हेलो दोस्तों आपने फिल्मों में ड्रग्स का नाम जरूर सुना होगा। और देखा भी होगा इसको लेने के बाद हमारे साथ क्या-क्या होता है। ड्रग्स नाम सुनने में काफी डरावना लगता है। लेकिन ड्रग्स का(Drugs kya hota hai) असली मतलब दवाइयां होता है।
ऐसी दवाइयां जो किसी खास रोग के उपचार के लिए बनाई गई होती है लेकिन कुछ लोग ड्रग्स मजे के लिए लेते है। क्योंकी उनको अच्छा महसूस होता है। धीरे धीरे वह इन ड्रग्स के आदि हो जाते है। समय पर ड्रग्स ना मिलने के कारण उनकी हालत पागलों जैसी हो जाती है। दोस्तों आज के इस आर्टिकल मे हम Drugs kya hota hai और इसके बिभिन्न प्रकारो को जानेगे।
ड्रग्स ऐसे पदार्थ हैं जो शरीर के काम करने के तरीके को बदल देते हैं। कुछ दवाएं कानूनी हैं और कुछ नहीं हैं।ड्रग्स को या तो अवैध या कानूनी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। दवाओं को उनके काम करने के तरीके के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे उत्तेजक, अवसाद और मतिभ्रम।
कई अलग-अलग प्रकार की दवाएं हैं जिनका उपयोग लोग बेहतर महसूस करने या अच्छा समय बिताने के लिए करते हैं। दवाओं का उपयोग चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है, जैसे दर्द निवारक और एंटीबायोटिक्स। कुछ लोग कोकीन, हेरोइन, मारिजुआना और परमानंद जैसे मनोरंजक उद्देश्यों के लिए ड्रग्स लेते हैं क्योंकि वे उच्च महसूस करने या एड्रेनालाईन की भीड़ प्राप्त करने का आनंद लेते हैं।
Drugs क्या है और कैसे काम करता है?
ड्रग्स रासायनिक पदार्थ हैं जो मस्तिष्क के सामान्य कार्यों को बदल देते हैं, जिससे मूड, चेतना और व्यवहार में अस्थायी परिवर्तन हो सकते हैं। ऐसी कोई एक दवा नहीं है जिसका उपयोग हर मानसिक विकार के इलाज के लिए किया जा सकता है।
दवाओं का प्रभाव ली गई दवा के प्रकार और कितनी ली गई, साथ ही व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है। दवाओं को विभिन्न तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है: मन या शरीर पर उनके प्रभाव से; उनका उपयोग कौन करता है; या उन्हें कैसे बनाया, इस्तेमाल या बेचा जाता है।
Drugs के प्रकार(Types of Drugs)
ड्रग्स ऐसे पदार्थ हैं जो शरीर के काम करने के तरीके को बदल देते हैं। वे आम तौर पर स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन कुछ दवाओं का उपयोग मनोरंजन के लिए भी किया जा सकता है।
दवाओं के प्रकार:
– प्रिस्क्रिप्शन दवाएं: ये ऐसी दवाएं हैं जिन्हें डॉक्टर द्वारा अनुमोदित किया गया है और केवल एक नुस्खे के साथ प्राप्त किया जा सकता है।
– ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं: ये ऐसी दवाएं हैं जिन्हें किसी फार्मासिस्ट या अन्य लाइसेंस प्राप्त प्रदाता से प्रिस्क्रिप्शन के बिना खरीदा जा सकता है। उन्हें किसी चिकित्सा पर्यवेक्षण की आवश्यकता नहीं होती है और वे कई रूपों में आते हैं जैसे कि गोलियां, तरल पदार्थ, क्रीम, जैल और पैच।
– अवैध ड्रग्स: ये अवैध पदार्थ हैं जिन्हें किसी भी परिस्थिति में कानूनी रूप से प्राप्त या प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
कई प्रकार की दवाएं हैं, उनमें से कुछ कानूनी हैं, और उनमें से कुछ अवैध हैं।
कई प्रकार की दवाएं हैं जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए वर्षों से विकसित की गई हैं। दवाओं का उपयोग चिकित्सा प्रयोजनों के लिए या मनोरंजन के रूप में किया जा सकता है। यह लेख कुछ विभिन्न प्रकार की दवाओं और उनके उपयोगों का पता लगाएगा।
कानूनी दवाएं:
- -कैफीन: कैफीन दुनिया की सबसे लोकप्रिय कानूनी दवाओं में से एक है। यह एक उत्तेजक है जो लोगों को अधिक सतर्क और जागृत महसूस कराता है।
- -निकोटीन: निकोटीन भी एक उत्तेजक है जो नशे की लत हो सकता है। यह सिगरेट, सिगार, चबाने वाले तंबाकू और अन्य तंबाकू उत्पादों में पाया जाता है।
- -अल्कोहल: शराब एक साइकोएक्टिव ड्रग है जो लोगों को आराम या नींद और नशे का एहसास करा सकती है।
- अवैध दवा:
- -मारिजुआना: मारिजुआना में डेल्टा 9 टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) होता है, जो इसका इस्तेमाल करने पर लोगों को ऊंचा या पथरीला बना देता है।
- -हेरोइन: हेरोइन एक अफीम है
ड्रग्स का मतलब क्या होता है-Drugs kya hota hai
दोस्तों ड्रग्स का मतलब दवाइ/औषधी होता है औषधियाँ रोगों के इलाज में काम आती हैं। प्रारम्भ में औषधियाँ, पेड़-पौधों, जीव-जन्तुओं से प्राप्त की जाती थी लेकिन जैसे-जैसे रसायन विज्ञान का विस्तार होता गया, नये-नये तत्वों की खोज हुई तथा उनसे नई-नई औषधियाँ कृत्रिम विधि से तैयार की गई। आज औषधियाँ विभिन्न स्रोतों जैसे, जन्तु, वनस्पति,खनिज पदार्थों से प्राप्त की जाती हैं। खनिजों से प्राप्त औषधिया काओलिन, पैराफिन, ट्राई सिलिफेट आदि प्रमुख हैं।
इसी प्रकार वनस्पतियों से मारफीन, क्विनीन, रिसरपीन, डिजिटॉफिसन व जतु से इन्सुलिन, एन्टीटॉक्सिन व गोनेडोटाफिन्स आदि औषधियाँ प्राप्त की जाती है। रसायन विधि में अधिकतर औषधियाँ कार्बानिक पदार्थों से तैयार की जाती है। एसीटिक एनहाइट्राइड से एस्प्रीन, यूरिया से वेरोनल, बेन्जोइक अम्ल से सैकरीन व क्लोरमिन, फिनाल से फेनेसिटिन, ऐस्पिरिन, सैलोल, व सैलिसिलिक अम्ल आदि दवायें बनायी जाती है। बेन्जीन सल्फोनिक अम्ल से कई प्रकार की सल्फा-ड्रग्स आदि दवायें तैयार की जाती हैं।
कुछ प्रमुख ड्रग्स के प्रकार है- ड्रग्स क्या होता है-Drugs kya hota hai
एन्टीबायोटिक्स (Antibiotics)-
एंटीबायोटिक औषधियाँ अत्यन्त सूक्ष्म जीवाणुओं (Micro organism), मोल्ड्स (Molds), फन्जाई (fungi) आदि से बनायी जाती हैं। ये औषधियाँ अन्य दूसरे प्रकार के जीवाणुओं को मारती हैं व उनकी वृद्धि को रोकती हैं। अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने 1929 में पहली एन्टीबायोटिक औषधि पेन्सिलीन का आविष्कार किया जिसके द्वारा विशेष प्रकार के बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता था। पेनिसिलीन (Penicillin), टेट्रासाइक्लिन (Tetra-cycline), सेफेलोस्प्रिन्स (Cephalosporins), स्ट्रेप्टोमाइसीन (Streptomycin), जेन्टामाइसीन (Gentamicin), रिफामाइसीन (Rifamycin), क्लोरोमाइसीटीन (Chloromycetin) आदि प्रमुख एन्टीबायोटिक औषधियाँ हैं।
पूर्तिरोधी (Antiseptics)—
ये औषधियाँ सूक्ष्म जीवाणुओं को मारने व उनकी वृद्धि रोकने में सहायक होती हैं। ये रक्त को दूषित होने से रोकने व घाव आदि भरने में विशेष रूप प्रयुक्त की जाती हैं। सिरके तथा सिडार तेल (Cedar’s Oil) का प्रयोग घावों आदि के ठीक करने में प्राचीन काल से होता आ रहा है। आधुनिक एन्टीसेप्टिक औषधियाँ तैयार करने में सेमिलवीस (Semmelweis), लिस्टर (Lister) व कोच (Koch) के नाम उल्लेखनीय हैं। आयोडीन (Iodine),हाइपोक्लोरस (Hypochlorous) अम्ल, एथिल एल्कोहल (Ethye alcohal), फिनॉल (Phenols), हेक्साक्लोरोफीन (Hexachlorophene), फार्मेल्डीहाइड (Formaldehyde),हाइड्रोजन पराक्साइड (Hydrogen peroxide), एक्रीफिलाविन (Acriflavine) आदि रोगाणु व कीटाणु नाशक के रूप में प्रयोग किये जाते हैं।
एन्टीपायरेटिक्स (Antipyretics)–
एन्टीपायरेटिक्स का प्रयोग शरीर दर्द व बुखार उतारने में किया जाता है। एस्प्रीन, क्रोसीन, फिनैसिटिन, पायरोमिडीन आदि प्रमुख एन्टीपायरेटिक्स औषधियाँ हैं।
निश्चेतक(Anaesthetic)-
संवेदना (sensation) को कम करने के लिये प्रयुक्त किये जाते हैं। निश्चतक का प्रयोग सबसे पहले विलियम मोरटन ने 1846 में डाई एथिल ईथर के रूप में किया। इसके पश्चात् 1847 में जेम्स सेम्पसन ने क्लोरोफार्म को निश्चेतक के रूप में प्रयोग किया। क्लोरोफार्म,पेन्टोथल सोडियम (Pentothal sodium),हलाथेन (Halothane), ईथरनाइट्रस आक्साइड (nitrous oxide), ट्राईक्लोरो एथिलीन (trichloroethylene), क्लोरोप्रोपेन (Chloropropane), कोकीन (Cocaine), डायजीपाम (diagipalm), सल्फोनल (sulphonal), वेरोनल (Veronal) आदि निश्चेतक के रूप में प्रयोग किये जाते हैं।
सल्फा ड्रग्स (Sulpha drugs)—
सल्फा औषधियों में मुख्य रूप से सल्फर व नाइट्रोजन पायी जाती है। सबसे पहली सल्फा औषधि सल्फानिलमाइड (sulfanilamide), 1908 में बनायी गई थी। ये दवायें कुछ जीवाणुओं के प्रति अत्यन्त प्रभावी होती हैं। कुछ सल्फा औषधियों का प्रयोग पशुओं के लिये भी किया जाता है। सल्फाडायजीन, सल्फापिरीडीन, सल्फान्वानीडीन,सल्फाथायजाल, सल्फामिराजीन, सल्फानिलमाइड आदि कुछ प्रमुख सल्फा औषधियाँ हैं।
यह article “ड्रग्स क्या होता है ड्रग्स के बारे में बेसिक जानकारी-Drugs kya hota hai ” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा