हेलो दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे meaning of operating system क्या है, operating system क्या होता है। operating system कैसे काम करता है। operating system को क्यों बनाया गया। विभिन्न प्रकार के operating system कौन-कौन से हैं। अगर आपको operating system के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप बिल्कुल सही जगह हैं। आर्टिकल के अंत तक आपको operating system से जुड़ी विभिन्न जानकारियां प्राप्त होंगी।
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ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है( What is Operating System)
ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोग्रामों का एक सेट है जो कम्प्यूटर के संसाधनों को प्रबंधित करने के लिए डिजाइन किया गया है और जिसमें कम्प्यूटर को शुरू (start) करना । प्रोग्रामों को मैनेज करना, मेमोरी को मैनेज करना और इनपुट तथा आउटपुट डिवाइसों के बीच के कार्यों का समन्वय करना शामिल है।
सर्वप्रथम जब हम कम्प्यूटर ऑन करते हैं तो हमारे मदरबोर्ड पर BIOS (Basic Input Output System) ROM चिप ढूँढ़ता है। इस BIOS चिप में विभिन्न एक्सपैंसन स्लॉट, पोर्ट,ड्राइव तथा आपरेटिंग सिस्टम के उपयोग के लिए निर्देश डाला (Burn) रहता है। कम्प्यूटर ऑन होते ही बुट सिक्वेंस या स्टार्ट अप प्रोसेस आरंभ होता है, जिसके अन्र्तगत BIOS चिप से निर्देश (Instruction) तथा प्रोग्रामिंग कोड लोड करता है। तत्पश्चात् क्रम में निर्देश देता है।
बाह्य (External) तथा आंतरिक (Internal) उपकरणों (Equipment) की सूची और कई सेल्फ टेस्ट को कार्यान्वित करता है जिसे Power On Self Test कहते हैं । कम्प्यूटर इस टेस्ट के दौरान किसी त्रुटि का पता होने पर Error code प्रदान करता है। यह error code हार्डवेयर जैसे मेमोरी, की-बोर्ड, मॉनिटर एवं डिस्क ड्राइव्स में कोई कठिनाई आने पर देता है
Power On Self Test सफलतापूर्वक समाप्त होने के पश्चात् बूट स्ट्रैप की प्रक्रिया आरंभ होती है जिसे बूटिंग (Booting) कहते हैं। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत ऑपरेटिंग सिस्टम आरंभ (Start) करता है। इस प्रक्रिया में ऑपरेटिंग सिस्टम को कम्प्यूटर सेकेन्डरी मेमोरी या ऑक्जिलरी मेमोरी से मेन मेमोरी या RAM में लोड करता है। इन प्रक्रिया में सारे कम्पोनेन्ट कम्प्यूटर सिस्टम से ठीक से जुड़े हैं तथा कार्य कर रहे हैं यह भी सुनिश्चित हो जाता है।
कम्प्यूटर हार्डवेयर हमारी भाषा नहीं समझते हैं, वे द्विआधारी (Binary Number) 1 अथवा 0 की भाषा समझते हैं, ऑपरेटिंग सिस्टम, हार्डवेयर, एप्लिकेशन सिस्टम तथा उपयोगकर्ता के बीच एक माध्यम का कार्य करता है। इसका कार्य कम्प्यूटर को चलाना तथा उसज काम करने योग्य बनाये रखना है। ये हमारे दिये निर्देशों अथवा डेटा को मशीनी भाषा में बदलता है तथा परिणाम (output) को पुनः हमारी भाषा में बदलकर एक माध्यम के रूप में कार्य करता है; जैसे- विन्डोज 95, 98, विस्टा 2000, XP, MS-DOS (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) यूनिक्स, लिनिक्स आदि।
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कम्प्यूटर एप्लिकेशन तथा नियंत्रण के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम पाँच प्रकार के होते हैं(Types of Operating System)
वास्तविक समय ऑपरेटिंग सिस्टम (Real time operating system):
इसका मुख्य उद्देश्य यूजर को तिव्र Responce time उपलब्ध कराना है। ये प्रणाली मशीनरी, वैज्ञानिक और
औद्योगिक उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें उपयोगकर्ता का हस्तक्षेप कम होता है, तथा एक प्रोग्राम के परिणाम का दूसरे प्रोग्राम में इनपुट डेटा के रूप में प्रयोग होता है।
वास्तविक समय ऑपरेटिंग सिस्टम का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा यह है कि एक विशेष ऑपरेशन एक निश्चित समय अवधि में ही पूर्ण हो जाये, नहीं तो आगे के प्रोग्राम में त्रुटि आ जायेगी तथा परिणाम रुक जायेगा। उदाहरण- वैज्ञानिक अनुसंधान, रेलवे आरक्षण,उपग्रहों का संचालन आदि ।
टाइम शेयरिंग सिस्टम (Time sharing operating system) :
इसमें यूजर को एक ही संसाधन का साझा उपयोग करना होता है। ऑपरेटिंग सिस्टम विभिन्न यूजर के आवश्यकताओं को संतुलित करता है कि हर प्रोग्राम जो वे उपयोग कर रहे हैं पर्याप्त है या नहीं। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में मेमोरी का सही प्रबंधन आवश्यक होता है। इसमें प्रत्येक प्रोग्राम को CPU का बराबर समय मिलता है।
एकल काम ऑपरेटिंग सिस्टम (Single tasking operating system):
इस प्रकार के ‘ऑपरेटिंग सिस्टम एक यूजर को प्रभावी रूप से एक समय में एक ही काम करने की अनुमति देता है।
बैच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Batch processing operating system) :
इस सिस्टम में काम समूह में होता है। अर्थात् ऑपरेटिंग सिस्टम जब सारे कार्य समूह में यूजर के हस्तक्षेप के बिना प्राथमिकता के आधार पर करता है तो उस सिस्टम को बैच प्रोसेसिंग सिस्टम कहते हैं; जैसे- पेरौल (Payroll) बनाना, बिलिंग (Billing) आदि ।
बहु प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi programming operating system) :
ऐसे सिस्टम में ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा एक से अधिक प्रोग्राम या कार्य एक ही साथ कार्य करते हैं। हर कार्य को CPU का एक निश्चित समय दिया जाता है जिसे टाइम स्लाइसिंग कहते हैं।
मल्टी प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम (Multi Processing operating system) या पैरेलल प्रोसेसिंग सिस्टम (Parallel Processing system):
इस सिस्टम में एक ही कम्प्यूटर सिस्टम में दो या अधिक सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का उपयोग होता है ।
कुछ महत्वपूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम
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एम एस डॉस MS-DOS (DiscOperating System):
व्यापक रूप से पर्सनल कम्प्यूटर में स्थापित (Installed) माइक्रोसॉफ्ट का प्रथम ऑपरेटिंग सिस्टम था। यह सरल गैरसुचित्रित(Non-graphical), कमांड लाइन ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह सरल है परन्तु यूजर फ्रेन्डलीनहीं, क्योंकि इसमें कमांड याद रखना होता है । इसका सर्वाधिक लोकप्रिय संस्करण 7.0 है।
एम एस विडोज (Microsoft windows) :
यह माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसमें एम एस डॉस के कमियों को ध्यान में रखा गया तथा इसे यूजर फ्रेंडली बनाया गया। इसके अन्य संस्करण विंडोज 95, विंडोज-98, विंडोज एक्सपी,विंडोज विस्टा भी हैं। सर्वाधिक वर्तमान सर्वर संस्करण विंडोज सर्वर 2008 है। इसे सिखना तथा इसपर काम करना भी सरल है।
यूनिक्स (Unix) :
यह सन् 1969 में AT&T कर्मचारियों (Employees) द्वारा वेल प्रयोगशाला में विकसित ऑपरेटिंग सिस्टम है। जिनमें केन थॉमसन (Ken Thompson), डेनिस रिची (Dennis Ritchic), डगलस मैक्लरॉय (Douglas Mcllroy) तथा जो ओसाना (Joe Ossanna) शामिल थे। सर्वर तथा वर्क स्टेशन दोनों में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का वृहत उपयोग होता है। यूनिक्स असेम्बली भाषा में सर्वप्रथम लिखा गया था। सन् 1973 में इसे C प्रोग्रामिंग भाषा में दोबारा लिखा गया। इसमें करनल Kernal) द्वारा डेटा प्रबंधन होता है।
लाइनक्स (Linux) :
सन् 1991 में इसका प्रथम संस्करण लाया गया था। यह यूनिक्स के तरह कम्प्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम है जो लाइनक्स करनल (Linux Kernal) पर आधारित है। इसका उपयोग मुख्यतः सर्वर में ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए होता है । यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है ।
हमने क्या सीखा
दोस्तों इस आर्टिकल मे हमने जाना meaning of operating system क्या है, operating system क्या होता है। operating system कैसे काम करता है। operating system को क्यों बनाया गया। विभिन्न प्रकार के operating system कौन-कौन से हैं।Nutrition से जुड़े हमें जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई। उसे हमने आपके सामने प्रस्तुत किया है। अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई डाउट है। तो आप बेफिक्र होकर हमें कमेंट या ईमेल कर सकते हैं।
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