पॉलीएस्टर (Polyester)
पॉलीएस्टर संश्लिस्ट रेशों का एक वर्ग है जो द्विहाइड्रिक एल्कोहॉल और द्विकार्बोक्सिलिक अम्ल के बीच बहुलीकरण अभिक्रिया के फलस्वरूप प्राप्त होती है। इन रेशों में चूँकि अनेक एस्टर (ester) समूह विद्यमान होते हैं, अतः इन्हें पॉलीएस्टर कहा जाता है।
पॉलीएस्टर की कई किस्में हैं जिनमें टेरीलीन सबसे अधिक प्रमुख है। टेरीलीन को बनाने के लिए टेरेथैलिक अम्ल एवं इथिलीन ग्लाइकॉल के बीच सघनन बहुलीकरण अभिक्रिया करायी जाती है। प्राप्त टेरीलीन को द्रवित करके इसे झिल्लीदार डिस्क से अत्यधिक गति से प्रवाहित करके टेरीलीन के धागे तैयार किए जाते हैं।
पॉलीएस्टर के धागे मजबूत एवं टिकाऊ होते हैं। साथ ही, ये खरोंच तथा जल के अत्यधिक प्रतिरोधी होते हैं। इनका विस्तृत उपयोग वस्त्र उद्योग में शर्ट, पैट, साड़ी, पर्दे, स्कर्ट तथा अन्य वस्त्रों के निर्माण में होता है। पॉलीएस्टर के कपड़ों से बने शर्ट, पैंट, स्कर्ट आदि पर बनाए गए क्रीज स्थायी होते हैं तथा जो धुलाई के बाद भी बने रहते हैं। अतः पॉलिएस्टर से बने वस्त्रों पर बार-बार इस्तिरी नहीं करनी पड़ती।
आजकल टेरीलीन रेशों को ऊनी तथा सूती रेशों के साथ मिलाकर वस्त्र बनने लगे हैं, जिनको हम क्रमशः ‘टेरीऊल’ तथा ‘टेरीकाट’ के नाम से जानते हैं। ऐसा करने से ऊनी तथा सूती कपड़ों की मजबूती बढ़ जाती है और इन कपड़ों की क्रीज भी जल्दी खराब नहीं होती। नाइलॉन की तरह टेरीलीन के रेशे भी पानी नहीं सोखते। यही कारण है कि टेरीलीन के कपड़े शीघ्र सूख जाते है।