हेलो दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे। attitude meaning in Hindi क्या है। attitude का मतलब क्या होता है। attitude का परिभाषा क्या होता है। हमें कैसा attitude रखना चाहिए।
आपने attitude शब्द कहीं ना कहीं जरूर सुना होगा। क्या आपको पता है इसका असली मतलब क्या होता है। अगर कोई कहता है कि यह शख्स बहुत attitude वाला है तो इसका क्या मतलब हुआ। चलिए समझते हैं
Attitude का हिंदी में अर्थ-रवैया,ढंग,नज़रिया,प्रवृत्ति,भाव,मनोभाव,मुद्रा,रवैया
Attitude की परिभाषा
Attitude एक नजरिया है जिससे हम दुनिया को देखते हैं। यह हर किसी के लिए यह अलग अलग हो सकता है। आप सभी जानते हैं शेर जंगल का राजा माना जाता है। यह कैसे हुआ। शेर जंगल का सबसे बड़ा जानवर नहीं है और ना ही जंगल का सबसे ताकतवर जानवर और ना ही उतना बुद्धिमान है। फिर भी उसे जंगल का राजा क्यों माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसके पास attitude है। क्या है यह attitude जब शेर दहाड़ता है। तो लगभग जंगल के सभी जानवर काँप उठते हैं।
जब शेर किसी हिरण के पीछे भागता है। रास्ते में और दो-चार और हिरन आ जाएं। तो वह अपना इरादा नहीं बदलता। वह एक हिरण के पीछे तब तक भागता है जब तक उसे मार ना दे। और यही रवैया उसे औरों से अलग बनाता है।
Attitude का मतलब
दोस्तों जीवन में सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी चीज जो होती है वह होती है attitude या फिर हमारा mind set। बिना किसी attitude के आप जीवन के इस race मे ज्यादा देर तक टिक नहीं पाओगी।
मस्तिष्क की संरचना अपने आपमें अत्यन्त रहस्यमय है। वैज्ञानिक निरन्तर इसकी खोज कर रहे हैं। मस्तिष्क के गहरे अध्ययन के प्रयास आज भी चालू हैं। यह तो निश्चित हो गया है कि शरीर का संचालक मस्तिष्क है। प्रत्येक विचार का प्रभाव हमारी शारीरिक संरचना पर पड़ता है। प्रोफेसर गेट्स द्वारा किए गए प्रयोगों से सिद्ध हो गया है कि दूषित भावनाएं या negative attitude हमारा रक्त दूषित कर देती हैं।
उनके हमारे मन में आते ही कुछ विशेष तत्व अपना कार्य बंद कर देते हैं। फलतः रक्त दूषित होना शुरू हो जाता है। कुविचारों का जहरीला प्रभाव हमारे शरीर के पोषक तत्वों पर पड़ता है। वह निष्क्रिय हो जाया करते हैं। इस कारण हमारा शरीर दुर्बल और आलस्य से भी भर जाता है। जब कभी कोई कुविचार हमारे मन में आता है, तो उसका प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ने के कारण मस्तिष्क की कुछ
क्षमताएं रुक जाती हैं।
रक्त प्रवाह पर प्रभाव पड़ने के कारण हमारा शरीर प्रभावित होता है और उससे हमारा स्वास्थ्य बिगड़ता है। कुविचार हमें कमजोर बना देते हैं। आपने स्वयं देखा होगा जब कुविचार मन में रहते हैं तो ऐसा आदमी दुर्बल पड़ जाया करता है। हमेशा गंदे वातावरण में रहने वाला, कुविचार रखने वाला मनुष्य आपको दुर्बल ही नजर आएगा।
उसका चेहरा ही बतलाएगा। छोटी आंखें, कपोलों की उठी हड्डियां और आंखों के नीचे के सपाट गड्ढे आदि इसका प्रमाण होते हैं। सीधा-सादा निष्कर्ष यह निकलता है कि स्वास्थ्य दवाइयों के बल पर विचारों के बल पर अधिक निर्भर रहता है। जिस प्रकार के आपके विचार और attitude होंगे, वैसा ही आपका स्वास्थ्य बनेगा।
चिकित्सकों का कहना है कि कोई भी आदमी संयम से लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से बराबर निरोग रह सकता है।