Haws क्या है(What is Haws)
HAWS एक भारतीय सेना प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान है। यह स्थान गुलमर्ग, जम्मू और कश्मीर में स्थित है। इस स्कूल की स्थापना 1948 में हुई थी और यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ युद्ध स्कूलों में से एक माना जाता है।
HAWS सैनिकों को उच्च ऊंचाई और पर्वतीय क्षेत्रों में युद्ध के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान करता है, जो हिमालयी क्षेत्र में भारत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
Haws का full form(Haws full form)
Haws का full form(High Altitude Warfare School) HAWS का मुख्य उद्देश्य उच्च ऊंचाई पर सेना के लिए युद्ध सैनिक को तैयार करना है। इस स्कूल में विभिन्न देशों के चुने हुए सैनिकों को विशेषज्ञता प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
HAWS का नाम पहले 19 इंफेंट्री डिवीजन स्की स्कूल था, जो 1949-1950 के मौसम में एक कमांड स्थापना के रूप में बदल दिया गया। यह स्कूल उच्च ऊंचाई पर सेना के लिए सैनिको को तैयार करने के लिए विभिन्न तकनीकी प्रशिक्षण और युद्ध योजनाओं का आयोजन करता है।
Haws में ट्रेनिंग कैसे होती है?
दोस्तों यहां हम आपको कुछ मुख्य ट्रेनिंग गतिविधियां हैं जो HAWS में आयोजित की जाती हैं, के बारे में बताएंगे –
बुनियादी प्रशिक्षण (Basic Training)
ट्रेनिंग की शुरुआत में सैनिकों को बुनियादी युद्ध तकनीकों, राहगीरी, और ऊंचाई पर जीवन के लिए तैयार किया जाता है। इसमें शामिल हैं बर्फीले मैदानों पर चलना, राहगीरी तकनीकों का अभ्यास, और ऊंचाई पर जीवन की समस्याओं का सामना करना।
पर्वतीय युद्ध तकनीकों का अभ्यास (Mountain Warfare Techniques)-
सैनिकों को पर्वतीय क्षेत्रों में युद्ध करने के लिए विभिन्न तकनीकों का अभ्यास किया जाता है। इसमें शामिल हो सकते हैं राहगीरी, गुफाओं में छिपना, और ऊंचाई पर युद्ध योजनाओं का अभ्यास।
बर्फीले मैदानों में युद्ध तकनीकों का अभ्यास (Winter Warfare Techniques)-
सैनिकों को बर्फीले मैदानों में युद्ध करने के लिए विभिन्न तकनीकों का अभ्यास किया जाता है। इसमें शामिल है बर्फीले मैदानों पर चलना, राहगीरी तकनीकों का अभ्यास, और ऊंचाई पर जीवन की समस्याओं का सामना करना ।
आपदा बचाव ट्रेनिंग (Disaster Management Training):
सैनिकों को आपदा के समय बचाव और राहत कार्यों में मदद करने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें शामिल हैं बर्फबारी रेस्क्यू ट्रेनिंग, भूकंप रेस्क्यू ट्रेनिंग, और अन्य आपदा स्थितियों में मदद करना।
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HAWS में सैनिकों को वायुसेना और नौसेना के साथ संयुक्त युद्ध योजनाओं का अभ्यास कराया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य संयुक्त युद्ध क्षेत्र में संगठन और समन्वय को सुनिश्चित करना है।
Haws का भारतीय सेना में क्या रोल है?
HAWS (High Altitude Warfare School) भारतीय सेना में ऊँचे पहाड़ों पर युद्ध करने के लिए सैनिकों की तैयारी करने का महत्वपूर्ण केंद्र है। यह संस्था विभिन्न तकनीकों, युद्ध योजनाओं, और ऊँचाई पर जीवन के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती है। भारतीय सेना के ऊँचे पहाड़ी युद्ध में निम्नलिखित कारणों से HAWS का महत्वपूर्ण रोल होता है
सीयाचिन और उच्च ऊँचाई युद्ध
सीयाचिन ग्लेशियर क्षेत्र भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण युद्ध स्थल है, जहां सैनिकों को ऊँचाई पर युद्ध करने के लिए तैयार किया जाता है। HAWS सीयाचिन और अन्य ऊँचे पहाड़ी क्षेत्रों में सैनिकों को युद्ध तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण प्रदान करती है।
भारत-चीन सीमा पर विवाद
भारत-चीन सीमा पर विवाद के कारण भारतीय सेना को ऊँचे पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात होना पड़ता है। HAWS सैनिकों को चीनी सेना के खिलाफ युद्ध करने के लिए तैयार करती है और उन्हें ऊँचाई पर जीवन की समस्याओं का सामना करना सिखाती है।
गुलमर्ग में प्रशिक्षण
HAWS का एक अन्य प्रमुख केंद्र गुलमर्ग, कश्मीर में स्थित है। यहां सैनिकों को उच्च ऊँचाई वाले अभियानों के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और उन्हें पर्वतीय युद्ध तकनीकों का अभ्यास कराया जाता है।
ऊँचाई पर जीवन की समस्याएँ
ऊँचाई पर जीवन की समस्याएँ जैसे हाई एल्टीट्यूड पुल्मोनरी एडीमा (HAPE) और हाई एल्टीट्यूड सिकनेस (AMS) सैनिकों के लिए खतरनाक हो सकती हैं। HAWS सैनिकों को इन समस्याओं के बारे में जागरूक करती है और उन्हें इनका सामना करने के लिए तैयार करती है।
भारतीय सेना के ऊँचे पहाड़ी युद्ध में HAWS का महत्वपूर्ण रोल है और यह संस्था सैनिकों को ऊँचाई पर युद्ध करने और जीवन बिताने के लिए तैयार करने में मदद करती है।
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Haws के अलावा भारतीय सेना में कौन से अन्य ट्रेनिंग स्कूल हैं?
भारतीय सेना में HAWS के अलावा अन्य प्रमुख ट्रेनिंग स्कूल निम्नलिखित हैं:
भारतीय सैन्य अकादमी (IMA)-
देहरादून, उत्तराखंड में स्थित इस संस्था में थलसेना के लिए अधिकांश अधिकारीगण की प्रशिक्षण दी जाती है।।
नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA)-
खड़ग वासला, पुणे में स्थित यह संस्था थलसेना, वायुसेना, और नौसेना के लिए अधिकांश अधिकारीगण की प्रशिक्षण प्रदान करती है।।
पर्वत घातक स्कूल-
जोशीमठ, उत्तराखंड में स्थित यह संस्था भारतीय सेना के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में युद्ध करने के लिए सैनिकों की तैयारी करती है।।
अर्जुन रेडी फोर्स (ARF) ट्रेनिंग स्कूल-
जबलपुर, मध्य प्रदेश में स्थित यह संस्था भारतीय सेना के लिए टैंक और अन्य युद्ध यंत्रों के उपयोग के लिए सैनिकों की प्रशिक्षण प्रदान करती है।।
अर्जुन रेडी फोर्स (ARF) ट्रेनिंग स्कूल-
जबलपुर, मध्य प्रदेश में स्थित यह संस्था भारतीय सेना के लिए टैंक और अन्य युद्ध यंत्रों के उपयोग के लिए सैनिकों की प्रशिक्षण प्रदान करती है।।
अन्य प्रमुख सैन्य प्रशिक्षण संस्थान-
इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA), देहरादून; नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA), खड़ग वासला; और अर्जुन रेडी फोर्स (ARF) ट्रेनिंग स्कूल, जबलपुर भारतीय सेना के अन्य प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान हैं।।
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