आज से हजारों वर्ष पहले करीब 600 ईसा पूर्व यूनान के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थेल्स ने पाया कि जब अंबर नामक पदार्थ को ऊन के किसी कपड़े के साथ रगड़ा जाता है। तो उसमें छोटी-छोटी वस्तुओं को अपनी और आकर्षित करने का गुण आ जाता है।
शुरुआती दिनों में थेल्स भी इस घटना को नहीं समझ पाए थे। किंतु आज प्रकृति की इस घटना को हम आवेश के नाम से जानते हैं। इन्ही आवेशो के बिच लगने वाले बल को कूलाम ने बताया था।
आवेश क्या होता है-Charge in hindi
“जब दो पदार्थों को एक दूसरे के साथ रगड़ा जाता है तो इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के कारण उनमें आकर्षण या विकर्षण का गुण आ जाता है। ” अर्थात वे आवेशित हो जाती हैं।
आवेश के प्रकार-Types of charge in hindi
आवेश मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। (1) धन आवेशित आवेश, (2) ऋणआवेशित आवेश,
जब कांच की छड़ को रेशम के टुकड़े से रगड़ते हैं। तब उनमे छोटी-छोटी वस्तुओं को अपनी और आकर्षित करने का गुण आ जाता है। बेंजामिन फ्रैंकलिन ने आवेशों को धनात्मक आवेश और ऋणआत्मक आवेश नाम दिया।
पदार्थों में आवेश कैसे उत्पन्न होते हैं-
दो वस्तुवो को आपस में रगड़ने पर एक वस्तु के परमाणु के बाहरी कक्षीय इलेक्ट्रॉन दूसरी वस्तु के परमाणु में चले जाते हैं। इलेक्ट्रॉन के इस प्रकार के वितरण में जो वस्तु इलेक्ट्रॉन देती हैं वहां इलेक्ट्रॉन की कमी हो जाती है। मतलब वह धन आवेशित हो जाती है।
तथा दूसरी वस्तु पर इलेक्ट्रॉन के आ जाने से वह ऋणावेशित हो जाती है। इस प्रकार दोनों वस्तुओं पर आवेश उत्पन्न होते हैं।
कूलाम का नियम-Coulomb law in hindi
सर्व प्रथम फ्रांसीसी वैज्ञानिक कूलाम ने दो आवेशों के बीच लगने वाले बल मान प्रयोग द्वारा ज्ञात किया और निम्नलिखित नियमों का प्रतिपादन किया जो उनके नाम पर कूलाम के नियम कहे जाते हैं।
a) दो आवेश के बीच की दूरी स्थिर हो तो उनके बीच आकर्षण या प्रतिकर्षण का बल आवेशों के परिणामों के गुणनफल का समानुपाती होता है।
b) दो आवेशों के परिणाम यदि स्थिर हो तो उनके बीच आकर्षण या प्रतिकर्षण का बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
कूलाम के नियम का महत्व- importance of Coulomb law in hindi
कूलाम के नियम की सहायता से हम subatomic force को आसानी से समझ सकते हैं। जैसे –
a) जो बल परमाणु के नाभिक और इलेक्ट्रॉनों के बीच कार्य करते हैं।
b) जिन बलों से परमाणु आपस में बंध कर अणु बनाते हैं।
c) तथा उन बलों को भी हम आसानी से समझ सकते हैं जब परमाणु और अणु आपस में बंध कर ठोस अथवा द्रव बनाते हैं।
कूलाम का बल बहुत लंबी दूरियों से लेकर अल्प दूरियां(10^-14m) तक के लिए सत्य है। अल्प दूरियां पर बल बहुत ही अधिक हो जाता है जिसका मान कणो पर के आवेशों की प्रकृति पर निर्भर नहीं करता है। इस बल को नाभिकीय बल कहते हैं।
ये article “कूलाम का नियम क्या है। परिभाषा और उपयोग जाने-what is Coulomb law in hindi” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. उम्मीद करता हुँ. कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा