दूध (Milk in hindi)-
दूध एक विजातीय पदार्थ(Heterogenous Product) है जिसमें वसा, प्रोटीन, दुग्धम(Lactose), खनिज पदार्थ तथा अन्य अवयव या तो घोल(Solution) या निलम्बन (Suspension) या पायस (Colloid) के में सदैव द्रव अवस्था में पाए जाते हैं। दूध में न्यूनतम वसा 3.5 प्रतिशत और वसा रहित ठोस 8.5 प्रतिशत होनी चाहिये।
दूध के विभिन्न विश्लेषणों से पता चलता है कि इसमें वसा, प्रोटीन, खनिज लवण, दुग्धम आदि मुख्य अवयव हैं। इन अवयवों की मात्रा विभिन्न पशुओं तथा एक ही पशु में विभिन्न समयों पर भिन्न-भिन्न होता है। विभिन्न पशुओं के ? दूध का संघटन निम्नवत् है-
विभिन्न पशुओं के दूध की तुलना और फायदे(Benefit of cow milk , buffalo milk, goat milk, sheep milks)
अवयव | गाय | भैस | बकरी | भेड़ |
वसा | 4.92 | 7.16 | 4.04 | 8.63 |
प्रोटीन | 3.21 | 3.77 | 3.76 | 4.00 |
लैक्टोस | 4.58 | 4.81 | 4.64 | 4.82 |
राख | 0.75 | 0.76 | 0.85 | 0.67 |
वसा रहीत ठोस पदार्थ | 8.54 | 9.34 | 9.51 | 11.39 |
कुल ठोस | 13.48 | 16.50 | 14.26 | 19.26 |
पानी | 86.36 | 82.25 | 86.98 | 81.25 |
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दूध के प्रकार(Types of milk in hindi)
मार्केट में कई प्रकार के दूध मिल जाते हैं। आपके लिए कौन सा दूध अच्छा रहेगा। चलिए समझते है।
टोन दुग्ध (Toned Milk)-
भैंस के दूध में पानी मिलाकर बसा तथा बसा रहित ठोस पदार्थों की मात्रा कम कर दिया जाता है तथा इसमें पुनः सप्रेटा दूध (Skimed milk) मिलाकर वसा रहित ठोस पदार्थों को शुद्ध दूध के बराबर कर दिया जाता है। इस प्रकार बने दूध को टोन्ड मिल्क कहते हैं।
डबल टोन्ड दुग्ध (Double Toned Milk)-
यह भी एक प्रकार का टोन्ड मिल्क ही है लेकिन इसमें वसा की मात्रा 1.5% तथा वसा रहित ठोस पदार्थ की मात्रा 10% होती है। इसमें सप्रेटा दूध की जगह सप्रेटा दूध चूर्ण (Skimed Milk Power) का प्रयोग किया जाता है।
फ्लेवर्ड दुग्ध (Flavoured Milk)
इसमें पाश्चुरीकृत दूध में थोड़ा मीठा एवं सुगन्ध फ्लेवर्ड दूध का निर्माण किया जाता है, तत्पश्चात् इसे बोतलों में भरकर इसे बाजार में बेचा जाता है। इसका पोषक मान पाश्चुरीकृत (Pasturized) दूध से ज्यादा होता है क्योंकि इसमें चीनी एवं सुगन्ध दोनों अलग से मिलाया जाता है।
प्रबलीकृत या विटामिन युक्त दूग्ध (Enriched or Fortfied or Vitaminised Milk)
दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों में विटामिन-डी की मात्रा मिलाकर इसकी पोषण महत्ता अधिक की जाती है। कुछ देशों में शुद्ध दूध की जगह सप्रेटा दूध ही पीने को मिलता है। ऐसी दशा में बच्चों के शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाती है। इस प्रकार के दूध में विटामिन ए और बी मिलाकर इसकी गुणवंता को बढ़ाया जा सकता है।
सोयाबीन दूध
सोयाबीन से बने दूध को सोयाबीन दूध कहते हैं। सोयाबीन प्रोटीन का अच्छा एवं सस्ता स्रोत है। फलतः सोयाबीन के दूध में भी प्रोटीन की मात्रा काफी होती है। यह दूध पौष्टिकता से परिपूर्ण होता है।
संघनित दूध (Condensed Milk) –
संघनित अथवा वाष्पित वह दूध है जिससे जल का कुछ भाग वाष्पीकरण के द्वारा अलग कर दिया जाता है। जब इसमें चीनी मिला दी जाती है तब इसे संघनित दूध कहते हैं। यदि चीनी न मिलाई जाय तो उसे वाष्पित दूध या सादा संघनित दूध कहते हैं।
दूध से बनने वाले अन्य उपयोगी पदार्थ(Some benefit of milk in hindi)
दोस्तों आगे हम दूध से बनने वाले कुछ महत्वपूर्ण पदार्थों के चर्चा करने वाले हैं। जो खाने में जितने स्वादिष्ट हैं उतने ही विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है। शायद आपने इनमें से कुछ चीजों को खाया भी होगा।
क्रीम (Cream)
यह एक प्रकार का दूध होता है जिसमें वसा की मात्रा बढ़ जाती है तथा पानी की मात्रा कम हो जाती है। क्रीम में वसा का कोई निर्धारित स्तर नहीं होता है फिर भी बाजार में बेचे जाने वाले क्रीम में वसा की मात्रा 45% से अधिक होती है। क्री का रंग अधिक पीला होता है। इसका कारण क्रीम में वसा की अधिकता होना है।
वसा में विटामिन ए, जो कैरोटिन से प्राप्त होता है पूर्णतः घुलनशील होता है इसलिए कैरोटिन एवं जैन्थोफिल के कारण क्रीम का रंग पीला होता है। क्रीम को सामान्य तौर पर गुरुत्वाकर्षण विधि अथवा अपकेन्द्री विधि से दूध से निकाला जाता है।
मक्खन (Butter)-
मक्खन भी एक प्रकार का दुग्ध उत्पाद है जो गाय-भैंस तथा अन्य स्तनधारी पशुओं के दूध या क्रीम को मथने से प्राप्त होता है। इसमें वसा 80% से कम और 20% से अधिक अन्य पदार्थ जैसे पानी, नमक तथा अन्नानाटोरंजक नहीं होनी चाहिए। साथ ही पानी की मात्रा 16% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
दही (Curd)-
दही भी एक प्रकार का दुग्ध उत्पाद है जो दूध के सामान्य किण्वन (Eermentation) से प्राप्त होता है। सामान्य किण्वन में दूध को उबालकर 21°C ताप तक ठण्डा करके उसमें उचित मात्रा में जामन (Starter) मिलाकर प्राप्त किया जाता है। जामन का तात्पर्य दूध में दही जमाने के लिए जामन मिलाने से है।
जामन एक प्रकार की दूध से बनी हुई वस्तु है जिसमें केवल वही जीवाणु होते हैं जिनको हम दही में पैदा करना चाहते हैं। दही में वही जीवाणु होने चाहिए जो दूध में दुग्धाम्ल उत्पन्न करते हैं। ये जीवाणु प्रायः स्ट्रेप्टोकोकस अथवा अम्लरागी (L. Acidiphilus) होते हैं। दही में प्रायः वह सभी तत्व मिलते हैं जो कि साधारण दूध में होते हैं। केवल अन्तर यह होता है कि दही में पानी एवं दुग्धम की मात्रा साधारण दूध की अपेक्षा कम होती है और साथ-साथ दही में दुग्धाम्ल की मात्रा काफी बढ़ जाती है।
छेना (Chhana)
छेना एक प्रकार का दुग्ध उत्पाद है जो उबलते दूध को अम्ल द्वारा फाड़कर तैयार किया जाता है। दूध को फाड़ने के लिए दुग्धाम्ल या साइट्रिक अन्त अथवा साइट्रिक फलों का रस प्रयोग में लाया जाता है ! छेना तैयार होने के बाद इसे जल से अलग कर लिया जाता है।
पनीर (Cheese)-
पनीर भी छेना की ही तरह दुग्ध उत्पाद है तथा इसे बनाने की विधि भी लगभग छेना की तरह है। इसे भी अम्ल द्वारा फाड़कर बनाया जाता है परन्तु पनीर को पनीर जल से अलग करने के बाद लकड़ी के सांचे में भरकर 2 किग्रा. प्रति वर्ग सेमी. का दबाव डालकर शेष जल को पनीर से अलग किया जाता है। फिर इसे आवश्यकता अनुसार टुकड़ों में काटकर 2-3 घण्टे तक ठण्डे जल में डुबो कर रखा जाता है।
घी (Ghee)–
धी भी एक प्रकार का दुग्ध उत्पाद ही है। यह मक्खन तथा क्रीम को एक निश्चित ताप पर गर्म करके प्राप्त किया जाता है। इसमें दुग्ध वसा की मात्रा 99% से अधिक होती है। शेष जल और छाछ का होता है। शुद्ध घी में डाइएसीटिल की उपस्थिति के कारण एक विशेष प्रकार की सुवास होती है ।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा पंजाब घी उत्पादन के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं।
खोवा (Khoa)–
दूध को गर्म करके उसके पानी को आंशिक रूप से सुखाकर तैयार किया गया उत्पाद खोवा कहलाता है। यह विशुद्ध रूप से भारतीय दुग्ध उत्पाद है। यह मूल रूप से मिठाई आदि बनाने के काम आता है।
आइसक्रीम (Ice Cream)
यह एक प्रकार का कशावत एवं हिमीकृत खाद्य उत्पाद है जिसको दुग्ध उत्पाद के मिश्रण से बनाया जाता है। इसमे दुग्ध, वसा, वसा रहित ठोस पदार्थ एवं चीनी की एक इच्छित प्रतिशत मात्रा होती है। इसके अतिरिक्त इसमें रंजक पदार्थ भी मिलाया जाता है ।
दुग्ध चूर्ण (Milk Powder)-
दूध को पूर्ण वाष्पित.करके बनाया गया वह दुग्ध पदार्थ जिसमें नमी अंश अधिकतम 3% हो, दुग्ध चूर्ण कहलाता है। जब यह ‘संपूर्ण दूध’ और ‘सप्रेटा दूध’ से बनाया जाता है तो इसे क्रमशः संपूर्ण दूग्ध चूर्ण (Whale Milk Powder) और स्किम्ड दुग्ध चूर्ण (Skimmed Milk Powder)
कहते हैं।
दूध से जुड़े रोचक तथ्य( interesting fact about milk in Hindi)
• घी अथवा दूध का पीला रंग कैरोटीन के कारण होता है।
• शुद्ध देसी घी में विशेष प्रकार की सुगंध डाईएसिटिल के कारण होती है।
• दूध में केसिन, एल्ब्यूमिन तथा ग्लोबिन तीन प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं। जिसमे केसिन की मात्रा सबसे अधिक होती है।
• लैक्टोस दूध में पाए जाने वाला मुख्य कार्बोहाइड्रेट है
• पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा दूध गाय का इस्तेमाल किया जाता है।
• गाय और भैंस के दूध में प्रोटीन पाया जाता है जबकि बकरी के दूध में प्रोटीन नहीं पाया जाता है।
• दूध को विटामिन और प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है। क्योंकि इसमें सभी चीजें अतिरिक्त मात्रा में मिल जाती हैं।
• दूध पीने से हड्डियों की बीमारियों से छुटकारा पाया जाता है। क्योंकि इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस, पोटेशियम और विटामिन प्रचुर मात्रा में मिल जाता है।
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