दोस्तों क्या आपको पता है चंद्रमा पर खड़े होकर आसमान को देखने पर वह काला दिखाई देता है ऐसा लगता है चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा हो। जबकी पृथ्वी से आसमान हमें नीला दिखाई देता है। ऐसा क्यों होता है?(Scattering of light in hindi)
यह सभी चीजें प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होती है। वैसे प्रकाश का प्रकीर्णन होता क्या है। आज के इस आर्टिकल मे हम प्रकाश के प्रकीर्णन को अच्छे से समझेगे।
प्रकाश का प्रकीर्णन क्या है-What scattering of light in hindi
प्रकाश के प्रकीर्णन की परिभाषा-“जब प्रकाश किसी ऐसे माध्यम से गुजरता है जिसमें धूल तथा अन्य पदार्थों के अत्यंत सूक्ष्म कण होते हैं तो इनके द्वारा प्रकाश सभी दिशाओं में बिखर जाता है। इस घटना को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं। “
• बैगनी रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक तथा लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है
• आकाश का रंग नीला प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण है
प्रकाश का प्रकीर्णन की व्याख्या (Scattering of light)-
जब प्रकाश अणुओं, परमाणुओं व छोटे-छोटे कणों पर आपतित होता है तो उसका विभिन्न दिशाओं मे प्रकीर्णन हो जाता है । वायुमण्डल मे विभिन्न गैसों के अणु, परमाणु व धूल-धुयें के छोटे-छोटे कण विद्यमान हैं।
जब सूर्य का प्रकाश जो कि सात रंगों (बैंगनी,गुलाबी, नीला, हरा, पीला, नारंगी व लाल) का बना होता है, वायुमण्डल से गुजरता है तो वह वायुमण्डल में उपस्थित कणों द्वारा विभिन्न दिशाओं में प्रसारित हो जाता है। इस प्रक्रिया को ही प्रकाश की प्रकीर्णन(Scattering of light in hindi) कहते है।
लार्ड रैले अनुसार किसी रंग का प्रकीर्णन उसकी तरंग दैर्ध्य पर निर्भर करता है तथा जिस रंग के प्रकाश की तरंग दैर्ध्य सबसे कम होती है। उस रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक तथा सबसे अधिक तंरग दैर्ध्य के प्रकाश के रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है।
सूर्य के प्रकाश में बैंगनी रंग, जिसकी तरंग दैर्ध्य सबसे कम होती है का प्रकीर्णन सबसे अधिक व लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है। लाल रंग की तरंग दैर्ध्य सूर्य के सात रंगों में सबसे अधिक होती है।
प्रकाश का प्रकीर्णन के उदाहरण (Scattering of light in hindi)-
प्रकाश के प्रकीर्णन के कई उदाहरण दैनिक जीवन में देखने को मिलते हैं। आकाश का रंग सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ही नीला दिखायी देता है। जब सूर्य का प्रकाश जो कि विभिन्न रंगों का मिश्रण है
वायुमण्डल से होकर गुजरता है तो वायु में उपस्थित विभिन्न अणुओं, धूल एवं धुयें के कणों द्वारा उसका प्रकीर्णन हो जाता है।दिन के समय जब सूर्य सीधा आकाश में मनुष्य के सिर के ऊपर होता है तो मनुष्य केवल प्रकीर्णित प्रकाश ही देख पाता है।बैंगनी रंग का प्रकीर्णन(Scattering of light in hindi) सबसे अधिक व लाल रंग का सबसे कम होता है,
प्रकीर्णित प्रकाश का मिश्रित रंग (Composite colour) हल्का नीला होता है । इसी कारण आकाश नीला दिखायी देता है। सूर्य उगते व डूबते समय प्रकीर्णन के कारण ही लाल दिखायी देता है।
जब सूर्य उगता है या डूबता हैं तो उसके प्रकाश को हम तक पहुँचने में वायुमण्डल के धूल आदि कणों से होकर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है जिससे उसका इन कणों से प्रकीर्णन(scattering of light) हो जाता है।
अन्य रंगों की तुलना में लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे कम होता है। जिस कारण प्रेक्षक तक पहुँचने वाले प्रकाश में लाल रंग का अधिक हो जाता है, जिसके कारण सूर्य डूबते व उगते समय लाल दिखायी देता है।
जब सूर्य दिन के समय सिर के ऊपर होता है तो प्रकाश को वायुमण्डल में कम दूरी तय करनी पड़ती है जिससे प्रकीर्णन कम होता है व सूर्य श्वेत दिखायी देता है ।
समुद्र का पानी भी प्रकीर्णन के कारण ही नीला दिखायी देता है। जब अंतरिक्ष यात्री चन्द्रमा के तल पर खड़े होते हैं तो वहाँ से आकाश उन्हें काला दिखायी देता है । चन्द्रमा पर कोई वायुमण्डल न होने के कारण वहाँ पर सूर्य के प्रकाश का प्रकीर्णन(Scattering of light in hindi) नही होता जिससे आकाश काला दिखायी देता है ।
वास्तव में पृथ्वी के वायुमण्डल से ऊपर जाने पर वायुमण्डल के अनुपस्थित होने के कारण अंतरिक्ष में सभी स्थानों पर आकाश काला दिखायी देता है।
यह article “प्रकाश का प्रकीर्णन क्या है, परिभाषा की व्याख्या (Scattering of light), दैनिक जीवन में प्रकीर्णन के उदाहरण” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।