DMCA.com Protection Status

महान वैज्ञानिक थॉमस एडीसन की जीवनी हिंदी-Biography of Thomas Edison in hindi

  • जन्म-11 फरवरी, 1847
  • जन्म स्थान—मिलान, अहियो (अमरीका)
  • निधन-18 अक्टूबर, 1931
  • निधन स्थान-वैस्ट आरेंज न्यूजर्सी, अमरीका

सम्पूर्ण विश्व में अपनी महानतम् उपलब्धियों के लिए जाने वाले इस महान वैज्ञानिक के नाम पर हजारों आविष्कारों के पेटेंट दर्ज हैं। विद्युत-बल्ब का आविष्कार करने के कारण इन्हें विश्वभर में प्रकाश का फरिश्ता कहा जाता है।

थॉमस एडीसन का जन्म-Biography of Thomas Edison in hindi

एक साथ वैज्ञानिक, उत्तम व्यवस्थापक एवं उद्यमी की विशिष्ट प्रतिभा रखने वाले महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडीसन का जन्म फरवरी, 1847 को मिलान में हुआ था।

इनके पिता ने हर प्रकार के व्यवसाय करने का प्रयास किया लेकिन उन्हें किसी में भी सफलता न मिली। एडीसन(About Thomas Edison hindi) बचपन में बहुत ही कमजोर थे और उनका व्यक्तित्त्व बहुत ही जटिल था।

लेकिन इनका मस्तिष्क सदा प्रश्नों से भरा ही रहता था। वह किसी भी चीज को तब तक नहीं मानते थे जब तक कि उसका स्वयं परीक्षण न कर लें। इस प्रकार के दृष्टिकोण के कारण ही इन्हें स्कूल से निकाल दिया गया।

इनके अध्यापक ने कहा था कि इस लड़के का दिमाग बिल्कुल खाली है। स्कूल से निकाले जाने के बाद इन्हें इनकी मां ने, जो स्वयं एक अध्यापिका थीं, पढ़ाया।
दस साल की उम्र में ही इन्होंने अपने घर के तहखाने में एक प्रयोगशाला बना ली थी।

Join

अपने प्रयोगों के लिए जब इन्हें अधिक धन की आवश्यकता हुई तो इन्होंने ग्रांड ट्रंक रेलवे पर चलती हुई रेलगाड़ियों में अखबार, टाफी बेचना आरम्भ कर दिया।
इन्होंने यह कार्य लगभग एक वर्ष किया और इसी अवधि में एक साधारण किस्म का टेलीग्राफ भी बनाया।

सन् 1861 में उत्तर और दक्षिण के बीच में युद्ध छिड़ गया। लोगों की उत्सुकता थी कि उन्हें युद्ध के विषय में समाचार जल्दी से जल्दी मिलें। इस आवश्यकता को देखते हुए एडीसन(Thomas Edison biography hindi) ने एक समाचार पत्र छापने की योजना बनाई। उन्होंने 12 डॉलर में एक पुराना छापाखाना खरीदा और उसे ट्रेन में ही लगा दिया। कुछ कागज खरीदकर उन्होंने समाचार पत्र छापना आरम्भ कर दिया।

Read More  Tom Sizemore wiki, Bio, Age, Ethnicity, Parents, Net Worth & More

इस समाचार पत्र का नाम था ग्रांड ट्रंक हैरल्ड। यह विश्व का पहला ऐसा समाचार पत्र था जो एक रेलवे ट्रेन में छापा जाता था और वहीं से बांटा जाता था। इस समाचार पत्र के लगभग 400 खरीदार थे। इसी अवधि में इन्होंने रेलगाड़ी के डिब्बे में एक छोटी-सी प्रयोगशाला भी बना ली थी,

जिसमें यह अपने खाली समय में कुछ न कुछ प्रयोग करते रहते थे इन्हीं दिनों एडीसन(Thomas Edison biography)के साथ एक दुर्घटना घटित हुई जिसमें ये बहरे हो गए। एक दिन ये अखबार बेचने के लिए ट्रेन से नीचे उतरे और इतनी ही देर में रेलगाड़ी चल दी।

एडीसन(About Thomas Edison hindi) को जब रेलगाड़ी चलने का बोध हुआ तो वे उसके पीछे दौड़े। तभी रेलवे के एक कर्मचारी ने इन्हें पकड़ के खींचा। इनके हाथों में अखबार थे।

इसलिए इन्हें कानों के बल ही खींचा जा सका। कुछ ही दिनों में एडीसन(Thomas Edison hindi)को बोध हुआ कि उनकी श्रवणशक्ति क्षीण होने लगी है। यही उनके जीवनभर बहरे होने की शुरुआत एक दिन इनकी रेल के डिब्बे वाली प्रयोगशाला में आग लग गई।

इससे रेलवे अधिकारी बहुत ही नाराज हुए और इनकी प्रयोगशाला के सभी वैज्ञानिक उपकरण और रसायन रेल के डिब्बे से बाहर फेंक दिए गए। इसके बाद रेल में अखबार बेचने के लिए उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया

वैज्ञानिक थॉमस एडीसन के अविष्कार-thomas alva edison inventions hindi

सन् 1862 की बात है जब इन्होंने अपनी जान पर खेलकर स्टेशन मास्टर के बच्चे को एक रेल दुर्घटना में मरने से बचाया। एडीसन के इस कारनामे से स्टेशन मास्टर बहुत प्रसन्न हुआ।

Read More  John Flannery Bio, Age, Height, Wife, Salary, Net Worth MSNBC

उसके पास धन के रूप में तो कुछ देने को था नहीं, लेकिन उसने एडीसन को टेलिग्राफी सिखाने का वचन दिया। एडीसन ने इस व्यक्ति से टेलिग्राफी सीखी और सन् 1868 में उन्होंने अपना टेलिग्राफ पर प्रथम पेटेंट कराया।

उसी वर्ष उन्होंने वोट रिकॉर्ड करने की मशीन का आविष्कार किया। इसके अगले वर्ष वे न्यूयॉर्क चले गए। वहां पर भी उन्होंने कुछ समय गरीबी में गुजारा, लेकिन कुछ दिन बाद इन्हें स्टॉक एक्सचेंज के टेलिग्राफ ऑफिस में नौकरी मिल गई।

उन्होंने अपना टेलिग्राफ उपकरण एक्सचेंज के प्रसीडेंट को इस आशा में भेंट किया कि उन्हें इसके 2,000 डॉलर मिल जाएंगे लेकिन एक्सचेंज का प्रेसीडेंट उनके इस टेलिग्राफ उपकरण से इतना प्रभावित हुआ कि उसने एडीसन को इसके 40 हजार डॉलर दिए।

यहीं से उनके सौभाग्य का आरम्भ हुआ। सन् 1876 में न्यूजर्सी के मैनलो पार्क में इन्होंने अपनी प्रयोगशाला स्थापित की। वहां इन्होंने इतने अनुसंधान किए कि इन्हें मैनलो पार्क का जादूगर कहा जाने लगा।

सन् 1877 में एडीसन(Thomas Edison gramophone invention)ने ग्रामोफोन का आविष्कार किया। इसी प्रयोगशाला में सन् 1879 में एडीसन ने विद्युत बल्ब(Thomas Edison bulb invention) का आविष्कार किया। नववर्ष के उपलक्ष में सारी सड़क को एडीसन द्वारा खोजे गए बल्बों से सजाया गया और इस सजावट को देखने के लिए विश्वभर के संवाददाता आए।

जब ये अपने विद्युत बल्ब पर कार्य कर रहे थे तभी इन्होंने तापायनिक उत्सर्जन (Thermoionic Emission) के सिद्धांत का आविष्कार किया और बाद में इसी सिद्धांत पर इलेक्ट्रॉनिक वाल्व बनाए गए।

सन् 1887 में वे न्यूजर्सी के वैस्ट ओरेंज नामक स्थान पर बनी प्रयोगशाला में चले गए, जहां से मानो नए-नए आविष्कारों की एक अटूट धारा बह निकली।

सन् 1889 में पेरिस में एक विशाल अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था जिसमें पूरे एक विभाग में एक ही व्यक्ति थॉमस अल्वा एडीसन(Thomas Edison invention hindi)के आविष्कार और आमंत्रित किया और उनका महान सम्मान के साथ स्वागत किया गया।

Read More  Jean Ramirez Biography, Died, Facts, Childhood, Family, Life, Wiki, Age, Work, Net Worth

एडीसन के इस सम्मान समारोह में एक वक्ता ने तो यहां तक कहा था कि इन्होंने इतनी अधिक संख्या में आविष्कार किए हैं कि शायद अब दूसरे लोगों के आविष्कार करने के लिए कुछ शेष ही नहीं रह गया है।

वास्तविकता तो यह है कि इस अकेले व्यक्ति ने एक हजार से भी अधिक पेटेंट प्राप्त किए । मानव विकास के इतिहास में अब तक कोई भी वैज्ञानिक ऐसा नहीं हुआ है, जिसने एडीसन(Thomas Edison) के बराबर आविष्कार किए हों।

एडीसन(Edison experiment)के शोधों के आधार पर ही बाद में रेमिंगटन टाइप राइटर विकसित किया गया। इन्होंने एक विद्युत से चलने वाला पेन भी खोजा, जो बाद में मिमोग्राफ के रूप में विकसित हुआ। सन् 1889 में उन्होंने चलचित्र कैमरा भी विकसित किया।

सन् 1912 में इन्हें अपने पुराने सहयोगी टेस्ला के साथ नोबेल पुरस्कार मिलने को था लेकिन टेस्ला अपना नाम एडीसन के साथ जोड़ना नहीं चाहते थे।

इसलिए ये दोनों ही वैज्ञानिक नोबेल पुरस्कार से वंचित रह गए। अपने जीवन के अंतिम दशक में वे तकनीकी युग के जादूगर के रूप में प्रसिद्ध हो गए थे। वे जीवन की अंतिम सांसों तक (18 अक्टूबर, 1931) भी नयी चीजें खोजने में लगे रहे।

इतनी महान प्रसिद्धि के बावजूद भी वे बहुत सरल स्वभाव के थे। यह बात उनके इस कथन से स्पष्ट हो जाती है—’मेरे अंदर एक प्रतिशत विद्वता का उत्साह रहा लेकिन 99 प्रतिशत कठिन परिश्रम का।’ सन् 1960 में उनका नाम अमरीका के उन प्रसिद्ध व्यक्तियों की सूची में जोड़ा गया जिन्हें ‘मैम्बर ऑफ द हॉल ऑफ फेम’ कहते हैं।

ये article ” महान वैज्ञानिक थॉमस एडीसन की जीवनी हिंदी-Biography of Thomas Edison in hindi ” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. उम्मीद करता हुँ. कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा

DMCA.com Protection Status