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HIV का फुल फॉर्म क्या है? HIV का मतलब क्या होता है(HIV full form in hindi)

दोस्तों आपने AIDS नामक बीमारी का नाम जरूर सुना होगा। यह बीमारी जिस Virus के कारण होती है। उसे ही हम HIV के नाम से जानते हैं। आज इस आर्टिकल में हम HIV ka full form, AIDS ka full form और साथ ही इन बीमारियों से जुड़े जानकारियों पर फोकस करेंगे।

AIDS-Acquired Immuno Deficiency Syndrome

HIV-Human Immunodeficiency Virus

AIDS का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिन्ड्रोम (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) है।

AIDS का मतलब क्या है(HIV ka full form meaning in hindi)

यह पूरे संसार में पाई जाने वाली एक घातक बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज संभव नहीं है। यह RNA विषाणु,मतलब (retrovirus) द्वारा उत्पन्न होता है। इस वाइरस को ह्यूमन इम्यूनो- डेफिशिएंसी वाइरस (Human Immunodeficiency Virus – HIV) कहा जाता है।

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AIDS बीमारी का इतिहास(History of HIV Virus)

HIV ka full form-एड्स की पहचान सर्वप्रथम अमेरिका के अटलांटा (Atlanta) नामक स्थान में 1981 में हुई। भारत में एड्स से पीड़ित मनुष्य सर्वप्रथम तमिलनाडु में 1986 में पाया गया। आज पूरे संसार में एक करोड़ से भी अधिक व्यक्ति इस रोग से पीड़ित हैं।

ऐसा माना जाता है कि यह रोग बंदरों तथा वनमानुस (chimpanzee) द्वारा मनुष्य में पहुँचा है। एड्स के वाइरस मनुष्य के शरीर में पहुँचकर श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) तथा लसीकाणुओं (lymphocytes-T4 सहायक कोशिकाओं) पर आक्रमण करते हैं तथा शरीर की आत्मरक्षा क्रिया विधि (immune system) को कमजोर या बेकार कर देते हैं, फलस्वरूप HIV संक्रमित व्यक्ति में बहुत प्रकार के रोग का संक्रमण, कैंसर, तांत्रिक अव्यवस्था (neurological disorder) आदि होने की संभावना हो जाती है।

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एड्स के रोगी द्वितीयक संक्रमण (secondary infection) से मर जाते है। शरीर की स्वाभाविक रक्षा-क्रिया विधि नष्ट हो जाने के कारण रोगी को घातक बीमारियाँ, जैसे निमोनिया (Pneumonia), त्वचा का कैंसर, अस्थिमज्जा (bone-marrow) संक्रमण, मैनेन्जाइटिस (Meningitis) आदि रोग हो सकते हैं।

AIDS के लक्षण (Symptoms Of AIDS/HIV):

प्रारंभिक संक्रमण के दौरान HIV पीड़ित मनुष्य में कोई खास लक्षण नहीं दिखाई पड़ते हैं। कुछ लोगों में संक्रमण के आठ-नौ साल तक भी कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। AIDS के कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-

  1. फूली हुई लसीका ग्रंथियाँ
  2. नियमित बुखार
  3. शरीर का वजन धीरे-धीरे कम होना
  4. रात को पसीना आना
  5. थकावट का एहसास, बोलचाल में कष्ट, सुस्पष्ट चिंतन में कमी, त्वचा पर घाव कानिकलना आदि।
  6. रोगी अनेकों प्रकार के जीवाणुओं, विषाणुओं, परजीवियों तथा फफूंदी (fungal) के संक्रमण से सरलतापूर्वक प्रभावित हो जाते हैं और यही उनके मृत्यु का कारण बन जाते हैं।

संक्रमण की विधि (Mode of infection)-

HIV के वाइरस शरीर के भीतरी द्रव जैसे रक्त, के वीर्य (semen), सेरेब्रोस्पाइनल द्रव (cerebrospinal fluid) में जीवित रह सकते हैं। थोड़ी संख्या में ये आँसू, पेशाब, थूक, दूध तथा योनि-स्राव (vaginal secretion) में भी उपस्थित रहते हैं। रोगी से स्वस्थ मनुष्य में इस वाइरस के पहुँचने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-

  1. पीड़ित मनुष्य के साथ यौन संबंध
  2. AIDS वाइरस से संक्रमित रक्त द्वारा रुधिर-आधान (blood transfusion)
  3. पीड़ित माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे को माँ के रक्त द्वारा संक्रमण
  4. पीड़ित माँ के दूध द्वारा नवजात शिशु में संक्रमण
  5. सामान्य उस्तरा, सूई, दाँत साफ करने का ब्रश आदि का इस्तेमाल
  6. एक मर्द का दूसरे मर्द के साथ यौन संबंध (homosexuality)
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निदान-क्रिया (Diagnosis of HIV)-

एड्स के वाइरस(HIV ka full form) की मनुष्य के रक्त में उपस्थिति कई प्रकार की.प्रयोगशाला जाँचों द्वारा की जा सकती है जैसे ELISA Test, Viral Load Test, RIPA Test आदि।

इलाज एवं नियंत्रण (Treatment and control HIV)-

अभी तक एड्स का इलाज संभव नहीं हो पाया है, किंतु कुछ दवाओं के उपयोग से एड्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है। एड्स के रोगियों को दी जाने वाली सामान्य दवाएँ AZT (Azidothymidin), DDI (Dideoxy inosine), DDC पुरुष (Dideoxycitidine) आदि हैं।
वे कारण जिनके द्वारा एडस का प्रसारण नहीं होता है-

  1. रोगी के शरीर को छूने से या हाथ मिलाने से।
  2. रोगी के बरतन, कपड़े, टेलीफोन आदि के इस्तेमाल से।
  3. रोगी के खाँसने या छींकने से।
  4. खून चूसने वाले कीट, जैसे मच्छर, खटमल आदि के काटने से।

रोकथाम (HIV Prevention)

  1. लोगों को एड्स एवं इसके संचरण के बारे में शिक्षित करना और अजनबी लोगों के साथ यौन-संबंध(HIV ka full form) से बचना।
  2. इंजेक्शन के लिए निस्तरणीय (disposable) सूई एवं पिचकारियों का उपयोग करना।
  3. आदान (transfusion) के लिए दान किए गए रक्त की जाँच कर यह सुनिश्चित कर लेना कि उसमें HIV के वाइरस उपस्थित नहीं हैं।।
  4. सामान्य उस्तरा, टूथ ब्रश, ब्लेड आदि का उपयोग नहीं करना।

यह article “HIV का फुल फॉर्म क्या है? HIV का मतलब क्या होता है(HIV full form in hindi)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।

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