IUPAC full form-Hello दोस्तों आज मैं आपको बताने वाला हूं IUPAC के बारे में, अगर आप science बैकग्राउंड से है। तब यह नाम आपको कहीं ना कहीं जरूर सुनने को मिला होगा। अगर आपको IUPAC के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे की IUPAC क्या होता है और IUPAC ka full form क्या होता है। साथ ही इनसे जुड़ी और भी विभिन्न बिंदुओं पर फोकस करेंगे।
IUPAC-International Union of Pure and Applied Chemistry
IUPAC क्या होता है
यह कार्बनिक यौगिकों का नाम रखने की एक प्रणाली है,कार्बनिक यौगिकों के नामकरण की मुख्यतः दो विधियाँ है।
(i) साधारण प्रणाली (Common system)
प्रारंभ में कार्बनिक यौगिकों के नाम उनकी प्राप्ति के स्रोत के आधार पर रखे गए। जैसे, फॉर्मिक अम्ल (HCOOH) को सर्वप्रथम लाल चींटी से प्राप्त किया गया था। लैटिन में लाल चींटी को फॉर्मिकस (formicus) कहते हैं।
(ii)IUPAC प्रणाली (About IUPAC full form)
IUPAC (International Union of Pure and Applied Chemistry)प्रणाली में सभी कार्बनिक यौगिकों को हाइड्रोकार्बनों का व्युत्पन्न (derivative) माना जाता है तथा कार्बनिक यौगिकों के नाम उनके संगत के हाइड्रोकार्बन के नाम पर ही आधारित होते हैं।
अतः, सर्वप्रथम संतृप्त हाइड्रोकार्बन के नामकरण के संबंध में नियम बनाए गए जिसके अनुसार-प्रथम चार सदस्यों को साधारण नामों से ही व्यक्त किया जाता है। बाद वाले सदस्यों के नामकरण में उनमें उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या को ग्रीक संख्याओं (Greek numerals) के नाम के अंत में ‘एन (ane)’ अनुलग्न (suffix) लगाया जाता है।
उदाहरण के लिए, C5H12 के नामकरण में चूँकि कार्बन की संख्या 5 है तथा ग्रीक में 5 को पेंटा (penta) कहा जाता है। अतः, C5H12 के नामकरण में ग्रीक संख्या पेंटा से आकार की मात्रा (।) हटाकर पेंट में एन जोड़ दिया जाता है।
पेंटा + एन——>पेंटेन
•ऐल्केन का सामान्य सूत्र CnH2n+2,… होता है।
कार्बनिक रसायन-
IUPAC full form-कार्बन पृथ्वी पर 0.02% पाया जाता है तथा वायु में कार्बन डाइऑक्साइड के रूप में कार्बन 0.03% पाया जाता है। मुक्त अवस्था में कार्बन हीरे, ग्रेफाइट तथा कोयला के रूप में पाया जाता है। संयोजित अवस्था में यह मुख्य रूप से कार्बोनेट खनिजों में पाया जाता है। कार्बन सभी सजीवों के निर्माण में आवश्यक अवयव होता है।
प्रारंभ में सजीव स्रोत (वनस्पति-जगत व प्राणी-जगत) से प्राप्त यौगिकों को कार्बनिक यौगिक कहा गया। जैसे–चीनी (ईख से), सिट्रिक अम्ल (नींबू से), ऐसीटिकअम्ल (सिरका से), तेल व वसा (चर्बी से) तथा यूरिया (पेशाब से) आदि। इस अध्याय में हम मुख्य रूप से कार्बनिक यौगिकों का
अध्ययन करेंगे।
कार्बनिक यौगिकों का महत्त्व
कार्बनिक यौगिकों का हमारे दैनिक जीवन में काफी महत्त्व है। सुबह से शाम तक जिन वस्तुओं का हम इस्तेमाल करते हैं, वे सभी कार्बनिक यौगिकों ((IUPAC full form)के बने होते हैं। हमारे भोजन (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन), कपड़ा, कागज, चमड़ा,साबुन, रंग, प्लास्टिक की वस्तुएँ, बच्चों का खिलौना इत्यादि कार्बनिक यौगिकों के बने होते हैं।
कार्बनिक यौगिकों का उपयोग
कृत्रिम वस्त्र (रेयॉन, नाइलॉन, डेक्रॉन, टेरीलीन इत्यादि) बनाने में होता है। कार्बनिक यौगिकों का उपयोग कीटाणुनाशक डी० डी० टी० (DDT), गैमेक्सीन, आदि के रूप में भी होता है। रोग से मुक्त होने के लिए कार्बनिक यौगिकों का व्यवहार दवा के रूप में किया जाता है, उदाहरणार्थ, सल्फा ड्रग्स, पेनीसिलीन,क्लोरोमाइसेटीन, टेरामाइसीन, ऐस्पिरीन इत्यादि। कार्बनिक विस्फोटक जैसे, डाइनामाइट, ट्राइनाइट्रोटॉलूईन (TNT),ट्राइनाइट्रोबेंजीन (TNB) इत्यादि का उपयोग युद्धक्षेत्र में किया जाता है।
दरअसल, हम सभी कार्बनिक यौगिकों((IUPAC full form) से घिर गए हैं। अगर इस धरती से कार्बन और उनके यौगिक हटा दिए जाएँ तो पृथ्वी भी चंद्रमा की तरह जीवविहीन हो जाएगी।जीवन शक्ति का सिद्धांत प्रारंभ में ऐसी मान्यता थी कि कार्बनिक यौगिक, सिर्फ सजीव स्रोत से ही प्राप्त किए जा सकते हैं तथा उन्हें प्रयोगशाला में तैयार करना संभव नहीं है। अतः, बर्जीलियस (Berzelius) ने 1815 में जीवन शक्ति का सिद्धांत (vital force theory) दिया।
जिसके अनुसार सजीव पदार्थों में कार्बनिक यौगिकों का निर्माण एक अदृश्य जीवन शक्ति (vital force) द्वारा होता है। लेकिन इस धारणा का अंत तब हुआ जब वोहलर (Wohler) ने प्रयोगशाला में यूरिया (कार्बनिक यौगिक) का संश्लेषण अमोनियम सायनेट (अकार्बनिक यौगिक) को गर्म करके किया।
बाद में, कोल्बे ने ऐसीटिक अम्ल का तथा बर्थेलो ने मेथेन का संश्लेषण किया। अबतक 1 करोड़ 60 लाख से ऊपर कार्बनिक यौगिक प्रयोगशाला में बनाए जा चुके हैं।
लभ्वाजे (Lavoisier) ने प्रयोग द्वारा यह दिखाया कि कार्बनिक यौगिक प्रायः कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हैलोजन, फॉस्फोरस, गंधक और कुछ धातुओं के संयोग से बने होते हैं तथा इनमें कार्बन सर्वदा विद्यमान होता है।
इस आधार पर कार्बन के यौगिकों को कार्बनिक यौगिक तथा कार्बन के यौगिकों के अध्ययन को कार्बनिक रसायन कहा गया। लगभग सभी कार्बनिक यौगिक कार्बन और हाइड्रोजन के बने होते हैं, अतः कार्बनिक रसायन वस्तुतः हाइड्रोकार्बन और उनके व्युत्पन्नों का रसायन है।
यह article “IUPAC का फुल फॉर्म क्या होता है? IUPAC के बारे मे जानकारी(IUPAC full form in hindi)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।