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Speak in hindi, लोगो से बात कैसे करे, कम बोलने वाले लोगो की खासियत(About speak hindi)

Speak in hindi-एक महान इनसान ने कहा है कि एक बुद्धिमान व्यक्ति केवल तभी बोलता जब उसके पास बताने के लिए कुछ होता है और वही पर एक मूर्ख व्यक्ति इसलिए बोलता है क्योंकि उसको केवल बोलना होता है। अगर आपको लगता है कि आप कम बोलते हैं और ये कम बोलना आपकी सबसे बड़ी कमी है तो शायद शायद इस आर्टिकल का अंत होने तक आपका खुद के चुप रहने और कम बोलने के प्रति जो नजरिया न हो वह बदल जाएगी और आप पाओगे कि आपका कम बोलना आपको औरों से ज्यादा बुद्धिमान और सफल बना सकता क्योंकि कम बोलने का मतलब कम सोचना नहीं होता।

कम बोलने का मतलब कम समझना नहीं होता और कम बोलने का मतलब कम मेहनत करना भी नहीं होता।

Speak in hindi

1) कम बोलने वाले लोग ज्यादा समझदार होते हैं। जब आप चुप होकर किसी बात को सुनते समझते हों तो सामने वाले को अपनी बात को रखने का मौका मिलता है और सामने वाला ये नहीं सोचेगा कि आप मूर्ख हो। क्योंकि दुनिया में अच्छे लिसनर्स बहुत कम हैं और अगर आप एक अच्छे लिसनर्स हैं तो सामने वाले को लगेगा कि अगर आप उसकी बातों को वेल्यु दे रहे समझने व को क्योंकि आप एक समझदार इंसान हों और जब कोई आपको यह समझेगा कि आप एक समझदार इंसान हो तो आपके अंदर का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा कि यार चुप रहकर किसी का दुख बांट लेना मूर्खता नहीं होती समझदारी होती है इंसानियत होती है यह समझदारी अच्छी है तो यह बताओ कम बोलना कहाँ से कमी हुई।

2)जो कम बोलने(Speak in hindi)वाले लोगों में होता है वह यह है कि कम बोलने वाले लोग ज्यादा इंटेलिजेंट होते हैं क्योंकि कम बोलने वाले लोग एक बार में अपनी बात को कहना जानते हैं। एक लाइन में अपनी बात को रखने का हुनर कम बोलने वाले लोग होते और जो कम शब्दों में अपनी बात को कह सकते हैं अपनी बात को समझा सकते हैं।

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उनको इंटेलिजेंट बोले ये जो हमारी बहनें होती हैं न वे कंसंट्रेट रेसिस्ट होती हैं जो हमारे शब्द हैं यानी कि जितने जरूरत से ज्यादा शब्द आप बोलेंगे उतना ही कम आपकी भावनाओं को हिंसा समझेगा। अगर आपको अपनी फीलिंग्स को जोर देकर समझाना है तो कम से कम शब्दों का इस्तेमाल करके उसको कहना सीखें। कहानी मत सुनाइए कम बोलने वाले लोगों की बात सुनी जाती समझी जाती है।

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4)कम बोलने वाले लोगों में कि कम बोलने वाले लोग ज्यादा फ्रेंडली होते हैं क्योंकि वे दिल के अच्छे इंसान होते हैं। अब आप सोचेंगे कि मैं तो कम बोलता हुँ मेरे से कौन दोस्ती करेगा। जबकि हकीकत यह है कि कम बोलने वाले लोग अप्रोच बोर होते हैं। वह बातों को सुनना और समझना जानते हैं और वो जरूरत के हिसाब से ही बोलते हैं। इसलिए किसी को वह इरिटेट भी नहीं करते और ना ही दूसरों का समय बर्बाद करते हैं। इसलिए मुझे ही बताओ। कम बोलने वाले कम फ्रेंडली होते हैं ज्यादा फ्रेंडली होते हैं।

5) कम बोलने(Speak in hindi)वाले लोगों में ज्यादा सफल बन पाने की काबिलियत होती है। देखिए जो लोग कम बोलते है । उनमें पेशेंस का धैर्य का अथाह भंडार होता है और वे फालतू बातों में टाइम वेस्ट नहीं करते इसलिए इनका टाइम मैनेजमेंट भी फर्स्ट क्लास रहता है। इसके अलावा कम बोलने वाले लोग बोलने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखते हैं। वह जितना टाइम बोलकर विश कर सकते थे उतना टाइम अपने काम के लिए स्पेंड करते हैं। कम बोलने की वजह से यह जल्दी ही किसी से उलझते भी नहीं हैं और इनकी मेंटल पीस भी डिस्टर्ब नहीं होती और इसकी वजह से ये अपने काम पर अच्छे से कंसंट्रेट कर पाते हैं और जब एक ही इंसान में इतने सारे गुण एकसाथ मिल जाएं तो भी उस इनसान के लिए सफलता पाना कोई मुश्किल काम नहीं रहता।

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6)कम बोलने वाले लोगों का अगला गुण है कि कम बोलने वाले लोग ज्यादा रिश्ते वाले होते हैं। देखिए कोई राज तब तक ही राज रहता है जब तक वह दिल में रहता है और कम बोलने वाले लोगों की प्राइवेसी काफी स्ट्रॉन्ग होती है और इनके मन के अंदर चल क्या रहा है इसको जान पाना थोड़ा मुश्किल होता है जिसकी वजह से यह कभी भी ऐसी कोई बात नहीं बोलते जिसकी वजह से इनकी प्राइवेसी लूज हो और कोई उसका गलत फायदा उठा।

वह कभी भी ऐसा अपने मुंह से नहीं बोलते जिसका उनको बाद में पछताना न पड़े और यही गुण इनको सबसे ज्यादा दृष्टव्य बनाता है क्योंकि ये आपकी बात सुनेंगे भी समझेंगे भी अपनी बुद्धिमानी से उसका हल भी ढूंढेंगे और किसी को बताएंगे भी नहीं।

7) कम बोलने वाले लोग कभी भी किसी के मुंह नहीं लगते और इनकी सेल्फ रिस्पेक्ट मेंटेन रहती है। देखो हम किसी के मुंह कब लगते हैं। हमें कोई हल्के में कब लेना शुरू करता है जब हम उसके सामने बिना सोचे समझे कुछ भी बोलते रहते हैं या कोई चीज उनको बार बार बोलते रहते हैं या जाने अनजाने में उनको कोई ऐसी बात बोल देते हैं जिसका वह गलत फायदा उठाने लग जाते और हमें वह हल्के में लेने।

अक्सर होता क्या कि जब किसी इंसान से आपकी जान पहचान बढ़ने लगती है और जब आप उसके करीब आने लगते हों तो इसके साथ इस बात के भी चांसेस बढ़ने लगते हैं कि कहीं ऐसा न हो कि सामने वाले के साथ आपकी कोई ऐसी बात हो जाए जिसकी वजह से वो आपकी इज्जत कम करना शुरू कर दे। लेकिन जो लोग कम बोलते हैं न वह कभी भी किसी के मुंह नहीं लगते। इनकी जो सेल्फ रिस्पेक्ट होती है कभी कम नहीं होती और दूसरे लोग भी उनकी इज्जत करते हैं क्योंकि ये जाने अनजाने में ऐसी कोई बात नहीं बोलते जिसकी वजह से ये दूसरों के मुंह लगे और ना ही ये ऐसा करने के लिए सामने वाले बंदे को मौका देते हैं।

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8) कम बोलने(Speak in hindi) वाले लोग अकेले रहने से कभी नहीं डरते और इनकी पर्सनैलिटी में एक सकारात्मक गंभीरता रहती है। देखिए कम बोलने वाले लोग ज्यादा किसी से इंटरेक्ट नहीं कर और दूसरे लोगों के साथ में ज्यादा इंटरेक्ट नहीं करने की वजह से इनका जितना भी टाइम होता है वो उनके खुद के लिए होता है। वो अपना मैक्सिमम टाइम खुद अपने साथ बिताते हैं अपने लिए बिताते हैं। कहने का मतलब है कि वो अकेले रहकर अपना समय बिताते हैं

और अकेलेपन को बदल देते हैं। सॉरी डूड यानि कि अकेले रहकर जीवन जीने की कला अकेले रह कर सफल होने की कला अकेले रहकर मजबूत बनने की कला और ये अपनी इस कला में इतने ऊपर उठ जाते हैं कि चाहे आप इनको एक हजार लोगों के बीच में छोड़ दीजिए फिर भी ये खुद से कनेक्टेड रहते हैं। इनको अपना खुद का एक डिस्टेंस पता होता कि इन एक हजार लोगों से अलग हैं मेरी। और वो अपनी इस अलग आइडेंटिटी पर प्राउड करते हैं जिसकी वजह से इनको इस बात की बिल्कुल भी परवाह नहीं होती कि कोई इनका साथ देगा या नहीं देगा और ये बात इनको काफी अलग और काफी स्ट्रॉन्ग बनाती है।

यह article “Speak in hindi, लोगो से बात कैसे करे, कम बोलने वाले लोगो की खासियत(About speak hindi)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा। दोस्तों हमारा यह पोस्ट अगर आपको पसंद आया है। तो कृपया करके अपने दोस्तों और सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर अवश्य कीजिए।

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