त्रिभुज(About area of triangle)
तीन रेखाखण्डों से घिरी हुई समतलीय बन्द आकृति त्रिभुज कहलाती है। त्रिभुज को Δ से निरुपित करते हैं। एक त्रिभुज के छः भाग होते हैं-तीन भुजाएँ और तीन कोण
त्रिभुज का क्षेत्रफल यदि ऊचाई और आधार पता हो(About area of triangle)
Base-आधार, height=ऊचाई
हेरोन (Heron’s) के फॉर्मूला(About area of triangle)
फॉर्मूला है, जहाँ ट्राएंगल की सेमीपेरीमीटर है और , , और ट्राएंगल की साइड्स की लंबाई हैं
यहाँ S=(a+b+c)/2 तथा a, b और c त्रिभुज की तीनो भुजाये है।
त्रिभुज के प्रकार (Types of Triangles)
त्रिभुजों का विभाजन दो आधारों पर किया जाता है :
(i) कोणों के आधार पर
(ii) भुजाओं के आधार पर
(i) कोणों के आधार पर त्रिभुजों के प्रकार(Types of Triangles on the Basis of Angles)
समकोणीय त्रिभुज (Right-angled triangle) :
वह त्रिभुज जिसके एक कोण की माप 90° हो, समकोण त्रिभुज कहलाता है। समकोण की सम्मुख भुजा को त्रिभुज का कर्ण कहते हैं, शेष दो भुजाओं को क्रमशः आधार और लम्ब कहते हैं।
(कर्ण)^2 = (आधार)^2 + (लम्ब )^2
न्यूनकोणीय त्रिभुज (Acute-angled triangle) :
वह त्रिभुज जिसके प्रत्येक कोण की माप 0° से अधिक और 90° से कम हो, न्यूनकोणीय त्रिभुज कहलाता है।
अधिककोणीय त्रिभुज (Obtuse-angled triangle) :
वह त्रिभुज जिसके एक कोण की माप 90° से अधिक परन्तु 180° से कम हो, अधिककोणीय त्रिभुज कहलाता है।
(ii) भुजाओं के आधार पर त्रिभुजों के प्रकार(Types of Triangle on the Basis of Sides)
विषमबाहु त्रिभुज (Scalene triangle) :
वह त्रिभुज जिसकी सभी भुजाएँ भिन्न-भिन्न लम्बाइयों की होती है,विषमबाहु त्रिभुज कहलाता है।
समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles triangle)
वह त्रिभुज जिसकी दो भुजाएँ बराबर हों, समद्विबाहु त्रिभुज कहलाता है।
समबाहु त्रिभुज(Equilateral triangle)
वह त्रिभुज जिसकी तीनोंभुजाएँ बराबर हों, समबाहु त्रिभुज कहलाता है।
समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल(Equilateral triangle)= ,जहाँ s=भुजा की लम्बाई
त्रिभुजों के कुछ उपयोगी परिणाम(Some Useful Results on Triangles)
•त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है।
•त्रिभुज की एक भुजा को आगे बढ़ाने पर बनने वाले बहिष्कोण की माप दो सम्मुख अन्त:कोणों की माप के योग के बराबर होती है।
•किसी त्रिभुज का बहिष्कोण किसी भी सम्मुख अन्तः कोण से बड़ा होता है।
•त्रिभुज के एक आधार कोण के अन्तः कोणीय अर्धक और दूसरे कोण के बहिष्कोणीय अर्धक के बीच बनने वाला कोण शीर्ष कोण का आधा होता है।
•त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं का योग इसकी तीसरी भुजा से बड़ा होता है।
•यदि त्रिभुज के शीर्ष कोण का अर्द्धक, आधार को अर्धित करता है, तब त्रिभुज समद्विबाहु त्रिभुज होता है।
• किसी समद्विबाहु त्रिभुज के समान कोणों वाले शीर्षों से सम्मुख भुजाओं पर डाले गये लम्ब बराबर होते हैं।
•समबाहु त्रिभुज की माध्यिकायें समान होती है।
सर्वांगसम त्रिभुज (Congruent Triangle) :
यदि एक त्रिभुज के सभी कोण व भुजाएँ दूसरे त्रिभुज के संगत कोणों व संगत भुजाओं के बराबर हो, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम कहलाते हैं।
•प्रत्येक त्रिभुज स्वयं का सर्वांगसम होता है।
त्रिभुजों की सर्वांगसमता का अभिगृहीत(Triangle Congruency Axiom)
अभिगृहीत 1 : यदि एक त्रिभुज की दो भुजाओं व उनके बीच का कोण दूसरे त्रिभुज की संगत भुजाओं व संगत कोण के बराबर हो। (SAS अभिगृहीत)
अभिगृहीत 2 : यदि एक त्रिभुज के दो कोण व इन कोणों की उभयनिष्ठ भुजा दूसरे त्रिभुज के संगत कोणों व उभयनिष्ठ भुजा के बराबर हो । (SAA अभिगृहीत)
अभिगृहीत 3 : यदि एक त्रिभुज की तीनों भुजायें दूसरे त्रिभुज की तीनों संगत भुजाओं के बराबर हो।(SSS अभिगृहीत)
अभिगृहीत 4 : यदि एक त्रिभुज का कर्ण व एक भुजा दूसरे त्रिभुज के कर्ण और संगत भुजा के बराबर हो। (RHS अभिगृहीत)
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