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महिलाओं के शरीर से जुड़े अद्भुत रहस्य(About women body)

औरत ब्रह्माण्ड की सबसे खूबसूरत रचनाओं में से एक है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि किसी भी औरत को समझना अपने आप में किसी मिस्ट्री से कम नहीं। Female body प्रकृति की सबसे जटिल रचनाओं में से एक है। पीरियड तथा हॉर्मोन से लेकर प्रेग्नेंसी तक महिलाओं के शरीर में ऐसी कई चीजें होती हैं जिन्हें हम पुरुष ना ही महसूस कर सकते हैं और ना ही समझ सकते हैं।

एक Female body के अंदर जाने ऐसे कितने राज हैं जो शायद ही किसी को पता हो और इनसे जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जो आज भी अनसुलझे हैं। आइए नज़र डालते हैं Female body से जुड़े कुछ बेहद इंटरेस्टिंग चीजों के बारे में जोकि किसी भी व्यक्ति को पूरी तरह चौंका सकते हैं।

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1)Flexibility

बात अगर फ्लेक्सिबिलिटी की हो तो एक Female किसी भी मेल के मुकाबले ज्यादा फ्लेक्सिबल होती है। Female मसल्स में एक मेल से ज्यादा इलास्टिक मौजूद होता है और यही चीज इनकी बॉडी को किसी भी मेल से ज्यादा फ्लेक्सिबल बनाती है। शायद इसीलिए ज्यादातर ये देखा गया है कि जिमनास्टिक्स में औरतों की संख्या मर्दों से काफी ज्यादा होती है।

2)Breast size

वैसे तो Female Breast दिखने में एक जैसे लगते हैं पर हकीकत में दोनों Breast का आकार एक दूसरे से अलग अलग होता है यानि की एक Breast का आकार दूसरे से छोटा या बड़ा होता है और ऐसा होना एकदम आम बात है। हो सकता है आप में से कई लोग इस बात को जानते हों लेकिन ऐसा क्यों होता है ये बहुत कम लोग ही जानते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि दोनों के Breast टिश्यू की वॉल्यूम में कोई फर्क होना स्किन की Flexibility अलग अलग होना या Breast पॉकेट का बड़ा या छोटा होना आदि।

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3)Never Ending Talks

औरतें मर्दों के मुकाबले बहुत ज्यादा बोलती हैं। एक रिसर्च के अनुसार दिन भर में कोई भी औरत लगभग 20 हजार शब्द बोलती है और मर्द केवल 7 हजार शब्द। दरअसल मनुष्य के शरीर में फॉक्स P2 नामक एक प्रोटीन पाया जाता है और ये प्रोटीन खासकर औरतों में मर्दों के मुकाबले ज्यादा होता है। इस प्रोटीन को लैंग्वेज प्रोटीन भी कहा जाता है। अब आप समझ गए होंगे कि लड़कियां इतना ज्यादा कैसे बोल लेती हैं।

3)High Impact of Alcohol

एल्कोहल कपैसिटी की अगर बात करें तो ज्यादातर लोगों का यही मानना होगा कि एक मर्द किसी भी महिला के मुकाबले ज्यादा शराब पी सकता है। ये बात पूरी तरह सच है लेकिन ऐसा क्यों होता है आइए जानते हैं महिलाओं के शरीर में पुरुषों के मुकाबले पानी की मात्रा कम होती है यानि की Female body के टिश्यूज में लिक्विड कम पाया जाता है।

ऐसा होने के कारण शराब पीने के बाद उनके शरीर पर इसका असर पुरूषों के मुकाबले जल्दी होने लगता है। बॉडी में पानी कम होने की वजह से ऐल्कॉहॉल को डाइजेस्ट करने की क्षमता थोड़ी कम होती है और इतना ही नहीं टिशूज में पानी कम होने के कारण ही औरतों को मर्दों के मुकाबले पसीना भी काम आता है।

4)Sensitive and Sharp Hearing

क्या कभी आपने सोचा है कि गहरी नींद में भी एक मां अपने बच्चे की छोटी से छोटी हरकत या आवाज सुन कर कैसे उठ जाती है। दरअसल सोने के बाद भी एक औरत के कान किसी भी प्रकार की आवाज के प्रति हाइपर सेंसेटिव यानि की बेहद संवेदनशील होते हैं। इतना ही नहीं और मर्दों के मुकाबले हाई फ्रीक्वेंसी साउंड चुनने में भी ज्यादा सक्षम होती हैं यानि की इनके कानों की बारीक और दूर से आ रही हल्की आवाजों को आसानी से सुनना और समझ देने की क्षमता ज्यादा होती है।

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5)Heart Attack Symptoms

महिलाओं में हार्ट अटैक आने से पहले के लक्षण पुरुषों से काफी अलग हो सकते हैं। आमतौर पर चेस्ट पेन याने की छाती में दर्द होना हार्ट अटैक का सबसे कॉमन सिस्टम होता है लेकिन फीमेल्स को चेस्ट पेन की जगह या अपचन यानि की इन डायजेशन और शोल्डर पेन जैसे सिम्पटम्स हार्ट अटैक होने से पहले महसूस होते हैं।

6)Pregnancy Cravings

हम सब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में एक Female को अजीबो गरीब फूड खाने का मन कभी भी किसी भी वक्त हो सकती हैं और उनका पूरे 9 महीने के दौरान कभी खट्टा कभी मीठा और कभी तीखा या नमकीन खाने का मन करता रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 30 प्रतिशत प्रेग्नेंट औरतों को इन चीजें जैसे कि मिट्टी बेनिया चॉक लौकी स्टार्च जैसे अजीबो गरीब चीजें खाने का मन करता है। प्रेगनेंसी का असर महिलाओं के शरीर के साथ साथ उनके दिमाग पर भी होता है और हॉर्मोन्स पर होने वाला तेज बदलाव ऐसा होने का कारण माना जाता है।

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7)Rational thikning

आमतौर पर औरतों को बेहद इमोशनल माना जाता है क्योंकि महिलाएं अपनी भावनाओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती हैं और हर तरह के इमोशन को बहुत जल्दी प्रकट कर देती हैं। वहीं दूसरी तरफ मर्दों को ज्यादा सूझबूझ और तार्किक सोच रखने वाला समझा जाता है जोकि हर बात रीजंस और लॉजिक के अनुसार करते हैं। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि साइंस कुछ और ही कहता है।

Cerebral cortex हमारे दिमाग का एक हिस्सा होता है जो किसी भी व्यक्ति के लॉजिक या रीजनिंग कपैसिटी को
दर्शाता है। साइकॉलजिस्ट स्टुअर्ट रिची के अनुसार एक Female ब्रेन में कोर्टेक्स की मात्रा एक मेल ब्रेन के मुकाबले ज्यादा होती है जोकि उन्हें इमोशनल होने के बावजूद भी डिसीजन लेने में लॉजिक की सोचने की क्षमता प्रदान करती है।

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8)Storg Attachment

बात अगर रिश्तों की हो तो हमेशा यही देखा गया है कि औरतें रिश्ते बनाने में और उन्हें निभाने में माहिर होती हैं इसलिए ज्यादातर रिलेशनशिप्स में महिलाएं ज्यादा लॉयल यानि की वफादार होती हैं। एक औरत किसी भी रिश्ते में इमोशनली involved हो जाती है और साइंटिस्ट्स के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनकी बॉडी में आक्सीटोसिन नामक हार्मोन की मात्रा ज्यादा होती है।

ऑक्सिटोसिन को लव हॉर्मोन भी कहा जाता है। जब भी आप किसी व्यक्ति से मुलाकात करते हैं या किसी इंसान के प्रति आकर्षित होते हैं तब हमारे शरीर में यही हॉर्मोन रिलीज होता है जिसकी वजह से हमें अच्छा भी महसूस होता है। ऑक्सिटोसिन हॉर्मोन्स आपके अटैचमेंट लेवल को बढ़ाता है। रिलेशनशिप स्ट्रांग करता है और स्ट्रेस लेवल को कम करता है। किसी व्यक्ति से हाथ मिलाने या गले लगने भर से इसका लेवल हमारी बॉडी में बढ़ जाता है।

9)Change in body

वैसे तो ये माना जाता है एक Female body में सारे बदलाव किशोरावस्था आने तक खत्म हो जाते हैं और उसके बाद उनकी हाइट बढ़ना बंद हो जाती है लेकिन साइंस की माने तो सच कुछ और ही है। एक Female body अपनी 20 में भी खुद को पूरी तरह बदलने में सक्षम होती है। सिर्फ बॉडी ही नहीं बल्कि महिलाओं के ब्रेन में भी काफी बदलाव 20 की उम्र क्रॉस करने के बाद आते हैं। यही वजह है कि वक्त के साथ साथ एक Female की डिसीजन मेकिंग एबिलिटी भी इम्प्रूव हो जाती है। यकीनन आज आप ने Female body को ज्यादा बेहतर तरीके से जरूर समझा होगा।

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