19वी शताब्दी के अंत में जब विद्युतधारा का अविष्कार हुआ तब वैज्ञानिकों ने यह प्रमाणित कर दिया कि परमाणु विभाज्य है। मतलब परमाणु को और हम छोटे कणों में तोड़ सकते हैं। परमाणु के अंदर झांकने पर हमें पता चला यह सूक्ष्मकण इलेक्ट्रॉन(Electrons in hindi), प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बना है। दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम इलेक्ट्रॉन के बारे में जानेंगे।
इलेक्ट्रॉन क्या है-What is electrons in hindi
इलेक्ट्रान एक ऋणाआवेशित सूक्ष्म पार्टिकल है। जो परमाणु के अंदर और नाभिकी के बाहर बंद कक्षाओं में चक्कर लगाता है। इलेक्ट्रॉन के movement के कारण ही किसी पदार्थ में विद्युत के गुण उत्पन्न होते हैं। या यु समझे की इलेक्ट्रॉन ही विद्युत को जन्म देता है। दुनिया के सभी पदार्थ में इलेक्ट्रॉन (Electrons in hindi)मौजूद है। 19वीं सदी में इलेक्ट्रॉन की खोज ने हमारी पूरी दुनिया ही बदल के रख दी। आज की हमारी आधुनिक टेक्नोलॉजी इसी की देन है।
इलेक्ट्रॉन का आविष्कार कब हुआ- Discovery of electrons in Hindi
इलेक्ट्रॉन का आविष्कार( invention of Electrons in hindi) सबसे पहले 1897 ई० में जे.जे. टॉमसन ने विसर्जन नली (Dishcharge tube) प्रयोग के समय कैथोड किरणों के अध्ययन के परिणामस्वरूप किया। टॉमसन (थॉमसन) महोदय ने एक काँच के विसर्जन नली में अत्यधिक निम्न दाब (लगभग 0.001 mm of Hg) और अत्यधिक उच्च विभव (लगभग 10kV = 10^4V) पर जब विद्युतधारा प्रवाहित किया तो पाया कि कैथोड से एक अदृश्य किरण पूँज (invisible group of rays) निकलती है।
जो उच्च वेग से सीधी रेखा में एनोड की और गमन करती है और विसर्जन नली की दीवार से टकराकर विसर्जन नली को प्रकाशमान कर देती हैं। इन किरणों को ही कैयोड किरण कहा जाता है।
इन किरणों को विद्युतीय क्षेत्र से गुजारने पर ये विद्युत क्षेत्र की ओर आकर्षित होती हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि कैथोड किरणें ऋण आवेशित कणों से बनी होती हैं। इस ऋण आवेशित मौलिक कण को ही हम इलेक्ट्रॉन कहते हैं। अतः कैथोड किरणें ऋण आवेशित कण इलेक्ट्रॉन(Electrons in hindi) की बनी होती हैं। अर्थात् ऋण आवेशित कणों से बनी किरणें ही कैथोड किरणें कहलाती हैं।
टॉमसन महोदय ने पाया कि कैथोड के लिए कोई भी धातु प्रयोग करने पर अथवा विसर्जन नली में किसी भी गैस की उपस्थिति से कैथोड रो इलेक्ट्रॉन ही निकलते हैं । इस निष्कर्ष से टॉमसन महोदय ने बताया कि सभी गैस परमाणुओं से मिलकर बनी होती हैं और इन सब परमाणुओं में इलेक्ट्रॉन होते हैं।
जब उच्च विभव पर विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो विद्युत ऊर्जा गैस के परमाणुओं में से कुछ इलेक्ट्रॉन को बाहर धकेल देती है और यही तीव्र गतिशील इलेक्ट्रॉन कैथोड किरणों का निर्माण कर देती है। इस प्रकार कैथोड किरणों का बनना यह साबित करता है कि सभी परमाणुओं में उपस्थित एक मौलिक कण इलेक्ट्रॉन विधमान रहता है।
कैथोड किरणों के गुण-Electrons in hindi
कैथोड किरणों के मुख्यतः निम्नलिखित गुण होते हैं-
(i) ये किरणें सीधी रेखा में गमन करती हैं।
(ii) ये किरणें ऋण आवेशित कणों से बनी होती हैं।
(iii) इन किरणों में गतिज ऊर्जा होती है।
(iv) ये किरणे फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित करती हैं।
(v) ये किरणें प्रतिदीप्ति उत्पन्न करती हैं।
इलेक्ट्रॉन के गुणधर्म-Properties of the electron in hindi
इलेक्टॉन के मुख्यतः निम्नलिखित गुणधर्म पाये जाते हैं-
(1) इलेक्टॉन पर इकाई ऋण आवेश (-1) होता है जिसका परिमाण 1.60218 x 10^-19 होता है। अर्थात् 1 इलेक्ट्रॉन = 1.6 x 10^-19 कूलम्ब होता है जो सभी ज्ञात आवेशों में सबसे छोटा होता है। इलेक्ट्रॉन के आवेश (electronic charge) को सबसे पहले रॉबर्ट ए० मिलिकन (R.A. Millikan) ने अपने तेल बूंद प्रयोग (oil drop experiment) से ज्ञात किया था।
(ii) एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान एक हाइड्रोजन परमाणु के द्रव्यमान के लगभग 1/2000 अर्थात् लगभग 0.005 होता है। यह राशि इतनी छोटी होती है कि मोटे तौर पर इसे नगण्य माना जा सकता है। इस प्रकार इलेक्ट्रॉन का सापेक्ष द्रव्यमान (relative mass) नगण्य माना जाता है जबकि इसका निरपेक्ष द्रव्यमान (absolute mass) 9.11 x10^28 ग्राम अथवा 9.11 x 10^-31 किलोग्राम होता है।
(iii) इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक (nucleus) के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
(iv) इलेक्ट्रॉन के आवेश (e) एवं द्रव्यमान (m) का अनुपात (e/nt) = 1.758 x 10^8 कूलम्ब प्रति ग्राम होता है। इलेक्ट्रॉन अर्थात् कैथोड किरण के कण का द्रव्यमान और आवेश विसर्जन नली में ली गई गैस और इलेक्ट्रॉन के पदार्थों पर निर्भर नहीं करता है। इस प्रकार किसी परमाणु का वह सूक्ष्मतम मौलिक कण जो उसके नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करता है एवं जिसके ऊपर इकाई ऋण आवेश रहता है, इलेक्ट्रॉन (Electrons in hindi)कहलाता है और इसे e- से दर्शाया जाता है।
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