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आधुनिक आवर्त सारणी का आविष्कार कैसे हुआ- Everything about Modern Periodic table in Hindi

करीब 200 साल पहले हमें बहुत ही कम तत्वों के बारे में जानकारी थी। जिससे उनके गुणों का अलग-अलग अध्ययन करने में हमें कोई कठिनाई नहीं होती थी लेकिन समय के साथ एक-एक करके बहुत से तत्वों का (periodic table in Hindi) आविष्कार हुआ। जिससे उनके गुणों का अलग-अलग अध्ययन करने में वैज्ञानिकों को कठिनाई महसूस होने लगी।

इस दुविधा से बचने के लिए वैज्ञानिकों ने आवर्त सारणी की कल्पना की” जिसमें एक जैसे गुणवाले तत्व एक समूह में हो ताकि किसी विशेष समूह के किसी तत्व के गुणों का अध्ययन कर के उस समूह के अन्य तत्वों के गुणों का पूर्व अनुमान किया जा सके। “

आवर्त सारणी का इतिहास- History of periodic table in Hindi

सबसे पहले 18वीं शताब्दी में Lavoisier नाम के वैज्ञानिक ने तत्व को धातु और अधातु के आधार पर बांटा उनके अनुसार कुछ गुण सभी धातुओं में समान रूप से पाए जाते हैं।

सन 1866 में अंग्रेज वैज्ञानिक जॉन न्यूलैंड्स ने अपने समय तक खोजे गए तत्वों को उनके परमाणु द्रवमानो के क्रम में सजाकर एक नियम प्रतिपादित किया जिसे न्यूलैंड का अष्टक नियम कहते हैं।

न्यूलैंड का अष्टक नियम– इस नियम अनुसार यदि तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रवमानो के क्रम में सजाया जाए तो किसी भी तत्व से प्रारंभ करने पर आठवें तत्वों के गुण पहले तत्व के गुणों के समान होते हैं। जैसा-संगीत का आठवां स्वर पहले स्वर के समान होता है।

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न्यूलैंड का अष्टक नियम से प्रेरित होकर 1869 रूसी रसायनज्ञ दमित्री मेंडलीव ने तत्वों के भौतिक व रासायनिक गुणों का गहन अध्ययन करके तत्वों के वर्गीकरण की एक नई प्रणाली विकसित की। इस प्रणाली में उन्होंने तत्वों को बढ़ते हुए परमाणु द्रवमानो के क्रम में सजा कर देखा।

और अपने निष्कर्षों के आधार पर मेडलिव ने एक नियम का प्रतिपादन किया जिसे मेडलिव का आवर्त नियम भी कहते हैं।

मेडलिव का आवर्त नियम– इस नियम अनुसार “तत्वों के भौतिक व रासायनिक गुण उनके परमाणु द्रवमानो के आवर्तफलन होते हैं।” दूसरे शब्दों में समझे तो तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु परमाणु के क्रम में सजाया जाए तो एक निश्चित संख्या के बाद समान गुण वाले तत्व पाए जाते हैं।

19वीं शताब्दी के आरंभ में जर्मन रसायनज्ञ जॉन डॉबरेनर ने रासायनिक दृश्टिकोण से तत्व को तीन तीन समूहों में बांटा। जिसे आज हम त्रियक नियम के नाम से जानते हैं।

त्रियक नियम – इस नियम अनुसार त्रियक के तत्वों को उनके परमाणु क्रम में सजाने पर बीच वाला तत्व का परमाणु क्रमांक किनारे वाले शेष दोनों तत्वों के परमाणु क्रमांक का औसत होता है।

मेंडलीव की आवर्त सारणी-Mendeleev periodic table in hindi

मेंडलीव के समय कुल 63 तत्व ही ज्ञात थे। 1871 में मेंडलीव ने अपने नियम के आधार पर तत्वों के एक सारणी का निर्माण किया जिसे मेंडलीफ की आवर्त सारणी( Mendeleev periodic table) कहते हैं।

मेंडलीव की आवर्त सारणी की विशेषताएं- Some interesting features about Mendeleev periodic table in hindi

1) इस आवर्त सारणी में स्तंभों को वर्ग कहते हैं जिन्हें रोमन अंकों द्वारा निरूपित किया जाता है प्रत्येक वर्ग को A और B दो वर्गों में बांटा गया है।

2) इस सारणी के क्षैतिज कतारों को हम आवर्त कहते हैं।

मेंडलीव की आवर्त सारणी की उपयोगीताए-

1) इस सारणी की सहायता से तत्व और उनके गुणों का अध्ययन करना काफी आसान हो गया है। किसी वर्ग के एक तत्व के बारे में जानकारी हो जाने पर उस वर्ग के सभी तत्वों के बारे में पूर्ण अनुमान लगाया जा सकता है।

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2) मेंडलीव ने अपनी सारणी का निर्माण करते समय कुछ अज्ञात तत्वों के लिए सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए थे। उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा था कि आगे चलकर इन तत्वों का अविष्कार होने पर इन्हें इन रिक्त स्थानों पर रखा जाएगा।

3) मेडलिव के समय कुछ तत्वों के परमाणु द्रव्यमान गलत निकाले गए थे। जिनको मेडलिव ने अपनी आवर्त सारणी से ठीक किये।

परमाणु द्रव्यमान= तुल्यांकी द्रव्यमान× संयोजकता,

4) मेंडलीफ की आवर्त सारणी में रखे गए। किसी विशेष वर्ग के तत्वों की संयोजकता समान होती हैं।

मेंडलीव की आवर्त सारणी के दोष-Mendeleev periodic table defects in hindi

1) इस आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का स्थान सही नहीं है।

2) मृदा तत्वों की दो श्रेणियां लैंथेनाइड और एक्टिनाइड कहलाती हैं। इनको आवर्त सारणी से 2 अलग कतारों में रखा गया है।

3) मेंडलीव की आवर्त सारणी में तत्वों को उनके बढ़ते द्रव्यमान के क्रम में सजाया गया है लेकिन कुछ तत्व इस नियम का पालन नहीं करते। जैसे- कोबाल्ट और निकिल।

4) मेडलिफ के आवर्त सारणी में समस्थानिको के लिए कोई स्थान निश्चित नहीं है।

आधुनिक आवर्त सारणी का आविष्कार- Discovery of modern periodic table in Hindi

सन 1913 में मोसले ने बताया कि कैथोड किरणों से किसी तत्व पर प्रहार करने से एक नई प्रकार की किरने निकलती है जिन्हें एक्स किरणे कहते हैं।

जिस तत्व पर कैथोड किरणें प्रहार करती है उसे एंटीकैथोड कहते हैं। मोसले ने अनेक तत्वों को एंटी कैथोड के रूप में इस्तेमाल कर पाया की तत्वों के प्रकृति के अनुसार विभिन्न आवृत्तिओ वाली एक्स कितने का जन्म होता है। इस प्रयोग में मोसले ने पाया कि परमाणु द्रवमान नहीं बल्कि परमाणु संख्या तत्व का अधिक मालिक गुण है।

मोसले के अनुसार- “तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनकी परमाणु संख्याओं के आवर्तफलन होते हैं”
आधुनिक आवर्त सारणी को परमाणु संख्या के आधार पर तत्वों को सजा कर प्रस्तुत किया गया है।

आधुनिक आवर्त सारणी के गुण- Properties of modern periodic table in Hindi

1) आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को उनकी बढ़ती हुई परमाणु संख्या के क्रम में सजाया गया है।

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2) आधुनिक आवर्त सारणी में लैंथेनाइड और एक्टिनाइड को छोड़कर 18 स्तंभ है।

3) इस आवर्त सारणी के नीचे दो कतारों में लैंथेनाइड और एक्टिनाइड है।

4) आधुनिक आवर्त सारणी को 4 ब्लॉक में बांटा गया है। यह चार ब्लॉक हैं-s, p, d और f.

आधुनिक आवर्त सारणी की विशेषताएं
-Characteristics of periodic table in hindi

1) आधुनिक आवर्त सारणी के 1 वर्ग के तत्वों के बाहरी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होने के कारण उनके गुण समान होते हैं।

2) किसी वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर तत्वों के गुणों में क्रमिक परिवर्तन होता है इसका कारण यह है कि परमाणु के नाभिक और उसके बाहरी संयोजी इलेक्ट्रॉन के बीच आकर्षण में परिवर्तन होता है।

1) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

किसी वर्ग के सभी तत्वों के बार इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होते हैं। मतलब सभी तत्वों के परमाणु में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।

2) संयोजकता

आधुनिक आवर्त सारणी में किस वर्ग के सभी तत्वों की संयोजकता समान होती है।

3) आयनन ऊर्जा

किसी गैसीय परमाणु में सबसे कमजोर बल से बांधे इलेक्ट्रॉन को अलग करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को आयनन ऊर्जा कहते हैं।

आधुनिक आवर्त सारणी के दोष-Defects of modern periodic table in hindi

आधुनिक आवर्त सारणी ने मेडलीव की आवर्त सारणी के अधिकांश कमियां को दूर कर दीया है। फिर भी इस में निम्नलिखित दोष रह गए हैं।

1) आधुनिक आवर्त सारणी में मेडलिफ की आवर्त सारणी के भाती हाइड्रोजन का स्थान सही तरह से निर्धारित नहीं है।

2) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के अनुसार हिलियम का स्थान वर्ग 2 में छारीय मृदा धातु के साथ होना चाहिए था। किंतु इसे अक्रिय गैसों के साथ वर्ग 18 में रख दिया गया है।

ये article “आधुनिक आवर्त सारणी का आविष्कार कैसे हुआ- Everything about Modern Periodic table in Hindi” पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया. उम्मीद करता हुँ. कि इस article से आपको बहुत कुछ नया जानने को मिला होगा।

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