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ऑप्टिकल फाइबर क्या होता है । परिभाषा, उपयोग और प्रकार जानिए – Everything about Optical Fibre in Hindi

आपने कभी ना कभी ऑप्टिकल फाइबर केबल( Optical fibre in Hindi) के बारे में जरूर सुना होगा। यह दुनिया के सबसे ज्यादा डाटा को ले जाने का कार्य करता है पूरी दुनिया मे तेज इंटरनेट चलने का कारण ऑप्टिकल फाइबर ही है आज के इस आर्टिकल में हम ऑप्टिकल फाइबर के बारे में अच्छे से समझेंगे।

ऑप्टिकल फाइबर क्या है – What is optical fibre in Hindi

ऑप्टिकल फाइबर केबल एक बहुत ही पतली कांच या प्लास्टिक से बनी एक तार होती है।जिससे हम लाइट का उपयोग करके डाटा का ट्रांसफर बहुत ही तेजी से कर सकते हैं यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है पूर्ण आंतरिक परावर्तन क्या है इसे हम आगे समझेंगे।

ऑप्टिकल फाइबर केबल( Optical Fibre) में बिजली का इस्तेमाल नहीं होता है।इसमें प्रकाश की किरणों का इस्तेमाल होता है जैसा कि अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा था। दुनिया में सबसे तेज प्रकाश की गति है।ऑप्टिकल फाइबर केबल में इसी गति से लगभग डाटा का ट्रांसफर होता है।

पूर्ण आंतरिक परावर्तन- Total internal reflection

जब प्रकाश की किरण संघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो अपवर्तन के कारण अपवर्तीत किरण अभिलंब से दूर हटती जाती है अब जैसे-जैसे हम आपतन कोण का मान बढ़ाते हैं विरल माध्यम मे अपवर्तीत किरण अभिलंब से दूर हटती जाती है।

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अब इसे आसान भाषा में समझे प्रकाश की किरण जब एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तब वह अपने रास्ते से थोड़ी विचलित हो जाती है। ऑप्टिकल फाइबर केबल में यह प्रकाश का विचलन एक निश्चित एंगल पर बार-बार होता रहता है।

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ऑप्टिकल फाइबर का इतिहास- History of Optical Fibre in Hindi

यह समय था 1870 का जब वैज्ञानिक जॉन टिंडल प्रकाश की किरण को पानी से होकर गुजार रहे थे उन्होंने जब एक विकर से गिरते हुए पानी में प्रकाश की किरण को डाला। तब देखा कि प्रकाश किरण भी उसी डायरेक्शन मुड़ जाती है जिधर पानी गिरता है।

उस समय उनको जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनका यह छोटा सा अविष्कार आगे चलकर पूरी दुनिया को बदलने वाला है। समय के साथ इस विषय पर बहुत सारे प्रयोग होते रहे । सन 1920 में जॉन लॉगी बेयर्ड और अमेरिका के क्लेरेन्स डब्लू जब वह आधुनिक टीवी का अविष्कार कर रहे थे। तब उन्हें पारदर्शी छड़ का उपयोग करके इमेजेस को दिखाने का विचार आया। उनके इस विचार ने ऑप्टिकल फाइबर की दिशा ही मोड़ दी।

अब वैज्ञानिक इसके बारे में एक नए सिरे से सोचने लगे। सन 1960 में भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र सिंह का कपनि ने फाइबर ऑप्टिक्स शब्द का पहली बार प्रयोग किया था। 1970 में कॉर्निंग ग्लास वर्क्स ने ऑप्टिकल फाइबर केबल के बंडल का विकास किया। धीरे-धीरे ऑप्टिकल फाइबर में काफी सुधार आने लगा।

कई सारे प्रयोगों के बाद डाटा ट्रांसमिट का डायरा 5km से 10km फिर 50-100km तक बढ़ता चला गया। आज ऑप्टिकल फाइबर का दायरा इतना बड़ा स्थापित हो चुका है कि इसने पूरी दुनिया को ढक रखा है।

ऑप्टिकल फाइबर केबल कैसे काम करता है- How does work Optical fibre cable in Hindi

ऑप्टिकल फाइबर केबल में डाटा को भेजने के लिए प्रकाश की किरणों का इस्तेमाल किया जाता है अब जहां से डाटा भेजना होता है वहां पर छोटे-छोटे ट्रांसमीटर लगे होते हैं।

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जो हमारे द्वारा दिए गए डाटा को इलेक्ट्रॉनिक पल्स इंफॉर्मेशन मे बदल देते हैं।जो एक तरह से प्रकाश का ही रूप होते हैं अब यह प्रकाश की किरणे इन ऑप्टिकल फाइबर केबल से परिवर्तित होती हुई एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचती है। जहां पर लगे ट्रांसमीटरो द्वारा इन्हे प्राप्त कर लिया जाता है।चुकी यह डाटा 0 और 1 के फॉर्म में होते है अब इस बाइनरी डाटा को कंप्यूटर समझ कर हमें जानकारी देता है।

ऑप्टिकल फाइबर केबल की बनावट- Structure of Optical Fibre in Hindi

ऑप्टिकल फाइबर केबल की मोटाई लगभग हमारे बालों की मोटाई के बराबर होती है।अब आपको जानकर हैरानी होगी इतना पतला होने के बावजूद भी इनसे लगभग 100 GB/second डाटा का ट्रांसफर होता है।

यह केवल ग्लास या प्लास्टिक की बनी होती है जिसके कारण यह बहुत ही कमजोर होती है इसकी सुरक्षा के लिए हम इसे लगभग 8 लेयर की सिक्योरिटी देते हैं।

इसकी सबसे बाहर वाली लेयर पॉलीमर की बनी होती है जो वाटर प्रोटेक्शन का काम करती हैं। फिर इसके बाद वाली लेयर स्टील की बनी होती है जो इसे मजबूती प्रदान करती हैं।अब इस प्रोसेस को दो से तीन बार दोहराया जाता है। जिससे यह highly protected हो जाता है। अब इन केबल को मशीनों की सहायता से समुद्र में बिछा दिया जाता है।

इन्हीं केबलों से होकर पूरी दुनिया का डाटा का ट्रांसफर होता है। या यह कहना गलत नहीं होगा कि पूरी दुनिया का इंटरनेट इन्ही केबल से चलता है।

ऑप्टिकल फाइबर के प्रकार- Types of optical fibre in Hindi

ऑप्टिकल फाइबर को उनके कार्यप्रणाली के आधार पर बांटा गया है। जिसे अब समझेंगे।

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ऑप्टिकल फाइबर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं

1) single mode fibre – सिंगल मॉड फाइबर में प्रकाश की किरण सिर्फ एक ही रास्ते पर चलती है। इस फाइबर का इस्तेमाल लंबी दूरियों के लिए किया जाता है।क्योंकि यह काफी हाई स्पीड से डाटा का ट्रांसफर करती हैं।

इन ऑप्टिकल फाइबर के साथ काम करना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि कोर काफी पतली होती है। जिस वजह दो ऑप्टिकल फाइबर केबल को जोड़ने में प्रॉब्लम आती हैं। साथ ही इनको बनाना भी काफी महंगा पड़ता है।

2) multi-mode fibre – मल्टीमॉड फाइबर मे कोर का डायमीटर काफी मोटा रखा जाता है। जिस कारण प्रकाश की किरणों को चलने के लिए बहुत सारे डायरेक्शन मौजूद होते हैं मल्टीमॉड फाइबर से होकर भिन्न भिन्न प्रकार की wavelength के प्रकाश की किरणों को भेजा जा सकता है। साथ ही दो मल्टीमॉड फाइबर को जोड़ना भी आसान होता है।

ऑप्टिकल फाइबर के फायदे- Benefit of Optical Fibre in Hindi

ऑप्टिकल फाइबर SiO2 से बनाई जाती है जो धरती पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।जिससे इसकी कीमत घटकर बहुत कम हो जाती है कॉपर की तुलना में इससे डाटा ट्रांसफर काफी तेज गति से होता है। साथ ही इसपर पर रेडियो फ्रीक्वेंसी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन का कोई असर नहीं होता है।

वीडियो के माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर के बारे में जानिए

ये article “ क्या होता है ऑप्टिकल फाइबर। परिभाषा, उपयोग और प्रकार जानिए – Everything about Optical Fibre in Hindi” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. उम्मीद करता हुँ. कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा

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