About Laser full form-हेलो दोस्तों अगर आप हॉलीवुड फिल्मों के शौकीन हैं तो किसी न किसी फिल्म में laser को जरूर देखा। एक पतली सी प्रकाश की लाइट होती है। जो बहुत ज्यादा पावरफुल होती है। और किसी भी चीज को नष्ट करने की क्षमता रखती हैं। आज इस आर्टिकल में हम laser Kya Hota Hai और laser ka full form kya hota hai और साथ में लेजर से जुड़ी रोचक जानकारियां देने वाले है।
LASER-Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation
Laser का full form क्या होता है(Laser full form in hindi )
लेसर का आविष्कार सन् 1960 में हुआ | LASER का फुल फॉर्म ‘Light Amplification by Stimulated Emission of Radiation’ का संक्षिप्त रूप है जिसका अर्थ है,विकिरण के उद्दीपित उत्सर्जन द्वारा प्रकाश का प्रवर्धन है । स्पष्टतः यह एक युक्ति है जिससे एक तीव्र (intense), एकवर्णी (monochromatic), समान्तर (collimated) तथा उच्च कला-सम्बद्ध(highly coherent) प्रकाश-पुन्ज प्राप्त किया जाता है।
किसी लेसर(laser ka ful form) की क्रिया उपर्युक्त वर्णित उद्दीपित उत्सर्जन के सिद्धान्त पर आधारित है। परमाणुओं को मूल अवस्था से किसी उत्तेजित अवस्था में पहुँचाने के लिये विभिन्न विधियाँ प्रयुक्त की जाती हैं। इस प्रक्रिया को ‘पम्पन’ (pumping) कहते हैं। इसी आधार पर लेसर भी कई प्रकार के होते हैं; जैसे-रूबी लेसर, गैस लेसर,अर्द्धचालक(semi conductor) लेसर इत्यादि ।
लेसर किरणों की विशेषताएँ (Characteristics of LASER)
(i) ये किरणें पूर्णतः कला-सम्बद्ध (perfectly coherent) होती हैं। इस बात को यंग के व्यतिकरण प्रयोग में लेसर प्रकाश का प्रयोग करके प्रदर्शित किया जा सकता है । यदि हम यंग की दुहरी स्लिट को लेसर के सामने रखें तो व्यतिकरण प्रतिरूप दिखाई देता है, परन्तु प्रतिरूप में फिन्जों की चौड़ाई बहुत कम होती है।
(ii) ये एकवर्णी (monochromatic) होती हैं।
(iii) लेसर किरणें दिशात्मक (directional) होती हैं, अतः इनका किरण-पुंज बहुत संकीर्ण (narrow) होता है।
(iv) ये किरणें बिना अवशोषित हुए अत्यधिक दूरी तक जा सकती हैं। जल में इनका अवशोषण नहीं होता।
(v) लेसर(About Laser full form) का प्रकाश बहुत ही तीव्र (intense) होता है। लेसर प्रकाश के उपयोग से रमन रेखाएँ (Raman lines) आँखों द्वारा देखी जा सकती हैं।
(vi) ये किरणे क्षण भर में कठोर से कठोर धातु को पिघलाकर वाष्पीकृत कर देती हैं।
(vii) लेसर प्रकाश के रंग को बदला जा सकता है। जब लाल रंग के लेसर प्रकाश को क्वार्ट्स क्रिस्टल की पट्टियों से गुजारा जाता है तो निकलने वाले लेसर प्रकाश का रंग बदल जाता है।
लेसर के उपयोग (Uses of LASER)
लेसर प्रकाश-पुंज अत्याधिक संकीर्ण, तीव्र, समान्तर, एकवर्णीय तथा उच्च कला-सम्बद्ध होता है। अतः इसका उपयोग अनेक क्षेत्रों में किया जाता है। कुछ प्रमुख उपयोग निम्नवत् हैं-
(i) तकनीकी क्षेत्र में लेसर बीम का उपयोग स्टील की चादरों को काटने तथा अत्यन्त कठोर पदार्थों में छिद्र करने में होता है। लेसर(laser ka full form) बीम से हीरे में छिद्र करके, अत्यन्त पतले तार खींचे जाते हैं जिनका उपयोग केबिल्स में किया जाता है। लेसर बीम से धातुओं की छड़ों को गलाकर जोड़ा जा सकता है (लेसर वैल्डिंग)।
(ii) चिकित्सा विज्ञान में लेसर बीम का उपयोग सूक्ष्म शल्य क्रिया (micro-surgery) में किया जाता है, जैसे कॉर्निया ग्राफ्टिग (cornea grafting) में । साधारण प्रकाश से इस क्रिया में लगभग आधा सेकण्ड लगता है जबकि लेसर बीम से केवल 10^-4 सेकण्ड ।
लेसर(laser ka full form) का उपयोग गुर्दे की पथरी, कैन्सर तथा ट्यूमर के उपचार में तथा मस्तिष्क के ऑपरेशन में सूक्ष्म रक्त पिण्डों
को जमाने व काटने में किया जाता है।
(iii) युद्ध क्षेत्र में लेसर(About Laser full form) का उपयोग शत्रु के प्रक्षेपास्त्रों का पता लगाने तथा उन्हें नष्ट करने में किया जाता है। अब लेसर-राइफल, लेसर-पिस्टल तथा लेसर-बम भी बनने लगे हैं। इसकी सहायता से रात्रि में शत्रु को देखा जा सकता है । अन्तरिक्ष में लेसर का उपयोग रॉकेट तथा उपग्रहों को नियन्त्रित करने में तथा दिशात्मक रेडियो संचार में किया जाता है।
(iv) विज्ञान तथा अनुसंधान कार्यों में लेसर बहुत उपयोगी है। इसका उपयोग माइकेल्सन-मोरले प्रयोग में किया गया है जिससे आइन्स्टीन का सापेक्षिकता सिद्धान्त सिद्ध होता है। इसकी सहायता से प्लाज्मा का ताप तथा इलेक्ट्रॉन का घनत्व आदि ज्ञात किया जा सकता है। लेसर-टॉर्च से बहुत दूर की वस्तुओं को देखा जा सकता है
(v) फोटोग्राफी में लेसर की सहायता से त्रिविमी फोटोग्राफी अर्थात् होलोग्राफी (holography) की जाती है।
(vi) संलयन रिऐक्टर में लेसर किरणों द्वारा अति उच्च ताप उत्पन्न किया जाता है।
(vii) बहुत बड़ी दूरियाँ नापने में भी लेसर किरणों का उपयोग किया जाता है क्योंकि लेसर किरणें अति समान्तर होती हैं। पृथ्वी से चन्द्रमा को दूरी इसी विधि से नापी गई है।
लेज़र मुख्य प्रकार(Types of laser)
दोस्तों laser को उनकी बनावट के आधार पर निम्नलिखित भागों में बांटा गया है।
• Semi-conductor laser – यह लेज़र छोटे-छोटे अर्धचालक components से मिलकर बने होते हैं।
• Free electron laser – इस प्रकार के लेजर में electron को फायर किया जाता है। इनका उपयोग मुख्यतः nuclear diffusion जैसी चीजों में होता है।
• Gas dynamics laser- इस प्रकार के लेजर का निर्माण, कार्बन डाइऑक्साइड जैसे गैसों की सहायता से बनाया जाता है।
इनके अलावा और भी कई लेजर है। (a) Gravity laser (b)Gamma-ray laser (b) Metal vapour laser etc
हमने क्या सीखा
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