एक समय था जब हमारे देश के बारे में कहा जाता था कि भारत को देखना हो तो उसके गांव को देखना चाहिए परंतु वह अब बीते जमाने की बात हो गई है। एक अध्ययन के अनुसार 2008 में 34 करोड़ भारतीय शहरों के निवासी बन चुके थे और उम्मीद है कि यह 2030 तक बढ़कर 60 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
दुनियाभर में नए शहर बसाया जा रहे हैं और जिन शहरों में हम सदियों से रह रहे हैं उन्हें सुधार कर भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है। ऐसा करने की एक बड़ी वजह, बढ़ती जनसंख्या के दबाव और बढ़ते प्रदूषण से निपटने की योजना बनाना है। इसके साथ ही शहरों के विभिन्न सेवाओं को एक साथ Web Network पर जोड़ना सायद प्रमुख कारण है।
कैसे होंगे भविष्य के शहर- what is Future City in Hindi
भविष्य के स्मार्ट शहर कैसे होंगे इसका एक मॉडल हमारे देश के गुजरात में बनाया जा रहा है। वर्ष 2011 में गुजरात सरकार ने अहमदाबाद के नजदीक देश के इस पहले स्मार्ट शहर को बसाने की शुरुआत की थी।
गिफ्ट नामक इस Smart City को करीब 886 एकड़ क्षेत्रफल में बसाया जा रहा है। इस शहर को बनाने और बसाने का काम वर्ष 2021 तक पूरा कर लिये जाने की उम्मीद है। अब आप सोच रहे होंगे इसे Smart City क्यों कहा जा रहा है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि यहां पर बनाई जा रही ज्यादातर इमारतों में विज्ञान की मदद से modern technology का इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे- फिलहाल यहां कोबाल्ट ब्लू क्लास से Twin Tower बनाए जा रहे हैं।
साथ ही इस टावर के पास 12 किलोमीटर लंबी एक भूमिगत सुरंग भी बनाई जा रही है इस सुरंग से पूरे शहर के लिए पानी की पाइप, लाइन बिजली की लाइन, ऑप्टिकल फाइबर, साथ ही अन्य चीजों का जाल बिछाया जा रहा है।
यह सुरंग कितने कामाल की होगी इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि घरों और दफ्तरों में पैदा होने वाले ठोस कचरे को हटाने के लिए टनल के भीतर मौजूद पाइप लाइन के जरिए 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चूस लिया जाएगा और फिर इसे सीधा कचरा प्लांट में भेज दिया जाएगा।
बक्से में बंद शहर-
यह सुनने में काफी मजेदार लग रहा है। दक्षिण कोरियाई शहर सॉन्गदो को फिलहाल स्मार्ट शहरों का सरताज कहां जा रहा है। 35 अरब डॉलर की लागत से इस शहर को बसाने का कार्य 2005 में शुरू हुआ था। इस शहर की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यहा पर सार्वजनिक इस्तेमाल की हर चीज में इलेक्ट्रॉनिक सेंसर लगे हुए हैं।
जैसे यहां पर लगने वाली स्वचालित सीढ़ियां। तभी चलती हैं जब उन पर कोई व्यक्ति खड़ा हो। इस शहर के सभी घरों में telepresence system लगाया जा रहा है जो घर के सदस्यों के आने जाने की सूचनाओं को दर्ज करता है। और अजनबीयों की पहचान करके इसकी तुरंत सूचना दर्ज करता है।
संयुक्त अरब अमीरात का शहर
संयुक्त अरब अमीरात में दुनिया का सबसे स्मार्ट शहर बनाया जा रहा है। इस शहर का नाम मस्दर हैं जिसका अर्थ होता है स्रोत। इस शहर को आबू धाबी के रेगिस्तान के बीचो-बीच बसाया जा रहा है इसकी विशेषता यह है कि इसे दुनिया के सबसे ज्यादा सस्टेनेबल शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है इस शहर में निजी गाड़ियां नहीं होंगी उनकी जगह बिजली से चलने वाली बिना ड्राइवर की गाड़ियां होंगी।
साथ ही यहां पर इस्तेमाल होने वाली बिजली solar energy और solar wind से हासिल की जाएगी। हालांकि ऐसा शहर बसाने की लागत कई अरब डॉलर हैं इसलिए इस तरह का दूसरा शहर बनाना संभव नहीं है जो इसकी सबसे बड़ी कमी है।