वैज्ञानिकों के दो अलग-अलग शोध दलों ने कृषि अपशिष्ट तथा खाद वनस्पतियों से प्राप्त चीनी को गैसोलीन, डीजल, जेट ईंधन तथा अन्य कई प्रकार के उपयोगी रसायनों में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त करने का दावा किया है।
इंन शोध दलों में पहला है संयुक्त राज्य अमेरिका में virent energy system of medicine मैं कार्य करने वाले केमिकल इंजीनियर रेडी तथा फाउंडेशन द्वारा सहायता प्राप्त मेडिसिन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कोसिन मैं कार्यरत केमिकल इंजीनियर जेम्स न्यूमेटिक का दल शामिल है।
इन दोनों दलों ने जिन प्रणाली का विकास किया है उसका नाम रखा गया है aquas phase reforming।
इस प्रणाली मे प्राप्त वनस्पतियों के गाढ़े से प्राप्त घोल को कई श्रेणियों से गुजारा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान कार्बन के अणु उस प्रकार के घटक तत्व में टूट गए जिनसे पेट्रोलियम का निर्माण होता है।
उस प्रकार के पौधे तनावग्रस्त कहे जाते हैं जो सूखे की परिस्थिति को झेल रहे होते हैं संयुक्त राज्य अमेरिका के National Centre for Atomic Research मे काम करने वाले कुछ शोधकर्ताओं ने अपने शोध के दौरान पाया कि तनावग्रस्त पौधे एस्प्रिन के समान एक केमिकल का उत्पादन करते हैं।
शोध करने वाले वैज्ञानिकों का विचार हैं कि इस प्रकार के केमिकल का उत्पादन पौधों के इम्यून सिस्टम का एक अंग हो सकता है जिसकी सहायता से वह प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपना अस्तित्व बनाए रखने में समर्थ होते हैं।
3) हल्के रंग वाली फसलों को उगाकर भूमंडलीय तापमान को नियंत्रित करने के प्रयास- science news in Hindi
ब्रिटेन के University of Bristol मे काम करने वाले वैज्ञानिकों ने अपने द्वारा किए गए शोधों के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकाले हैं। कि कुछ ऐसी फसलें हैं जो सौर किरणों का अधिक प्रवर्तन करते हैं।
देखा गया है कि हल्के रंग वाली फसलों के क्षेत्र में सौर किरणों का आकाश की ओर प्रवर्तन अधिक होता है। इसके विपरीत गहरे रंग वाले क्षेत्र में कम होता है। यदि हल्के रंग वाली फसलों को विश्व स्तर पर अधिक से अधिक क्षेत्र में लगाया जाए तो भूमंडलीय तापन को कम करने में सहायता मिलेगी।
4) पेरासिटामोल बच्चों में दमा का खतरा पैदा करता है
कुछ वैज्ञानिकों द्वारा 31 देशों में बच्चों पर किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि जिन बच्चों को पेरासिटामोल की खुराक दी जाती है उनमें दमा से ग्रस्त होने का खतरा पैदा हो जाता है यह रोग उन्हें 6-7 वर्ष की अवस्था में ही पकड़ सकते हैं।
इस अध्ययन से संबंधित एक शोध पत्र प्रकाशित किया गया था जिसमें बताया गया था छोटे बच्चों में नाक का बहना अथवा सांस लेने में आवाज होना दमा के संकेत हैं।
विभिन्न चिकित्सक वैज्ञानिकों द्वारा 31 देशों के लगभग 250000 बच्चों के माता-पिता से प्राप्त जानकारी से पता चला है कि जिन बच्चों को जीवन के प्रथम वर्ष में ही पेरासिटामोल की खुराक दी गई उसमें से 46% बच्चे 6-7 वर्ष की अवस्था तक पहुंचते-पहुंचते दमा से ग्रसित हो गए।
5) अब पानी से चार्ज होगी बैटरी
स्वीडन के कुछ शोधकर्ताओं ने ऐसा चार्जर बनाया है जिसमें बैटरी को पानी से चार्ज किया जा सकता है वह भी साधारण तालाब के पानी से यह चार्जर माइक्रो फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
यह चार्जर साधारण पानी के उपयोग से 3 वाट तक उपकरणों की बैटरी लाइफ को बढ़ा सकता है इसको बनाने वाले शोधकर्ताओं ने बताया कि इस उपकरण को मीठे जल या खारे जल किसी से भी ऊर्जा दी जा सकती है।
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