लॉजिक गेट (Logic Gate) क्या है
कुछ प्रश्न या कथन (statements) ऐसे होते हैं कि जिनके दो ही उत्तर या टिप्पणी संभव हैं-हाँ(yes) या नहीं (no) अथवा सही (true) या गलत (false)। उदाहरण के लिए, ‘क्या सूरज पूरब में उगता है?’— इस प्रश्न या कथन का उत्तर हाँ/नहीं अथवा सही/गलत से पूरा हो सकता है। दार्शनिक और विचारक ऐसे प्रश्नों या कथनों के विश्लेषण और अंततः निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए तर्क (logic) का उपयोग करते हैं। जॉर्ज बूल (George Boole) नामक एक अंग्रेज गणितज्ञ ने ऐसे तर्कों का गणितीय विश्लेषण करने के लिए एक ऐसे बीजगणित का प्रतिपादन किया जिसे बूलियन बीजगणित (Boolean algebra) कहते हैं।
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फिर क्लॉड शैनन (Claude Shannon) ने सर्वप्रथम बूलियन बीजगणित का उपयोग विद्युत परिपथ में किया। इन परिपथों (जैसे टेलीफोन स्विचिंग परिपथ) में विद्युत-धारा का प्रवाह विभिन्न स्थितियों में विभिन्न स्विचों का एक साथ’ऑन’ (on) या ‘ऑफ’ (off) होने पर निर्भर करता है। अब हम एक ऐसे लिफ्ट (lift) पर विचार करते हैं जिसमें केवल दो स्विच हैं—एक ऊपर जाने के लिए और दूसरा नीचे आने के लिए। अब हम लिफ्ट को गतिशील करनेवाले मोटर को चलाने के लिए कुछ शर्त रखते हैं—लिफ्ट का मोटर तभी चल सकता है जब केवल एक स्विच को’ऑन’ किया जाए।
लेकिन, जब दोनों स्विचों को एक ही साथ दबाया जाए (अर्थात ‘ऑन’ कर दिया जाए) तब लिफ्ट का मोटर नहीं चलेगा। इस परिपथ के निर्माण के लिए हम बूलियन बीजगणित का व्यवहार कर सकते हैं। जब कोई शर्त सही (true) है तब उसे हम 1 (एक) से निरूपित कर सकते हैं—विद्युत-परिपथ में इसका संगत बंद स्विच या वोल्टेज की उपस्थिति हो सकता है। इसी प्रकार गलत (false)शर्त को 0 (शून्य) से निरूपित कर सकते हैं जिसके संगत विद्युत-परिपथ में खुला स्विच या वोल्टेज की अनुपस्थिति (absence of voltage) हो सकता है। इस प्रकार कई स्विचों का ‘बंद’ या’खुले’ अवस्था में होना या परिपथ के नियत बिंदुओं पर वोल्टेज की उपस्थिति या अनुपस्थिति कई’1′ या ‘0’ को निरूपित कर सकती है। हम जानते हैं कि 1 या 0 की श्रृंखला से संख्याएँ (द्विआधारी) निरूपित की जा सकती हैं।
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इस प्रकार हम विशेष परिपथों में द्विआधारी संख्या निरूपित कर सकते हैं। ऐसे विद्युत परिपथों का भी निर्माण किया जा सकता है जो द्विआधारी (binary) संख्याओं का जोड़ या घटाव कर सके। अब तक हम ऐसी दो अवस्थाओं का जिक्र करने जा रहे हैं जो सही/गलत अथवा बंद/खुला
अथवा वोल्टेज की उपस्थिति/अनुपस्थिति दोनों में कोई एक हो। इन दो स्थितियों को निरूपित करने के लिए हम ऐसे इलेक्ट्रॉनिक युक्ति (electronic devise) का उपयोग कर सकते हैं जो किसी परिपथ में दो अवस्थाओं में रह सकता है—जैसे डायोड तथा ट्रांजिस्टर। उदाहरणार्थ, एक परिपथ में डायोड की दो अवस्थाएँ हो सकती हैं— चालक जैसा (conducting) तथा अचालकी (nonconducting) जैसा।
इन युक्तियों का उपयोग कर वैसे परिपथों का डिजाइन किया जा सकता है, जिनके द्वारा परिपथ में निर्गम (output) वोल्टेज केवल तभी होगा जब इनके निवेश (input)बिंदुओं पर लगे वोल्टेज कुछ शर्ते पूरी करती हों। ऐसे परिपथ द्वारा किसी शर्त का सही या गलत होने का आकलन कर सकते हैं। ऐसे परिपथ को लॉजिक गेट (logic gate) कहते हैं। अंकीय उपस्करों (digital equipments); जैसे- कैलकुलेटर, कंप्यूटर, अंकीय टेलीफोन स्विचिंग परिपथ (digital telephone switching circuits) इत्यादि का निर्माण लॉजिक गेट द्वारा ही संभव हुआ है।यहाँ तीन मुख्य लॉजिक गेटों का वर्णन किया गया है। इन्हीं परिपथों से दूसरे प्रकार के लॉजिक गेटों का निर्माण होता है।
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AND गेट क्या है?
किसी गेट की क्रिया का वर्णन करने के लिए टूथ टेबुल (truth table) की सहायता ली जाती है। इसमें निवेश (input) तथा निर्गम (output) की अवस्थाओं की सभी संभावनाओं को सारणित किया जाता है। इस सारणी से स्पष्ट है कि निर्गम (ouput) केवल तब ही प्राप्त होता है, अर्थात बल्ब तभी जलता है जब दोनों निवेश ऊँचे (high) हों, अर्थात दोनों स्विच बंद हों।AND गेट की इस प्रक्रिया को बूलियन व्यंजक(Boolean expression) द्वारा संक्षेप में बताया जाता है।
•दो निवेशों (inputs) वाले AND गेट के लिए बूलियन व्यंजक है-A.B=Y
OR गेट क्या है?
OR GATE मे दो या दो से अधिक सिंग्नल इनपुट दिया जा सकता है। जबकि इसमें केवल एक आउटपुट सिंग्नल मिलता है। इसका बुलियन व्यंजक A+B=Y है।
NOT गेट (NOT Gate) क्या है?
इस गेट में एक निवेश (input) तथा एक निर्गम (output) होता है। निवेश को उलट देना ही इसकी क्रिया है। अतः, यदि निवेश 1 है तो निर्गम 0 होगा और यदि निवेश 0 है तो निर्गम 1 होगा। इसका बूलियन व्यंजक A है, जहाँ A निवेश है। ध्यान दें कि निर्गम पर एक छोटा-सा गोल बना हुआ है इसे इन्वर्ट बबल कहते हैं। इसका बुलियन व्यंजक X = A¯ है।
अन्य लॉजिक गेट्स (Other Logic Gates)
अन्य लॉजिक गेट्स हैं NAND और NOR,AND परिपथ को NOT की सहायता से उलटने पर NOT, AND या NAND, अर्थात NOT AND गेट का निर्माण होता है। इसी प्रकार OR गेट को NOT की सहायता से उलटने पर NOR, अर्थात NOT OR गेट बनता है।
(1) NAND गेट (NAND Gate)
दोस्तों NAND GATE का निर्माण AND और NOT गेट के आपस मे मिलने से होता है। यह गेट NOT और AND ऑपरेशन एक साथ करता है। इसका बुलियन व्यंजन X = (AB)¯होता है।
(2)NOR गेट (NOR GATE)
दोस्तों NOR गेट NOR और OR गेट के कॉम्बिनेशन से बनता है। मतलब एक NOT गेट और एक OR गेट को जोड़ने से हमें OR गेट मिलता है। इसका Boolean expression X = (A+B) ¯ है।
हमने क्या सीखा
दोस्तों इस आर्टिकल मे हमने जाना Logic Gate in Hindi क्या होता है। Logic Gate का हिंदी मतलब क्या होता है। Logic Gate जुड़े हमें जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई। उसे हमने आपके सामने प्रस्तुत किया है। अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई डाउट है। तो आप बेफिक्र होकर हमें कमेंट या ईमेल कर सकते हैं।
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