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अतः केंद्रीय घनी संरचना में संकुलन क्षमता(Body-Centered Cubic) और सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता(Simple Cubic Lattice)

अतः केंद्रीय घनी संरचना में संकुलन क्षमता(Body-Centered Cubic) और सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता(Simple Cubic Lattice)

अतः केंद्रीय घनी संरचना में संकुलन क्षमता(Body-Centered Cubic structure)

अंतः केंद्रीय घनी संरचना (BCC) एक घनीय क्रिस्टल संरचना है जिसमें प्रत्येक परमाणु एकक कोष्ठिका के केंद्र में स्थित होता है और अन्य छह परमाणुओं द्वारा घिरा होता है। यह संरचना धातुओं, मिश्र धातुओं और कुछ नॉन-मेटल्स में पाई जाती है।

बीसीसी संरचना वाले कुछ सामान्य धातुओं में शामिल हैं-

  • लोहा (iron)
  • कोबाल्ट (cobalt)
  • निकल (nickel)
  • क्रोमियम (chromium)
  • मोलिब्डेनम (molybdenum)
  • टेंगस्टन (tungsten)

अंतः केंद्रीय घनी संरचना में संकुलन क्षमता की गणना निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके की जाती है:

संकुलन क्षमता = (अणुओं या आयनों के आयतन) / (संरचना के आयतन) x 100%

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अंतः केंद्रीय घनी संरचना की संकुलन क्षमता 68% होती है । इसके अलावा, सरल घनीय संरचना में संकुलन क्षमता 52.4% होती है। अंतः केन्द्रित घनीय जालक की संकुलन क्षमता निकालने के लिए अधिकतम आयतन को अणुओं या आयनों द्वारा भरे गए स्थान के साथ जोड़ा जाता है और इसके बाद उसे संरचना के आयतन से भाग कर दोगुना कर दिया जाता है।

अंतः केंद्रित घनी संरचनाओं में संकुलन क्षमता कैसे निकाली जाती है?

अंतः केंद्रित घनी संरचनाओं में संकुलन क्षमता की गणना निम्नलिखित सूत्र का उपयोग करके की जाती है:

संकुलन क्षमता = (अणुओं या आयनों के आयतन) / (संरचना के आयतन) x 100%

अंतः केन्द्रित घनी संरचना की संकुलन क्षमता निकालने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है:

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1. एकक कोष्ठिका के किनारे की लम्बाई a होती है।

2. एकक कोष्ठिका में एक अणु होता है।

3. अणु के आयतन = (4/3)πr^3, जहां r = a/2 होता है।

4. एकक कोष्ठिका के आयतन = a^3

5. संकुलन क्षमता = (अणुओं के आयतन) / (संरचना के आयतन) x 100%

6. संकुलन क्षमता = [(4/3)πr^3 x 1] / (a^3) x 100%

7. संकुलन क्षमता = 0.68 या 68%

इसी तरह से, अन्य घनी संरचनाओं के लिए भी संकुलन क्षमता की गणना की जा सकती है।

सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता(Simple Cubic Lattice)

सरल घनीय जालक (SC) एक त्रिविमीय घनीय संरचना है जिसमें एकक कोष्ठिका के किनारों पर एक अणु होता है। इस संरचना में प्रत्येक अणु के आठ अन्य अणुओं के साथ संपर्क होता है। सरल घनीय जालक की संकुलन क्षमता 52.4% होती है, जो कि सभी घनीय जालकों में सबसे कम है।

सरल घनीय जालक वाली कुछ सामान्य धातुओं में शामिल हैं

  • बेरियम (barium)
  • पोटेशियम (potassium)
  • सोडियम (sodium)
  • सोडियम क्लोराइड (sodium chloride)
  • एल्यूमीनियम (aluminum)

संकुलन क्षमता = (अणुओं या आयनों के आयतन) / (संरचना के आयतन) x 100%

अंतः केंद्रित घनी संरचना की संकुलन क्षमता की गणना के समान, सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता की गणना भी अधिकतम आयतन को अणुओं या आयनों द्वारा भरे गए स्थान के साथ जोड़ा जाता है और इसके बाद उसे संरचना के आयतन से भाग कर दोगुना कर दिया जाता है।

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