Color का मतलब-रंग,वर्ण
Color का मतलब(About color meaning hindi)
वस्तुओं को अपना कोई रंग नहीं होता। इनके रंग निर्भर करते हैं आपतित प्रकाश के तरंगदैर्घ्य, वस्तु द्वारा अवशोषित प्रकाश के अंश तथा अवशोषित न होनेवाले प्रकाश के अंश पर जो वस्तु से परावर्तित होकर आँखों में जाकर रेटिना पर प्रतिबिंब बनाते हैं।
जो वस्तुएँ स्वयं प्रकाशमान नहीं हैं, उन्हें हम तभी देखते हैं जब उनपर सूर्य या अन्य किसी प्रकाशमान वस्तु का प्रकाश पड़ता है। प्रकाश जब अपारदर्शी वस्तु पर पड़ता है (आपतित होता है) तब उसका कुछ भाग वस्तु की सतह से परावर्तित हो जाता है और कुछ भाग पूर्णरूपेण वस्तु के भीतर अवशोषित हो जाता है ।
वस्तु का रंग वस्तु द्वारा परावर्तित या लौटाए गए प्रकाश पर निर्भर करता है। अत: श्वेत प्रकाश में रखी गई लाल पुस्तक लाल इसलिए दीखती है कि वह श्वेत प्रकाश के केवल लाल अवयव (घटक) को परावर्तित करती है और अन्य सभी तरंगदैर्घ्य वाले अवयवों को अवशोषित (Absorb) कर लेती है।
इसी प्रकार श्वेत प्रकाश में हरी पत्तियों या पीला फूल पीला दिखाई पड़ता है, क्योंकि सूर्य का प्रकाश जब हरी पत्तियों या पीले फूल पर पड़ता है तब पत्तियाँ और फूल सूर्य के श्वेत प्रकाश के क्रमश: हरे और पीले तरंगदैर्घ्य वाले अवयव को तो परावर्तित कर देती हैं, परंतु शेष सभी तरंगदैर्घ्य वाले अवयवों (वर्णो) को अवशोषित कर लेती हैं । परावर्तित हरे या पीले रंग की किरणें हमारी आँखों पर पड़कर हरे या पीले रंग का बोध कराती हैं।
श्वेत रंग
जो वस्तुएँ सभी रंगों (तरंगदैर्घ्य) को परावर्तित कर देती हैं, उनका रंग श्वेत होता है। एक सफेद कागज बिजली के बल्ब की रोशनी में सफेद दिखाई पड़ता है,क्योंकि परावर्तन के बाद जो प्रकाश आँखों तक पहुँचता है, उसमें विभिन्न तरंगदैर्घ्य की किरणें उसी अनुपात में होती है जिस अनुपात
में वे आपतित प्रकाश में थी।
काला रंग(Black color)
काले रंग की वस्तु वह है जो (श्वेत प्रकाश के सभी रंगों (तरंगदैर्घ्य) का अवशोषण कर लेती है। यदि हम लाल फूल को लाल रंग के प्रकाश में देखेंगे तो वह लाल ही दिखाई पड़ेगा, परंतु यदि लाल फूल को हरे रंग के प्रकाश में देखें तो वही फूल काला दिखाई पड़ेगा।
इसका कारण यह है कि हरे रंग (तरंगदैर्य) का प्रकाश लाल फूल द्वारा अवशोषित हो जाता है। इसी प्रकार,हरे रंग की पत्तियाँ लाल प्रकाश में काली दिखाई पड़ेंगी, कारण-लाल प्रकाश में हरे रंग (तरंगदैर्य) का प्रकाश है ही नहीं जिसे हरी पत्तियाँ परावर्तित कर सकें, अत: वे काली दिखाई पड़ती है
प्राथमिक वर्ण (रंग)(Primary color)
लाल (Red) वर्ण, हरे (Green) वर्ण और नीले (Blue) वर्ण को प्राथमिक वर्ण (Primary colours) या आधारी वर्ण (Basic colours) कहा जाता है, क्योंकि इन वर्णो (रंगों) को समुचित अनुपात (Suitable proportions) में मिलाने पर अन्य सभी वर्ण (रंग) प्राप्त
किए जा सकते हैं।
द्वितीयक वर्ण (रंग)(Secondary color)
मैजेंटा (Magenta), स्यान (Cyan) और पीले (Yellow) वर्णो (रंगों) को द्वितीयक वर्ण (Secondary colours या मिश्र वर्ण (Composite colours) कहा जाता है। दो प्राथमिक वर्णो (रंगों) को मिलाने से द्वितीयक वर्ण मिलता है।
संपूरक वर्ण (रंग)(Complementary color)
जिन दो वर्णो (रंगों) को मिलाने से श्वेत वर्ण (रंग) प्राप्त होता है वे संपूरक वर्ण (Complementary colours) कहे जाते है।
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