DMCA.com Protection Status

प्रत्यावर्ती धारा किसे कहते है, परिभाषा, उपयोग(Alternating current in hindi)

प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current in hindi)—ऐसी धारा जिसका परिमाण (Magnitude) व दिशा (direction) समय के साथ बदले व एक निश्चित समय बाद उसी परिमाण व दिशा के साथ, जिसकी पुनरावृत्ति हो, को प्रत्यावर्ती धारा कहते हैं।

प्रत्यावर्ती धारा का परिमाण व दिशा निरन्तर परिवर्तित होती रहती हैं। घरों में प्रयुक्त होने वाली त्यावर्ती धारा की आवृत्ति 50 साइकिल/सेकेण्ड होती है।

प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान (Meanvalue of Alternating current in hindi)—

एक पूरी साइकिल के लिये धारा का औसत मान शून्य होता है। यही कारण कि यदि A.C. को किसी चल कुण्डली धारामापी में प्रवाहित किया जाये तो उसकी सुई में कोई विक्षेप नहीं होता। A.C. द्वारा वैद्युत अपघटन की क्रिया भी संभव नहीं है।

प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान (Root-mean- square value of A.C.)—

प्रत्यावर्ती धारा के एक चक्र के लिये धारा के वर्ग के औसत मान के वर्गमूल को धारा का वर्ग माध्य या मूल मान कहते हैं। यदि धारा का शिखर मान (peak value) in हो तो, इसका वर्ग माध्य मूल मान

•irms=i°/√2

Join

इसी प्रकार यदि प्रत्यावर्ती वोल्टेज का शिखर मान । हो तो
वोल्टेज का वर्ग माध्य मूल मान

{\displaystyle {\begin{aligned}V_{\text{rms}}&={\sqrt {{\frac {1}{T}}\int _{0}^{T}[{V_{pk}\sin(\omega t+\phi )]^{2}dt}}}\\&=V_{\text{pk}}{\sqrt {{\frac {1}{2T}}\int _{0}^{T}[{1-\cos(2\omega t+2\phi )]dt}}}\\&=V_{\text{pk}}{\sqrt {{\frac {1}{2T}}\int _{0}^{T}{dt}}}\\&={\frac {V_{\text{pk}}}{\sqrt {2}}}\end{aligned}}}

प्रत्यावर्ती परिपथों में लगे अमीटरों या वोल्टेजमीटरों से हमें इनका वर्गमाध्यमूल मान ही प्राप्त होता है।

चोक कुण्डली (Choke coil)—

दिष्ट धारा परिपथों में धारा के मान को नियंत्रित करने के लिये धारा नियंत्रक (rheostat) का प्रयोग किया जाता है। परन्तु इसके द्वारा ऊष्मा का क्षय होता है।

Read More  What Color Is An Aircraft's Black Box? Meaning, Types, Definition

चोक कुण्डली धारा नियंत्रण की ऐसी व्यवस्था है जिसके द्वारा उष्मा का क्षय नगण्य होता है । इसमें ऊँचे प्रेरकत्व की एक कुण्डली होती है जो ताँबे के वैद्युतरोधी तारों को पटलित लौह क्रोड पर लपेट कर बनायी जाती है।

वाटहीन धारा (Wattless current)–

यदि किसी परिपथ में केवल धारिता (capacitor) या केवल प्रेरकत्व (Inductor) है तो यद्यपि परिपथ में धारा प्रवाहित होती है परन्तु परिपथ में औसत शक्ति क्षय शून्य रहता है। ऐसी धारा को वाटहीन धारा कहते हैं। परिपथ में शक्तिक्षण केवल प्रतिरोध में होता है।

यह article “प्रत्यावर्ती धारा किसे कहते है, परिभाषा, उपयोग(Alternating current in hindi)“पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया उम्मीद करता हुँ। कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।

DMCA.com Protection Status