पराश्रव्य तरंगें -Ultrasonic wave meaning in hindi
पराश्रव्य तरंगें वे अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगें हैं, जिनको आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज (20 किलो हज) से अधिक होती है। इन तरंगों को सबसे पहले गाल्टन (Galton) ने एक सीटी द्वारा उत्पन्न किया था। जब कुछ पदार्थों, जैसे क्वार्टज, जिंक आक्साइड के क्रिस्टलों पर प्रत्यावर्ती वोल्टेज आरोपित करते हैं तो इनके कम्पन से भी पराश्रव्य तरंगें (Ultrasonic wave in hindi) उत्पन्न होती हैं। चूँकि इन तरंगों की आवृत्ति बहुत अधिक होती है, जिससे इन तरंगों में ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा संचित रहती है। मनुष्य के कान इन तरंगों को नहीं सुन सकते, लेकिन कुछ जन्तु जैसे कुत्ता, बिल्ली, चिड़िया,चमगादड़,डालफिन आदि इन तरंगों को सुन सकते हैं।
चमगादड़ और पराश्रव्य application of Ultrasonic waves in hindi
चमगादड़ तो लगभग 100000 आवृत्ति तक की पराश्रव्य (Ultrasonic wave in hindi )तरंगों को सुन सकता है. चमगादड़ उड़ते समय स्वयं इन तरंगों को उत्पन्न करते हैं। यह तरंगें जब किसी वस्तु से टकराती हैं तो इन वस्तुओं से परावर्तित होकर पुनः चमगादड़ द्वारा ग्रहण कर ली जाती है जिससे उसे सामने अवरोध का पता चल जाता है तथा वह इनसे अपनी रक्षा करता हुआ रात्रि में उड़ता है।
पराश्रव्य तरंगों का हमारे जीवन मे उपयोग – uses of Ultrasonic waves in hindi
अधिक ऊर्जा संचित होने के कारण पराश्रव्य तरंगों (Ultrasonic waves in hindi) का हमारे जीवन में अत्यधिक उपयोग है। चिकित्सा जगत में रुधिर रहित आपरेशन, टयूमर आदि का पता लगाने, दाँत को निकालने आदि में इनका प्रयोग किया जाता है। पराश्रव्य तरंगें जीवों की कोशिकाओं को नष्ट कर सकती हैं, जिससे छोटे-छोटे जीवों को नष्ट किया जाता है। अमेरिका में हानिकारक जीवाणु आदि से दूध को मुक्त करने के लिये इनमें से पराश्रव्य तरंगें गुजारी जाती है।
तंत्रिकाओं तथा गठिया रोगों को भी इनसे ठीक किया जा सकता है। पराश्रव्य तरंगों के द्वारा वायु में उपस्थित धूल एवं कोयले आदि के छोटे-छोटे कणों का स्कन्दन (coagulation) कराया जा सकता है। इस गुण का उपयोग धुन्ध व कुहरा वाले दिनों में हवाई अड्डों पर धुन्ध को समाप्त कर विमानों को सुरक्षा पूर्वक उतारने में किया जाता है। इन तरंगों के द्वारा कीमती कपड़ों की धुलाई, घडी तथा विमानों के आन्तरिक कल-पुर्जो की सफाई भी की जाती है
इन तरंगों के द्वारा समुद्र की गहराई, समुद्र के अन्दर की बड़ी-बड़ी चट्टानों, हिमशैलों, विशाल मछलियों का भी पता लगाया जाता है। सोनार (SONAR-sound Navigation ranging) एक ऐसी विधि हैं जिसके द्वारा समुद्र में डूबी हुई. वस्तुऔ का पता लगाया जाता है.
इस विधि में पहले पराश्रव्य तरंगों को समुद्र के अन्दर भेजा जाता है। ये तरंगें डूबी हुई वस्तु से परावर्तित होकर वापस लौटती हैं। जितने समय में ये तरंगें जाती हैं व परावर्तित होकर लौटती हैं उसे ज्ञात कर लिया जाता है। यदि इन तरंगों की समुद्र चाल ज्ञात हो तो डूबी हुई वस्तु की गहराई का पता लगाया जाता है .
अवश्रव्य तरंगें -infrasonic waves meaning in hindi
अवश्रव्य तरंगें तरंगे वे यांत्रिक तरंगे है. जिनकी frequency 20 हर्ट्ज़ से काम होती है. ये तरंगे हमें सुनाई नहीं देती है. यह तरेंगे भूकंप के समय पृथ्वी के अंदर उत्पन्न होती है. हमारे ह्रदय के अंदर की आवृत्ति अवश्रव्य तरंगें जैसी होती है.