम्बक की शक्ति ‘अभिप्रेरणा’ (induction)का सिद्धांत हेनरी ने खोज निकाला था किंतु प्रकाश में न लाने के कारण किंतु इस प्रश्न का एक पहलू फेराडे को सूझा ही नहीं ।

यह पहलू उसका श्रेय माइकल फैराडे(michael faraday)को मिल गया। था—स्वात्म-अभिप्रेरण(self induction) की संभावना का। इसी के (1829 में इधर ऍल्बनी में हेनरी के परीक्षण चल रहे थे। उधर लंदन में फैराडे भी अपनी प्रयोगशाला में व्यस्त था।

फैराडे ने अपने निष्कर्षों को 1832 में प्रकाशित कर दिया और बाजी ले गया। कुछ वैज्ञानिक मित्रों की प्रेरणा से हेनरी ने ‘अमेरिकन जर्नल आफ साइन्स‘ में प्रकाशनार्थ एक लेख-माला तैयार की। इन लेखों की बदौलत हेनरी को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी की फैकल्टी में एक नियुक्ति मिल गई। यहां 1832 से 1848 तक चौदह साल लगातार प्रोफेसर हेनरी ने अध्यापन तथा अनुसंधान में व्यतीत किए।

आज टेलिग्राफ के आविष्कार(joseph henry telegraph invention) का श्रेय सेमुएल एफ.बी. मोर्स को जाता है लेकिन मोर्स से वर्षों पहले हेनरी के यहां टेलिग्राफ सिस्टम का एक मील तक चालू एक मॉडल तैयार हो चुका था।

यही नहीं, उन्होंने एक बिजली का रिले-सिस्टम भी ईजाद कर लिया था कि सिग्नल को जब तक चाहें, लगातार दोहराया जा सके। हेनरी ने अपने टेलिग्राफ सिस्टम(telegraph system )का प्रदर्शन मोर्स तथा ब्रिटिश टेलिग्राफ सिस्टम के जनक चार्ल्स व्हीटस्टोन के सम्मुख किया भी था।

1842 में हाइनरिख हर्ट्ज के परीक्षणों से 50 साल पहले प्रोफेसर हेनरी ने रेडियो की तरंगों का आदान-प्रदान प्रत्यक्ष कर दिखाया था। कुछ वक्त बाद हेनरी ने अपने इस परीक्षण को प्रकाशित भी किया, किंतु वक्त से वह इतना आगे था कि कोई वैज्ञानिक उनके लिखे को पढ़कर कुछ समझ ही नहीं पाया।

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जोजेफ हेनरी का निधन – joseph henry death

एक ब्रिटिश रसायनशास्त्री एवं खनिज-विशेषज्ञ जेम्स स्मिथन, जो जीवन में कभी भी अमरीका नहीं आया था, अमरीकी सरकार के नाम 25 लाख रुपया छोड़कर मर गया कि इस रकम से एक वैज्ञानिक संस्था स्थापित की जा सके।

1846 में इस धन को कांग्रेस के एक एक्ट द्वारा स्वीकार करते हुए स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूशन की विधिवत स्थापना कर दी गई। वाशिंगटन डी.सी. मे अवस्थित यह संस्था एक संग्रहालय भी है और एक अनुसंधानशाला भी। जोजेफ हेनरी ने इसके अध्यक्ष-पद को स्वीकार किया और 1878 में अपनी मृत्यु तक इसके भार को खूब निभाया।

सूर्य के काले धब्बों का तापमान ज्ञात करने का श्रेय भी हेनरी को दिया जाता है कि सूर्य के परिधि-स्थित क्षेत्रों से ये अपेक्षया कुछ कम गरम होते हैं । हेनरी की मृत्यु के कई वर्षों बाद उसकी प्रतिभा को सम्मान देने के लिए विद्युत-चुम्बकीय क्षेत्र में इंडक्टेंस की गणना की इकाई का नाम रखा गया ‘हेनरी’।

ये article ” जोजेफ हेनरी की जीवनी हिंदी –Biography of Joseph Henry in hindi ” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. उम्मीद करता हुँ. कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा

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