DMCA.com Protection Status

भंवर धारायें किसे कहते है,परिभाषा, उपयोग(Eddy current in hindi)

Eddy current in hindi- जब कोई चालक किसी परिवर्ती (variable) चुम्बकीय क्षेत्र में गति करता है तो उसके सम्पूर्ण आयतन में प्रेरित धारायें उत्पन्न हो जाती हैं। ये धारायें चालक की गति का विरोध करती हैं। इन्हें ही भंवर धारायें कहते हैं।

इनके कारण ऊर्जा का अनावश्यक ह्रास होता है। भवर धाराओं को क्षीण करने के लिये ही ट्रॉसफार्मर, मोटर आदि क्रोड पटलित (laminated) बनायी जाती है। इससे प्रतिरोध बढ़ जाता है व भंवर धाराओं का प्रभाव कम हो जाता है।

विद्युत रेलगाड़ियों में पहिये की धुरी के साथ एक ड्रम लगा रहता है जो पहिये के साथ घूमता है। जब ब्रेक लगाने होते हैं तो ड्रम पर एक प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र लगा दिया जाता है जिससे ड्रम में भंवर धारायें उत्पन्न हो जाती हैं और ड्रम पहिये को रोक देता है।

भँवर-धाराओं के कुछ उपयोग (Some uses of eddy current in hindi)-

भँवर-धाराओं के कारण विद्युत ऊर्जा का क्षय ऊष्मा के रूप में होता है, तथा कुछ जगहों (applications) में.यह उपयोगी भी होती है।

(a) रेलगाड़ियों के चुंबकीय ब्रेक में-

आधुनिक विद्युत चालित रेलगाड़ियों में पटरियों के ठीक ऊपर प्रबल विद्युत-चुंबक (electromagnet) स्थित होते हैं। विद्युत-चुंबकों को जब सक्रिय(activate) किया जाता है तब पटरियों में भँवर-धाराएँ प्रेरित होती हैं जिनसे रेलगाड़ी की गति में मंदन (retardation) होने लगता है।

Join

चूँकि मंदन बल वेग के समानुपाती होता है और इस प्रक्रिया में.कोई भी यांत्रिक व्यवस्था प्रयुक्त नहीं होती है, अतः ब्रेक के कारण झटके (jerk) नहीं लगते।

Read More  Diatoms का मतलब क्या है(Diatoms Meaning in hindi), Diatomsb क्या है(Diatoms Kya hai )

(b) विद्युत-चुंबकीय अवमंदन (Electromagnetic damping)-

कुछ धारामापियों के स्थिर क्रोड (core) अचुंबकीय धातुओं के बने होते हैं। कुंडली के दोलन के क्रम में क्रोड में भँवर-धाराएँ प्रेरित होती हैं जो कुंडली की दोलनी गति का विरोध करती हैं जिससे वे यथाशीघ्र विरामावस्था में आ जाती हैं। इस प्रक्रिया को विद्युत-चुंबकीय अवमंदन कहा जाता है।

(c) प्रेरण भट्ठी (Induction furnace)—

प्रेरण भट्ठी में उच्च ताप उत्पन्न किया जाता है तथा धातुओं को पिघलाकर मिश्रधातु (alloy) बनाया जाता है। जिन धातुओं को पिघलाना होता है उन्हें एक कुंडली के घेरे में रखा जाता है। कुंडली से उच्च आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित करने पर उन धातुओं में प्रेरित भँवर-धाराएँ उच्च ताप उत्पन्न करती हैं जो उन धातुओं को पिघलाने के लिए पर्याप्त होती हैं।

यह article “भंवर धारायें किसे कहते है,परिभाषा, उपयोग(Eddy current in hindi)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।

DMCA.com Protection Status