Blockchain क्या है, Blockchain कैसे काम करता है, उपयोग, विशेषताएं, लाभ,नुकसान, Blockchain में लेनदेन, Blockchain की सुरक्षा, Blockchain में क्रिप्टोग्राफी(Blockchain in hindi)
Blockchain क्या है(Blockchain Kya Hai)
Blockchain एक डिजिटल तकनीक है जो डेटा को सुरक्षित तरीके से संग्रहित करती है। इस Technique में डेटा को Blocks में संग्रहित किया जाता है और एक Block में एक से अधिक ट्रांजेक्शन होते हैं। Block को एक साथ जोड़कर एक बड़ी श्रृंखला बनाई जाती है जिसे Segment series कहा जाता है। दोस्तों Blockchain Cryptographic Techniques का उपयोग करके secure होता है। इसमें कोई भी एक ब्लॉक को modify नहीं कर सकता है जो कि इसे secure बनाता है।
Blockchain Technology का उपयोग Cryptocurrency में Transaction को सुरक्षित तरीके से Store करने के लिए किया जाता है। Blockchain में एक बार किसी भी Transaction को दर्ज करने पर उसे वहाँ से हटाया नहीं जा सकता है और न ही उसमें संशोधन किया जा सकता है। Blockchain के कारण लेन-देन के लिए एक विश्वसनीय तीसरी पार्टी जैसे बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Blockchain कैसे काम करता है(How does Blockchain work)
Blockchain कैसे काम करता है, इसकी समझ के लिए हमें इसके कुछ मुख्य बातो को समझना होगा:
1. Block– ब्लॉकचेन में डेटा को ब्लॉक्स में संग्रहीत किया जाता है। प्रत्येक ब्लॉक में कुछ लेन-देन की जानकारी होती है।
2.Digital hash– प्रत्येक ब्लॉक को एक यूनिक डिजिटल हैश पहचान दी जाती है। यह ब्लॉक की पहचान करता है।
3. Timestamp– प्रत्येक ब्लॉक में उसके बनने का समय और तारीख होती है।
4. Chain– ब्लॉक्स को एक क्रम में जोड़ा जाता है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।
5. Distributed Ledger – ब्लॉकचेन में कई सारे कम्प्यूटर एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर बनाते हैं।
6. Consensus Algorithm– इस Algorithm के द्वारा सभी नोड्स पर Blockchain अपडेट होता है।
इस प्रकार Blockchain में डेटा ब्लॉक्स में सुरक्षित रूप से संग्रहीत होता है और श्रृंखला में जुड़ता जाता है। डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर और कोंसेंसस से पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहती है।
Blockchain का उपयोग किन-किन क्षेत्रों में किया जा सकता है?
Blockchain का उपयोग किन-किन क्षेत्रों में किया जा सकता है?
Blockchain तकनीक का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है। इसका उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जा सकता है :
वित्तीय सेवाएं(financial Services): बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में Blockchain Technology का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, Blockchain Technology का उपयोग वित्तीय लेनदेनों को सुरक्षित रखने के लिए भी किया जाता है।
कृषि(Agriculture): Blockchain Technology का उपयोग कृषि क्षेत्र में भी किया जा सकता है। इसके द्वारा उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच संवेदनशील लेनदेनों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
सरकारी कार्य: Blockchain Technology का उपयोग सरकारी कार्यों में भी किया जा सकता है। इसके द्वारा सरकार द्वारा ली जाने वाली फैसलों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
यात्रा(Travel): Blockchain Technology का उपयोग यात्रा क्षेत्र में भी किया जा सकता है। इसके द्वारा यात्री जानकारी को सुरक्षित रखा जा सकता है।
रिटेल और CPG(Retail and CPG): Blockchain Technology का उपयोग रिटेल और CPG क्षेत्र में भी किया जा सकता है। इसके द्वारा उत्पादों की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सकता है।
इस तरह से, Blockchain Technology का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा सकता है जो इस तकनीक के फायदों का उपयोग करना चाहते हैं।
Blockchain की विशेषताएं क्या हैं(Features of Blockchain in hindi)
दोस्तों आगे हम आपको Blockchain से जुडी बताने वाले है- जो कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
- Decentralized: Blockchain केंद्रीय सर्वर या अधिकारिक अथॉरिटी के बिना काम करता है। इसमें डेटा को network के कई नोड्स में संग्रहित किया जाता है जो कि इसे decentralized बनाता है।
- Immutable: एक बार जब डेटा blockchain में संग्रहित हो जाता है, तो उसे modify करना असंभव हो जाता है। इसमें cryptographic techniques का उपयोग करके डेटा को secure किया जाता है।
- Transparent: Blockchain में सभी डेटा public होता है जिससे कि इसमें transparency बनी रहती है।
- Fast and Efficient: Blockchain में डेटा को संग्रहित करने के लिए कम resources की आवश्यकता होती है जो कि इसे fast और efficient बनाता है।
- Secure: Blockchain में डेटा को cryptographic techniques का उपयोग करके secure किया जाता है। इसमें कोई भी एक ब्लॉक को modify नहीं कर सकता है जो कि इसे secure बनाता है।
इसके अलावा blockchain के कुछ और विशेषताएं हैं जैसे कि इसमें कोई central authority नहीं होती है.
Blockchain के लाभ क्या हैं(Benefits of Blockchain in hindi)
Blockchain तकनीक के कई लाभ हैं।आगे हमने कुछ लाभ दिए हैं-
- सुरक्षित: Blockchain तकनीक बहुत सुरक्षित होती है। इसमें डेटा को cryptographic techniques का उपयोग करके secure किया जाता है। इसमें कोई भी एक ब्लॉक को modify नहीं कर सकता है जो कि इसे secure बनाता है।
- डेटा का संग्रह: Blockchain में डेटा को ब्लॉक के रूप में संग्रहित किया जाता है जो कि cryptographic techniques का उपयोग करके secure होता है। इसमें कोई भी एक ब्लॉक को modify नहीं कर सकता है जो कि इसे secure बनाता है।
- Decentralized: Blockchain केंद्रीय सर्वर या अधिकारिक अथॉरिटी के बिना काम करता है। इसमें डेटा को network के कई नोड्स में संग्रहित किया जाता है जो कि इसे decentralized बनाता है।
- Transparency: Blockchain में सभी डेटा public होता है जिससे कि इसमें transparency बनी रहती है।
- Fast and Efficient: Blockchain में डेटा को संग्रहित करने के लिए कम resources की आवश्यकता होती है जो कि इसे fast और efficient बनाता है।
- ट्रांजेक्शन की तीव्रता: Blockchain में ट्रांजेक्शन की तीव्रता होती है। इसमें ट्रांजेक्शन को स्वीकार करने के लिए कोई तीसरी पार्टी की आवश्यकता नहीं होती है जो कि इसे तेज बनाता है।
- वित्तीय लेनदेन: Blockchain तकनीक के जरिए वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट बनाया जा सकता है। इसमें लेनदेन को स्वीकार करने के लिए कोई तीसरी पार्टी की आवश्यकता नहीं होती है जो कि इसे तेज बनाता है।
- ईएचआर के लिए लाभ: Blockchain तकनीक के जरिए ईएचआर को सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट बनाया जा सकता है। इसमें लेनदेन को स्वीकार करने के लिए कोई तीसरी पार्टी की आवश्यकता नहीं होती है जो कि इसे तेज बनाता है।
Blockchain के नुकसान क्या हैं(Disadvantages of Blockchain in hindi)
दोस्तों Blockchain तकनीक के कुछ नुकसान
- उच्च ऊर्जा खपत: Blockchain तकनीक को चलाने के लिए बहुत सारी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए, इसका उपयोग करने से पहले ऊर्जा की खपत को ध्यान में रखना आवश्यक होता है।
- अवैध उपयोग: Blockchain का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए भी किया जा सकता है। इसमें कोई भी ट्रांजेक्शन अनुमति के बिना हो सकता है जो कि इसका अवैध उपयोग करने का मार्ग खोलता है।
- अस्थिरता: Blockchain के लिए एक network of computers की आवश्यकता होती है जो कि इसे अस्थिर बना सकती है। इसमें कोई भी एक नोड क्रैश हो जाने से पूरा सिस्टम प्रभावित हो सकता है।
- बढ़ती लेनदेन शुल्क: Blockchain में ट्रांजेक्शन को स्वीकार करने के लिए कोई तीसरी पार्टी की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन इसमें लेनदेन शुल्क बढ़ता जा सकता है।
- अधिक विनिमय दर: कुछ लोगों को लगता है कि blockchain के विनिमय दर अधिक होते हैं जो कि इसका उपयोग करने को असंभव बना सकता है।
इसके अलावा blockchain के कुछ और नुकसान हो सकते हैं जो कि इस तकनीक के विकास के साथ-साथ हल होते जा रहे हैं।
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Blockchain में डेटा कैसे संग्रहीत किया जाता है(How is data stored in Blockchain hindi )
ब्लॉकचेन में डेटा को निम्नलिखित तरीके से संग्रहीत किया जाता है:
- लेन-देन की जानकारी को Block में Store किया जाता है।
- प्रत्येक ब्लॉक में लेन-देन की जानकारी के साथ उस ब्लॉक की हैश आईडी भी होती है।
- ब्लॉक के अंत में पिछले Block की Hash ID को Store किया जाता है।
- इस प्रकार Blocks को एक क्रम में जोड़ा जाता है जिससे Blockchain बनती है।
- नया डेटा नए Block में जोड़ा जाता है जो पिछले Block से Link होता है।
- Blockchain की कॉपी सभी Nodes पर Store होती है।
- कोई भी Block में परिवर्तन सभी Nodes पर अपडेट हो जाता है।
- इस प्रकार डेटा को डिस्ट्रीब्यूटेड और इम्यूटेबल तरीके से स्टोर किया जाता है।
Blockchain की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है
Dosto Blockchain की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग किया जाता है
- Cryptography: Blockchain में डेटा को cryptographic techniques का उपयोग करके secure किया जाता है। इसके लिए, डेटा को encrypted किया जाता है जिससे कि कोई अनधिकृत व्यक्ति या हैकर इसे नहीं देख सकता।
- Decentralization: Blockchain एक decentralized technology होती है जिसमें कोई central authority नहीं होती है। इसके बजाय, डेटा को network के कई नोड्स में संग्रहित किया जाता है जो कि इसे decentralized बनाता है। इससे, डेटा को modify करने के लिए कोई एक नोड ही नहीं होता है।
- Consensus: Blockchain में नए डेटा को संग्रहित करने से पहले, network के कई नोड्स के बीच consensus बनाया जाता है। इससे, डेटा को modify करने के लिए कोई एक नोड ही नहीं होता है।
- Mining: Blockchain में नए डेटा को संग्रहित करने के लिए, network के कई नोड्स में mining process को पूरा करना होता है। इससे, डेटा को modify करने के लिए कोई एक नोड ही नहीं होता है।
- Smart Contracts: Blockchain में smart contracts का उपयोग किया जाता है जो कि इसे सुरक्षित बनाता है। Smart contracts को एक बार लिखा जाता है और उन्हें एक बार लिखने के बाद वे अपने आप काम करते हैं। इससे, डेटा को modify करने के लिए कोई एक नोड ही नहीं होता है।
Blockchain में लेनदेन कैसे किए जाते हैं?
Blockchain में लेनदेन को संग्रहित करने के लिए निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग किया जाता है:
- Transaction: लेनदेन का प्रारंभ एक transaction से होता है। ट्रांजेक्शन में दो पक्षों के बीच संदेश भेजा जाता है जो कि एक नोड द्वारा संग्रहित किया जाता है।
- Verification: ट्रांजेक्शन को स्वीकार करने से पहले, network के कई नोड्स के बीच consensus बनाया जाता है। इससे, ट्रांजेक्शन को verify करने के लिए कोई एक नोड ही नहीं होता है।
- Mining: ट्रांजेक्शन को स्वीकार करने के बाद, नए ब्लॉक को बनाने के लिए network के कई नोड्स में mining process को पूरा करना होता है।
- Adding to the Blockchain: नए ब्लॉक को बनाने के बाद, इसे blockchain में add किया जाता है। इस प्रक्रिया को “खण्डशृंखला” कहा जाता है। ब्लॉकचेन में डेटा को cryptographic techniques का उपयोग करके secure किया जाता है।
इस प्रकार, blockchain में लेनदेन को संग्रहित करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है जो कि इसे सुरक्षित बनाता है।
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Blockchain में क्रिप्टोग्राफी का क्या उपयोग होता है?
Blockchain में क्रिप्टोग्राफी का उपयोग डेटा को सुरक्षित बनाने के लिए किया जाता है। इसके लिए, डेटा को encrypted किया जाता है जिससे कि कोई Unauthorized Person or Hacker इसे नहीं देख सकता। इसके अलावा, blockchain में क्रिप्टोग्राफी का उपयोग निम्नलिखित तकनीकों के लिए किया जाता है:
- Hashing: Hashing एक cryptographic technique होती है जिसका उपयोग ब्लॉकचेन में डेटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। इसमें डेटा को एक फिक्स्ड लंबाई के हैश कोड में बदल दिया जाता है जो कि इसे सुरक्षित बनाता है।
- Public Key Cryptography: Public key cryptography एक cryptographic technique होती है जिसका उपयोग ब्लॉकचेन में डेटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। इसमें डेटा को दो पार्टों में बाँटा जाता है – public key और private key। Public key को डेटा को encrypt करने के लिए उपयोग किया जाता है जबकि private key को डेटा को decrypt करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- Digital Signatures: Digital signatures एक cryptographic technique होती है जिसका उपयोग ब्लॉकचेन में डेटा को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। इसमें डेटा को sign करने के लिए एक private key का उपयोग किया जाता है जो कि इसे सुरक्षित बनाता है।