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Emotion meaning in Hindi क्या होता है। Emotions का प्रभाव कैसे हमारे शरीर पर पड़ता है(About emotion meaning in hindi)

Emotion in hindi-दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे। emotion meaning in Hindi क्या होता है। emotions का मतलब क्या होता है। emotions का प्रभाव कैसे हमारे शरीर पर पड़ता है। एक अच्छा emotions कैसे पूरी दुनिया बदल सकता है। emotions के पीछे छुपे इस विज्ञान को हर किसी को जरूर जाना चाहिए। क्या आपने कभी सोचा है दुनिया में बड़े-बड़े काम लोग कैसे कर जाते हैं। उनसे यह काम emotion ही करवाते हैं। चलिए इसे समझते हैं।

Emotion का हिन्दी मतलब – भावना, भाव, आवेश, जज्बा, मनोविकार, मनोभाव… etc

Emotion की परिभाषा

Emotion ऐसी प्रतिक्रिया है जिसे मनुष्य दिमाग द्वारा अनुभव करता है। Emotion ही हमारे अंदर चेतना को जन्म देती है। और यह चेतना हमें जीवित महसूस करवाता है। बिना किसी Emotion के मनुष्य और मशीन में ज्यादा फर्क नहीं है। Emotion के माध्यम से हम अपने आसपास घटने वाली घटनाओं को महसूस कर पाते हैं। और उसके अनुसार प्रतिक्रिया करते हैं।

Emotion क्या है(What is emotion in hindi)

Emotion का मतलब हमारे भाव से है। जैसे- खुश होना, दुखी होना, उदास होना, गुस्सा होना, प्यार करना, रोना यह सभी emotions ही है। जो परिस्थितियों अनुसार हमारे मन में उत्पन्न होते हैं। किसी भी काम को आप किस motive से कर रहे हो। यह हमारे emotions ही निर्धारित करते हैं।

आपने भगवत गीता के एक मशहूर quote के बारे में जरूर सुना होगा। जिसमें भगवान श्री कृष्ण कहते हैं। ” बिना फल की चिंता किए हुए कर्म करते जाना चाहिए” इसके पीछे भी emotions ही है। एक ही काम को जब दो लोग करते हैं। लेकिन एक जल्दी सफल हो जाता है और दूसरा नहीं। ऐसा क्यों? इसका जवाब है Emotion. जब आप powerfull emotions के साथ किसी काम को करते हो। तब वह काम बहुत जल्दी पूरा हो जाता है।

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Emotion कैसे काम करते है(How does work emotion)

वैज्ञानिकों ने अब तक अनेक प्रयोग कर लिए हैं और मनुष्य के Emotion तथा Behavior के नाना प्रकार के परिणाम अब तक सामने आ चुके हैं। मनुष्यों का परीक्षण करके देखा गया है कि गरमी से निकलने वाला स्वाभाविक पसीना भय या उत्तेजना के कारण निकलने वाले पसीने से भिन्न होता है।

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एक ही कमरे में कई व्यक्ति हों और भिन्न-भिन्न Emotions के कारण उनको पसीना आ रहा हो तो डाक्टर बतला सकता है कि कौन व्यक्ति किस emotion में है ? हम अपने emotion से स्वयं परिचित होते हैं। खुशी के अवसर पर निकले आंसू इसके प्रमाण हैं। दुःख में भी आंसू आते हैं।

दुःख के आंसू खुशी के आंसुओं की अपेक्षा ज्यादा नमकीन होते हैं। यह हमारे emotion ही होते हैं कि जिनके वशीभूत होकर हम बिभिन्न प्रकार के कार्य कर डालते हैं। हत्या, आक्रमण,चोरी, डकैती, लूट-मार यह सब हम emotion के कारण करते हैं। इनके ही वशीभूत हो जाने पर ऐसा करते हैं। रोमांचक और साहसिक कार्य भी मनुष्य इनके ही वशीभूत होकर करता है। अपने मनोभावों की इस शक्ति से हम परिचित होते हैं…तो हमें अब यह भी मानना चाहिए कि यह सब हमारे शरीर पर भी अपना प्रभाव डालते हैं। हमारे शरीर के सम्पूर्ण स्नायुओं पर उनका प्रभाव पड़ता है।

यह सीधे हमारी रक्त प्रणाली को पकड़ लेता है। क्रोध मनुष्य के लिए जहर है। आदमी पर घातक प्रभाव डालता है। इसके कारण आदमी की मृत्यु भी हो सकती है। भय सीधे-सीधे रक्त में विकार उत्पन्न करता है। विचारों-विकारों का प्रभाव न केवल मनुष्यों पर बल्कि पशुओं पर भी पड़ता है।

पशु भी अपमानित होने पर उत्तेजित हो जाया करते हैं। उन पर भी शारीरिक प्रतिक्रिया होती है। छोटे बच्चों को छोड़दीजिए आप वह फूट-फूटकर रोने लगते हैं। कभी कभी मानसिक उद्वेग की एक रात जीवन भर के लिए एक गहरी छाप छोड़ जाती है।

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Emotion को कैसे control करें

Emotion को कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। बस इसके डायरेक्शन को बदला जा सकता है। वैसे हमें Emotion को क्यों कंट्रोल करना चाहिए यह भी हम आगे समझेंगे।

कम से कम मानसिक उत्तेजना से भरे emotions बड़े हानिकारक है। मानसिक उत्तेजना को शांत करना कोई कठिन कार्य नहीं है। हम अपने मस्तिष्क में आ गयी गरमी को गरम लोहे के समान ठंडा भी कर सकते हैं। जब कभी नहाने का पानी बहुत गर्म हो जाए तो उसमें ठंडा पानी मिलाकर उसका तापमान कम किया जा सकता है।

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इसी प्रकार जब कभी भी किसी प्रकार की मानसिक उत्तेजना बढ़ती-सी नजर आए तो पूरी ताकत से अपना ध्यान कहीं और लगा दें। किसी कारण से आपकी उत्तेजना बढ़ रही है, उस ओर ध्यान ही न दें। उदाहरण के लिए मान लें कि आपके मित्र या प्रेमि या प्रेमिका ने किसी प्रकार का आपके साथ गहरा विश्वासघात किया है।

इस विश्वासघात के कारण मानसिक उत्तेजना बेहद बढ़ गयी। आप बेचैन,परेशान हैं, मित्र या प्रेमी को बार-बार कोस रहे हैं। अपमान भी बहुत महसूस कर रहे हैं। आपके मन को एक पल का चैन नहीं है। बस ! आप तुरन्त उस पर से ध्यान हटा लें। उसके विश्वासघात की बात को भुलाकर किसी अन्य विषय पर सोचें। कहीं और चले जाएं।

इस प्रकार इस गहरी उत्तेजना से मुक्ति पा लें। उत्तेजना से मुक्ति पा लें, कहना और लिखना आसान है, पर कार्य रूप में परिणित करना आसान नहीं है। इसके लिए आपको अपना मन बड़ा कड़ा करना पड़ेगा।

अपना मन पूरी ताकत से किसी और विषय की ओर लगाना बड़ा कठिन होता है। इस कारण शुरू-शुरू में आपको उत्तेजना का सामना करते समय उसे रोकने में बड़ी कठिनाई होती है, पर जितना भी आप रोक सकें, पूरी कोशिश करें। प्रारम्भ में आपको पूरी सफलता नहीं मिलेगी।

फिर भी हिम्मत न हारें। उत्तेजना पर काबू पायें। आपके जीवन में उत्तेजना के क्षण बार-बार आएंगे, हर बार आप उन पर प्रयोग करें। एक वक्त ऐसा आएगा कि आप सफल हो जाया करेंगे। उत्तेजना पर अगर आपने कन्ट्रोल करना सीख लिया, तो जीवन में आप बहुत कुछ सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

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Psychologist के अनुसार उत्तेजना ही जीवन को बहुत कुछ अस्त-व्यस्त कर देती है। उत्तेजना के कारण मनुष्य अपना बहुत-सा नुकसान कर लेता है। न केवल शारीरिक वरन् मानसिक को भी बहुत आघात पहुंचाती है। इससे उत्पन्न Emotion के कारण मनुष्य गलत काम कर बैठता है।

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इस कारण अनावश्यक रूप से दुश्मनी, ईर्ष्या, द्वेष, गुस्सा के कारण अपने ही दायरे को अपने गले में फांसी का फंदा बना लेता है। इससे उसकी सफलताएं अटककर मर जाया करती हैं। वैसे विचारों का संतुलन तथा मानसिक नियंत्रण कोई मुश्किल काम नहीं है। अपने मन को सरल तथा उद्वेगहीन बनाए रखने के लिए केवल थोड़े से आत्म बल की आवश्यकता है।

अगर एक बार व्यक्ति सन्तुलित विचारों की महत्ता को समझ ले, तो फिर कठिन से कठिन समय में भी मनुष्य बौखला नहीं सकता है।वह अपना सन्तुलन बनाए रख सकता है। वह गम्भीर रहकर अपने व्यक्तित्व की गरिमा को बनाए रख सकता है। प्रत्येक आने वाली विपत्ति का सामना करने के लिए वह अपने को मानसिक रूप से तैयार रख सकता है।

जब आप उत्तेजनाओं पर नियंत्रण करना सीख लेते हैं, तो निश्चित जानिए कि आपका शरीर आधे से अधिक रोगों पर विजय प्राप्त कर चुका है। जैसा कि आरम्भ में बताया जा चुका है,(हमारी बुरी आदतों और विचारों का प्रभाव हमारे शरीर पर भी पड़ता है। अतएव आरम्भ में हमें सदा सतर्क रहना चाहिए। इस प्रकार आप अपना जीवन सफल बना सकते हैं।

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हमने क्या सीखा

दोस्तों इस आर्टिकल मे हमने जाना emotion meaning in Hindi क्या होता है। emotions का मतलब क्या होता है। emotions का प्रभाव कैसे हमारे शरीर पर पड़ता है। एक अच्छा emotions कैसे पूरी दुनिया बदल सकता है। Emotion से जुड़े हमें जितनी भी जानकारी प्राप्त हुई। उसे हमने आपके सामने प्रस्तुत किया है। अगर आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई डाउट है। तो आप बेफिक्र होकर हमें कमेंट या ईमेल कर सकते हैं।

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